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  • 2 days ago

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00:00रमाया को उसी गाउं में खुद का एक खेत होता था। उस खेत में वो फसल उगाता था और उससे आई हुए पैसों से अपना घर चलाता था।
00:10हमेशा की तरह इस सार भी फसल तो मैंने उगा दिया। अब कर्मी की मौसम शुरू होने वादी है। जल्द ही तर्बूस की बीच डालने पड़ेंगे। ऐसे सोचकर तर्बूस की बीच लेके अपने खेत के ओर जाता है।
00:32अरे रे, मैं तो भूली गया कि इस साल गाउ में पानी नहीं है। मुझे अपने खेती के लिए पानी कहीं से भी लाना होगा, वरना इस साल मैं अपना घर नहीं चला पाऊंगा। ऐसे अपने आप में सोचते हुए दुखी होता है। इतने में उसके पड़ोसी खेत का मालि
01:02मैं हर साल चावल के फसल के बाद तर्बूज उगाता हूँ, मगर इस साल गाव में पानी ना होने के कारण मैं तर्बूज नहीं उगा सकता हूँ, मैं अपना घर कैसे चलाओंगा, क्या तुम पानी के बारे में इतना सोच रहे हो, उसमें क्या है, इस सारे गाव में सिर्फ मे
01:32मौजूद मोटर के साहता से पानी का उपयोग करके तर्बूज उगाता है।
01:37कुछ ही महीनों में उसकी खेट में तर्बूज अच्छे उपते दे, बहुत खुश होता है।
01:42हर साल से ज्यादा तो इस साल तर्बूज उगे हैं।
01:45इनको बेचुंका तो बहुत सारे पैसे मिलेंगे।
01:48ऐसे सोचकर सारे तर्बूजों को बेचने दुकान जाता है।
01:52वहाँ दुकान दा तर्बूजों को लेके पैसे दीता है।
01:56ये सब उसी दुकान के पास मौजूद विश्वना देखता है।
02:01रमया को तर्बूज के फसरूगा के बहुत सारे पैसे मिले हैं, मेरे पानी देने के वज़े से ही ये उसके लिए मुम्किन हुआ है, इसलिए आई हुए पैसों में आधा हिसा मुझे मिलना चाहिए, इसके बारे में मुझे रमया से पूछना होगा, रमया,
02:17मेरे पानी देने के वज़े से ही तो तुम इतने तर्बूजों को उगा सके हो, हाँ, आपने सची कहा है, उस दिन आपने अगर पानी नहीं दिया होता, तो आज मेरे हाथों में पैसे नहीं होते, अगर मैं तुम्हें पानी नहीं देता, तो तुम्हारे पास आज पैसे नहीं
02:47लेकिन तुमने मेरा एसान बागी चुका दिया।
02:59तुम अगर ऐसे ही रहोगे तो तुम्हारी अच्छाई ही तुम्हें नश्ट कर देगे।
03:08ऐसे कहकर पैसे लेके वहाँ से चले जाता है।
03:13के पास कुछ ही पैसे बचे हैं, इनके साथ मुझे कोई व्यापार शुरू करना होगा, मगर कौन सा? ऐसे सोचते रहता है, इतने में ही बगल में उसे एक आदमी कटे हुए तर्बूस एक बंडी पे बेचते हुए नजर आता है, प्यास लग रहा है, एक तर्बूस का तुक�
03:43तुकड़ा कितने क्या है? सिर्फ पांच रुपे है जी, एक तर्बूस का तुकड़ा पांच रुपे का है? एक पोरा तर्बूस तो बहुत कम पैसों में मिल जाएगा, मैं मेरे पास के सारे पैसों से तर्बूस खरीदूंगा और उन्हें ऐसे तुकड़े बना के बेचू
04:13बेचने लगता है, ऐसे उसका व्यापार बहुत अच्छा चलता है, हर रोज की तरफ एक दिन वो जब तर्बूस बेच रहा था, आप सब को पता है कि इस गाउ में कुछ दिनों से चोरी हो रही है, जो भी इन चोरों को पकड़के जमिनदार जी के हवाले करेगा, उनको ज
04:43चाल तर्बूस के तुकड़े दो ना, बाबू, आपको इस गाउ में मैं कभी नहीं देखा, गाउ में नए आये हो क्या, हाँ जी, किसके घर में रह रहे हो बाबू, पास में जान पैचान के लोग है, तो उनी के घर में है, इतने में रमाया को सुबा का विध्यापन याद
05:13चोर हो सकते हैं, इनका पीछा करूंगा तो सच पता चल जाएगा, मेरा शक भी चला जाएगा, ये फैसला करके उनका पीछा करता है, उन लोगों को एक घर में घुस्ते हुए देखता है, खिड़की में से उन लोगों को देखते रहता है, हम लोगों पे शक आये, इससे प
05:43पताना होगा परना आप सोली ँसका कारण तो मैं ही बन जाओंगा तुरंत वह वह से जमंन्दार के पास
05:51जाता हैं नन्हान साफ जमंन्दार साब आरे क्या हुआ रामया यहाँ आयो हो इस गाउं में हो तो रही
05:59चोरियों के पीछे जो लोग है, वो मुझे पता है, यही बताने आपके पास आया हूँ, मैं, इतना ही नहीं, मैं उन्हें ये कहता हुए सुना, कि वो आज आपके घर में चोरी करने वाले हैं, इसलिए तुरंत आपके पास आया हूँ, ऐसे सब कुछ जमंदार को बताता है, क
06:29ऊच्छाए के अनुसार सेवक उन चोरों के घर जाके उनको पकड़के जमंदार के पास लेके आते हैं।
06:36उन चोरों को पकड़ने के लिए गाहरों के सामनी रमाइया का अभिनंदन किया जाता है।
06:42और जमनदार उनके वचन के अनुसार उनके जायदात में एक हिस्सा उसको देते हैं।
06:47तुम्हारे अच्छाई के वज़े से ही तुम उनके जायदात में एक हिस्सा पाए हो।