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00:00एक गाओं में मंगमा और अवंतिका नामक सास बहु रहते थे। उन में सास बहुत अच्छी थी। वो अपनी बहु अवंतिका का खूब ख्याल रखती थी। लेकिन अवंतिका बहुत बुरी थी। वो हमेशा अपने सास से बहस करती थी। लेकिन जब तक उसका पती घर पे �
00:30और इतना ही नहीं, अगर उसकी सास अवंतिका की बात नहीं मानती थी, तो वो ऐसे कहती थी, अगर तुम मेरी बात नहीं मानी न, मैं अपनी पती को बताकर तुमें इस घर से बाहर निकलवा दूगी, समझी? इसी कारण, मंगमा, इस उमर में मैं बाहर जाकर कैसे जी पाऊं�
01:00उसके घर आते हैं, तब वो अपनी सास से ऐसे कहती है, हाँ, सुनो, शेहर से मेरे दोस्त आये हुए है, उन सब के लिए विबन प्रकार के व्यांजन बनाओ, और वो भी जल्दी, उतने व्यांजन में कैसे बनाओ बेटा, कुछ ही पकाऊंगी, हाँ, मेरी सहेलियों के सामन
01:30अगर तुम भी थोड़ा मदद करोगी, तो अपना बना पाऊंगी, क्या, मैं तुम्हारी मदद करूँ, मतलब मेरी सहेलिया यहां आई हुई है, उनको छोड़कर मैं तुम्हारी मदद करते रह जाओ, तुम जरूर ये सब मेरे दोस्तों के सामने मेरे इज़त निकालने के
02:00कमा वहां से जाकर रसोई घर में एक के बाद एक व्यंजन बनाने लगती है, और यहां अवंतिका उसके सहेलियों के सामने, देखा तुम लोगों ने, मैं मेरे सास को मेरे काबू में रखती हूँ, मेरी सास तो मेरे सामने अपना मुव भी खोलती नहीं है, मैं जो बोलू व
02:30सास को इतना काम देना ठीक नहीं लग रहा मुझे, और वो अकेली इतनी सारे काम कैसे करे गया वंतिका, ऐसे पूछती है, ए तो छुपकर, अगर हम ऐसे नहीं रहेंगे न, तो यह सब हमारी सास न, हमारा फैदा उठाएंगी, हमें उनके काबू में कर लेंगे, और उनका क
03:00सोचो क्या ही हो जाएगा, अरे चल, कुछ नहीं होगा, यहां जो कुछ हो रहा है, कई और बैठे मेरे पती को कैसे बता चलेगा, तू भी न, अरे पर तुम्हारी सास तो बोल सकती है न, हां, नहीं बोलेगी, क्योंकि मैंने उसको धमकाया, कि वो अगर एक भी बात उसके �
03:30ऐसे वैसे नहीं रहेगा, एकदम फाड कर रखी है मैंने, ओ, तो ऐसे तुम दोनों को उलो बना रही हो, इन लोगों की सारी बाते छुपकर पीछे से उसकी सास सुन लेती है, और तब वो फैसला करती है कि उसके बहु को सबक से खाना ही होगा, तब वो वहां से जाकर काम क
04:00काम करवाती रहती है, और ऐसे वो अपनी सहीलियों की साथ खूब मस्ती करती है, कुछ देर बाद उसकी सारी दोस्त वहां पे खा पी कर चले जाते हैं अपने घर, तब अवंतिका, क्यों सासुमा, कहां पे हो, यही तो हूँ बेटी, क्या चाहिए, घर में बहुत कच्रा है
04:30मंगमा बहुत ठक जाती है, लेकिन अब वो कुछ कर भी नहीं सकती थी, इसलिए उसके बहु के दिये हुए सारे काम एक के बाद एक खतम करती है, वहां से कच्रा फेक के वो घर पूरा साफ करते थी है, अगले दिन मंगमा उदास बैठे रहती है, तब पडोसी घर की बेट
05:00पर ये सब मंगमा नहीं सुनती है, अपने खयालों में खोई रहती है, तब अमृता, तादी, तादी, ऐसे जोर से पुकारती है, तब मंगमा होश में आकर, अ, बोलो बेटी अमृता, यहां कैसे आना हुआ, मेरा छोड़ दीजे दादी, लेकिन आप ऐसे उदास क्यों बै
05:30अज के लिए जो भी तुम्हारी बहु तुम से कहती है ना, वो काम कर लो, और कल से ये नौबत तुम्हें नहीं आएगी, तब मंगमा, ऐसे कैसे अमृता, ऐसे क्या कर लोगी तुम, आरी, वो सबाब मुझ पे छोड़ दीजे तादी, मैंने कहा ना, कि मैं संभाल लोंगी
06:00अरे, घर में तो वाशिंग मेशीन है ना, बेटा, उसमें डाल देती, ये कपड़े अगर वाशिंग मेशीन में डालेंगे ना, तो खराब हो जाएंगे, तुम पहले काम करो ना, ठीक है बेटा, दो लोंगी, मंगमा, उन सारे कपड़ों को अच्छे से धो कर, उन्हें सू
06:30अलमारा में लगा दो, उसकी बहु की बात मानकर, वो उन सारे कपड़ों को तै करके, उनका इस्तरी करके, अलमारा में लगा देती है, अगले दिन मंगमा का बेटा, शहर से घर वापस लोटता है, और आते ही, अवंधिका, अवंधिका, कहां हो तुम, ऐसे जोर से चिलाता
07:00मैं बना दूंगे, ऐसे वो मंगमा को बाहर बिजा कर, हाथ में चमच लिए, ऐसे नाटक करती है, जैसे वो पूरा काम कर रही है, ऐसे ही वो बाहर आकर, क्या हुआ जी, आप एतनी देर से बुला रहा हूं, अब आई तो बाहर, इतनी देर से अंदर क्या कर रही थी, ऐसे �
07:30है कितना काम कर रही हो तुम, यह क्या ऐसे बात कर रहे है, ऐसे वो मन में सोचती है, तब अवंतिका का पती सीधा उसके मा के पास जा कर, मा, तुम्हारी बहु का इस व्यवहार के लिए मैं माफी मांग रहा हूं, यह सुनकर, मंगमा एकदम दंग रह जाती है, और वो ऐसे
08:00भी देखा मैंने कि तुम मा की कितनी अच्छी ख्याल रख रही हो, यह कहकर पॉकेट में से एक मोबाइल निकालकर उसमें एक वीडियो अवंतिका को दिखाता है, उस वीडियो में अवंतिका अपने सास से कपड़े धुलवाना, उनका इस्त्री करना, तै करना, यह सब दि
08:30लेकिन वो अपना गलती मानकर चुप चप खड़ी रहती है, उसके बाद अपनी गलती का एसास होने के कारण वो अपनी सास का बहुत अच्छा ख्याल रखने लगती है