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00:00राम पसाद अपने आटो में बहुत गुस्से में घर आया था
00:03वो घर आके पार्किंग भी ठीक से नहीं करता है
00:06गाड़ी को दिवार से चिपका कर लगा के
00:09वो उतने ही गुसे में वहां मौजूद एक बेट पे बैठता है
00:13वही दर्वाजे के पास उसके लिए इंतजार कर रही उसकी पत्नी रामा देवी ये सब देख
00:19अरे क्या हुआ जी क्यों इतना गुस्सा
00:22गुस्सा नहीं तो और क्या आएगा ऐसे वो क्रोध में बात करता है
00:26हाई भगवान पहले ये तो बताओ कि हुआ क्या इस गुस्से का कारण क्या है
00:33अरे हरों सितना मेहनत करके जो पैसे मैं कमा रहा हूँ
00:37वो सब तो पेट्रोल भरवाने में ही जा रहा है
00:39अब मेरे बचत के क्या पैसे रहेंगे और मैं क्या कमाऊंगा
00:42अच्छा तो बढ़ रहे पेट्रोल रेच पे है आपका गुस्सा
00:47मैंने तो कुछ और ही सोच लिया था
00:49अच्छा तो तुम्हें मेरा वज़ा छोटा लग रहा है
00:52अब आप अकेले तो नहीं हो ना जो इस मुश्किल से गुजर रहा है
00:58देश के सारे लोग इसी मुश्किल से गुजर रहे हैं
01:02तो क्या मैं गुसा नहीं कर सकता हूं इस बात पे
01:04नहीं मैं ये कह रही हूं कि सिर्फ आपके गुसे से कुछ नहीं होगा
01:09आपके ही तरह अगर सभी को इतना गुसा आया
01:12सिर्फ तब ही इस मुसीबत का एक हल मिलेगा
01:15अच्छा तो मैं क्या करूँ वो भी तुम ही बता दो
01:18तो पहले आप इस पेट्रोलेट्स के बारे में सोचना बंद कीजे
01:22और ये सोचिए कि हर रोज आपके आटो चड़ रहे ग्राहकों को दुगना कैसे बनाए
01:27मतरब अब मैं क्या करूँ मेरे एक आटो को दो में बनाओ या फिर मेरे आटो के पीछे एक और आटो लगाओ
01:34ऐसे पूछता है गुसे में इतने में रमादेवी कुछ कहने ही जा रही थी
01:38कि रामप्रसाद को ऐसे लगता है कि अचानक उसे कुछ समझ आया
01:42और वहां से उठकर तुरंत उसके आटो के पास जाकर उसे जांचने लगता है
01:48ये देख रमादेवी क्या हुआ जी अब फिर से क्या हो गया आटो को ऐसे जांच क्यू रहे हो आप
01:56खा जाओगे क्या उस आटो को
01:58अरे नहीं मैं आटो को नहीं खा रहा अब भी मुझे एक अच्छा आइडिया मिला है
02:05बस यही सोच रहा हूँ कि उसको करके कैसे दिखाओं ऐसे कहता है
02:09फिर रामादेवी कुछ कहने ही जा रही थी कि रामप्रसाद उसको सुने बिना आटो में बैट कर वहां से चले जाता है
02:17यह आदमी तो मुझे कभी समझ में नहीं आएगा
02:21यह सोच कर वो अपने काम करने लग जाती है
02:23बहुत देर के बाद रामप्रसाद उसके घर लोता है
02:26रामादेवी अपने पती रामप्रसाद को और उसके द्वारा लाए गए उस अजीब आटो को देखते ही रह जाती है
02:34यह क्या है जीब? ऐसे पूछती है आशिर चकित होकर
02:39अब तुमी तो कह रही थी कुछ देर पहले कि मेरे ग्रहकों को दुगना बनाना चाहिए
02:44तब ही मुझे ये विचारा आया
02:45मैं एक पुराने ओटो को लेकर उसके सामने के भाग को काटकर उस भाग को मेरे ओटो से जोड दिया है मैंने
02:53अब मेरे आटो बहुत सारे लोग चड़ेंगे और मुझे ज्यादा पैसे भी मिलेंगे।
03:00मेरा पती तो बहुत चालाख है।
03:03ऐसे कहकर खुश हो जाती है रमादेवी।
03:05अगले दन से रामप्रसाद के सोच के अनुसार ही बिना कोई मतलब के भी बहुत सारे लोग रामप्रसाद के अनोखे आटो में सेर करने चड़ जाते थे।
03:16और इसी कारण उसको बहुत सारे पैसे मिलने लगे। उसका तो लाब चल रहा था।
03:21ऐसे ही कुछ दिनों में रामप्रसाद का आटो सुबर से शाम तक बहुत भीड़त था। और पैसे भी उसे ऐसे ही मिलते थे।
03:30इतना कि रामप्रसाद को आराम करने का भी समय नहीं था। ऐसे कुछ दिन चल रहा था। उसके बार उसके भीड़त आटो को देख पुलिस उसके पास आते हैं।
03:41आटो को रोक कर ये कहते हैं कि पर्मिशन के बिना ऐसे अनोखे आटो को चलाना कानून के खिलाफ है।
03:50इसलिए वो लोग रामप्रसाद को गिरफतार करके उसके आटो को भी स्टेशन ले आते हैं।
03:54पुलिस स्टेशन पॉचने पर रामप्रसाद देखता है कि उसके ही आटो के जैसे वहाँ एक और आटो मौजूद है
04:00वो देख उसे लगता है कि उसी की तरह किसी और को वही विचार आया होगा
04:04ये सोचते हुए वो पुलिस स्टेशन के अंदर जाता है
04:07वहाँ मौजूद पुलिस इंस्पेक्टर क्या सोच रहे हो तुम अपने आपको
04:11तुमारे इस अनोखे आटो में लोगों को बिठा कर ग्राहकों को डराना चाते हो तुम
04:16और इतना ही नहीं तुम अपने ही जैसे आटो बना कर बेच भी रहे हो
04:20चल क्या रहा है आँ
04:22ऐसे पूछता है वो पॉलिस ओफिसर
04:25सर पेट्रोल रेट बढ़ जा रहे हैं और पैसे कम पड़े है
04:29इसलिए पैसे कमाने के लिए मैंने अपना दमाग का इस्तमाल करके इस आटो को ऐसे बनाया
04:34लेकिन मैंने कभी भी ऐसे ये वाले ओटो बना कर किसी को बेचा नहीं साब
04:38तब वो पॉलिस ओफिसर वहां मौजुद एक आदमी को देख
04:45ये देखो ये आदमी भी तुम्हारे जैसे एक ओटो चला रहा है
04:50जब मैंने पूछा उसने कहा कि तुमने ये ओटो उसको बेची है
04:54ऐसे कहता है राम प्रसाद उस आदमी को देख ओफिसर से ऐसे कहता है
04:58साब मैंने तो इस आदमी को कभी नहीं देखा है ये तो पहली बार है इसको देखना
05:03ये सुनकर वो पलीस आफिसर उस आदमी के और गुसे में देखता है और ऐसे कहता है
05:08क्यूं मुझसे ही खेल खेल रहे हो तुम
05:12सच बताओ ये आटो तुमे कैसे मिला
05:14ऐसे उसे जोर से धमका कर पूछता है
05:17डर के मारे वो आदमी
05:19साब साब मुझे माफ कर दो साब
05:22उसका अनोखा आटो देख सारे ग्रहक सिर्फ उसी के आटो में चड़ रहे है
05:27और क्यूंकि वो ज्यादा पैसे कमा रहा है
05:29मैंने भी अपने आटो को ऐसे बतल दिया साब
05:32तुनो इस आदमी को जेल में डाल दो
05:36और इसका आटो कई पे बेच दो
05:38आज से ऐसे आटो नहीं बनाएंगे
05:40उसका ख्याल भी रखो
05:41ऐसे कहता है वो पोलीस आफिसर
05:43जी साब
05:46लेकिन साब इस आदमी को और उसके आटो को क्या करे
05:50आपसे ये आदमी हमारे डिपार्टमेंट में ड्राइवर का काम करेगा
05:54उसी आटो में वो हर रोज
05:56ट्राफिक रूल्स के बारे में
05:57रोड पे सुरक्षित रहने के बारे में
06:00ट्राफिक रूल्स के खिलाब जाने पर क्या क्या होगा
06:03ये सब माइक लगाकर
06:04ये सारे शहर के गली-गली में घूम कर बोलेगा
06:08सब लोगों को ये अपने आटो में घूमते हुए जागरू कता देते रहेगा
06:13ये कहकर वो पुलीस ओफिसर वहां से चले जाता है
06:16ये सुनकर रामप्रसाद
06:17हाँ, भगवान का शुकर मुझे कोई तो नौकरी मिला
06:21महीने का इतना पैसा भी मिल रहा है मुझे
06:24अब जो है उसमें खुश रहूँगा मैं
06:27ये कहकर वो चुप-चाप खुशी में अपने घर चले जाता है