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  • 4/26/2025

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00:00आयोध्या का राजा दशरद शादी होने के कई साल बाद भी बच्चों का ना होना देख बहुत दुखी होते थे।
00:09उनको उत्रादिकारी ना होने की चिंता बहुत थी।
00:13वशिष्ट महामुनी दशरद राजा को ऐसे देख उनकी चिंता की कारण जानते हैं।
00:19राजा महायगने का आयोजन कीजिए अब वो भगवान ही आपके चिंता दूर कर देंगे ये कहकर अगले ही दिन दशरद राजा और वशिष्ट मुनी मिलकर महायगने का शुरुवात करते हैं
00:33यग्य के दोरान एक शक्ति शाली आदमी प्रसाद लेकर उस यग्य की आग से बाहर आता है इस प्रसाद को अपने तीन बेवियों में बाढ़ दो ये कहकर प्रसाद को दशरद राजा की हाथ में देते हैं
00:47कुछ ही दिनों में काउसल्या को राम, कुछ और दिन बाद सुमुत्रा को लक्ष्मन और कुछ और दिन गुजरने के बाद काईकेई को भरत और शत्रुगन जन्मते हैं
00:57कुछ ही सालों में विद्याब्यास करने के लिए दैशरत राजा उनके बच्चों को वशिष्ट मुनिके आश्रम भेचते हैं।
01:08उनके पड़ाई के दौरान एक हाथा ऐसे हुआ था कि एक महा ज्याग्य को एक राक्षस रोकने की बहुत कोशिश कर रहा था।
01:27तब राम उसका ताकत और बुद्धी का इस्तमाल करके उस राक्षस को खतम कर देता है।
01:38और यग्य के बीच कोई आपती नहीं आने देता है।
01:43श्रीराम की वीर्ता का वशिष्ट महामुनी कदर करते हैं।
01:47दूसरी तरफ जनक महाराज सीता स्वयमवर के लिए डंडोरा पिटवाते हैं।
01:57यह जानकर राम के जन्म दिन के शुप संदर्पपे रामलक्षमन दोनों को सीता स्वयमवर ले जाते हैं।
02:08अतियंत सुन्दर सीता के लिए दूर-दूर से राजाय हाजर होते हैं।
02:13वही मौजुद शिव धनुष को जो आदमी तोड़ता है जनक महराज कहते हैं कि वही आदमी सीता के पती बन पाएंगे
02:33वही हाजर बहुत सारे राजाएं उनकी अपने अपनी ताकत का दिखावा करते हैं लेकिन सारे कोशिश विफल होते हैं
02:43पक अपने जनकी अपनी अभ पर प्याद हैं कर दो कर दो आदमी तो इव बंड़ता हैं
02:58तब वशिष्ट महामुनी के आदेश
03:28के अनुसार राम उस शिवधनुष्य को एक बड़ी ध्वनी से तोड़ देते हैं तब जनक महाराज सभी के आशरवात से राम और सीता के शादी धूम धाम से करवाते हैं
03:45उसके बाद वो दोनों उनके घर आयोध्या पहुंचते हैं
03:57झाल झाल में जनके अनके साथ वो दो दो दो के वाद दो दो दो दो दो दो दो दो दोगी कि कि आदेश