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00:01भागय मा बालेकाई की बज्जी बना रही थी लेकिन क्योंकि उसकी जिंदगी में वो पहली बार बना रही थी पूरा उल्टा सीधा हो रहा था जब वो बज्जी बना रही थी तो सारा तेल छिड़क कर उसके हाथ पे गिर रहा था
00:14दूसरी तरफ गर्मा गरम तेल में बालेकाई की बज्जी एकडम जल रही होती है ऐसे वो अपना काम ठीक से नहीं कर पाती है जो भी उसके दुकान बज्जी खाने आते थे उसके हाथों बनाए बज्जी चक कर उसके मूँ पे छी नहीं कह पाते और कुछ लोग उस जले हु�
00:44जाते हैं ऐसे अलग प्रकार के लोगों की विवित बरताव देख भागय मत ठक जाती है तब वो फैसला करती है आज इतना व्यापार काफी है मैं वापस घर चली जाती है यह कहकर वो अपना बज्जी का बंडी लेकर घर के और बढ़ रही होती है रस्ते में उसे याद आत
01:14की दाम क्या चल रही है एक केजी का सौ रुपए ऐसे कहता है सुदर्शन हाई भगवान अगर एक किलो सौ रुपए का है तो एक केला का कितना होगा एक केला का हजार रुपए लगेगा कहता है सुदर्शन हरे रे मेरे पास अतने पैसे नहीं है जी सारा दिन मेहनत करने के �
01:44कि क्या जरूरत है हर रोज जितने केजी चाहिए उतने किलो लेके जाओ यहां से लेकिन बस एक छोटी सी शरत है हां वो क्या है जी कुछ नहीं बस मुद्रेशादी करनी है तुझे ची कुछ ता कहीं का तुम्हारी इतनी हिम्मत मैंने सूचा तुम बुजर्ग हो तो इसलिए
02:14ऐसे भी मर गया और तुम्हें काम करना भी नहीं आता इसलिए क्या रहा हूं मुझसे शादी करेगी न तो अच्छा खासा घर पर आराम कर पाएगी सोच ले न ऐसे उसको चिडाते हुए कहता है सुदर्शन भागयमा घर पहुचकर उदास बैठी रहती है दरसल भागयमा �
02:44एक दन भूपती जमंदार के पास आकर ऐसे कहता है साप एक छोटी सी बात करनी थी बोलो भूपती क्या हुआ साप वो त्योहार आ रहा है तो बहुत सालों से आप बस बचा हुआ राइस दे रहे हैं इन खूलियों को इसलिए कम से कम अगर इस साल आप उनके पैसे दे दे �
03:14पैसे भी चाहिए तुम सोचते क्या अपने आपको मुझे बता रहे हो कि इनको क्या देना है और कब देना है तुम्हारी इतनी हिम्मत कूली साला साप हमको जितने पैसे आने थे हम वही बूच रहे हैं आपसे कुछ लूट तो नहीं रहे है ना आपको ऐसे खामखा जबान
03:44कूली सारे जहां बैठे थे वहां जाकर गिरता है तब भूपती बहुत क्रोधित होता है और तुरंत राइसमिल में सारा काम बंद करवाता है सारे कूलियों को राइसमिल के बाहर बिठा कर जब तक बेतर नहीं तब तक काम नहीं एक विबस्ता अंदर नहीं जाएगा और �
04:14फ्रशंसा करने लगे भागयमा की नजर बहुत पहले सी भूपती पे थी उसके सारे अच्छे काम भागयमा को बहुत पसंदादे थे इस हाथ से के बाद
04:24तो भाग्यम्ना सीधा भूपती के पास जाकर मुझसे शादी करोगे ऐसे पूचती है
04:30भूपती थोड़ा सोचकर अगर तुम मुझसे शादी करोगी तो तुम्हें ये गाउं छोड़ कर आना पड़ेगा
04:38क्योंकि तुम्हारा परिवार मुझे कभी नहीं मानेगी और उन्हीं के सामने तो हम रह नहीं सकते तु जाना ही पड़ेगा
04:45तो फिर क्या तुम्हें मन्जूर है ऐसे पूचता है भूपती तुम चाहा हूँ मैं भी वही अपसे मेरी जिन्दगी सिर्फ तुम्हारे साथ
04:55तब ये दोनों उस गाँ छोड़कर ये गाँ आते हैं दोनों बहुत दिन बहुत अच्छे से जीते हैं और क्योंकि भागेमा बड़े गड़ की बेटी थी भूपती उसे यहां कोई काम करने नहीं देता था वो भी लाड़ों से उसका देखबार करके बहुत प्यार करता थ
05:25भूपती और बस उस दिन के बाद से भागेमा की कश्टाये शुरू हो गई किसी को भी उस गाँ में नहीं पता था कि भूपती कहां पर है लेकिन भागेमा उस गाँ के चारों और घेरे हुए सारे जंगलों में जाकर अपने पती को ढूनने लगती है लेकिन कही भूपती �
05:55लेकिन कोई भी उसकी बात नहीं सुनता है ऐसे कुछ दिन रोते रोते उसके घर पे ही बैठे रहती थी लेकिन बात में फैसला करती है कि तब तक उसे अपने आपको संभालना होगा भूपती के आने की इंतजार में उसको कोई काम करके पैसे कमाना था तब से वो हर उसकोई �
06:25का अधिकारी अरे जाओ बेटी जाओ तुझे कोई काम करना ही नहीं आता है इन सारे तूट गए चलो निकलाब ऐसे कहता है आगले दन वो गाय को घास किलाने कहीं ले जाती है तब उनमें से एक बच्छडा बिच्छड जाता है तब वहां का अधिकारी भी नयोगा बेटी
06:55उसे देवता की मूर्ती दिखाई देती है उस मूर्ती के पास जाकर वो ऐसे रोती है एक ही बार में मुझे ऐसे मुश्किलों में डालना था क्या क्या इसी दिन देखने के लिए मुझे बच्छपन से लाड़ों से पाला गया मेरा पती जहां भी हो उसे घर लोटा दो और �
07:25मुझे में मौझो सारे बालेकाई की पेड बालेकाई से भरे हुए होते हैं तब भागयमा को लगता है कि देवी की कृपा था यह सब वो बालेकाई और केलों को बेचने मार्केट जाती है एक तरफ वो बालेकाई को बेचती थी और दूसरे तरफ बालेकाई की बज्या बन
07:55बहुत अच्छे लगते हैं ऐसे एक ही दिन में और कुछी घंटों में उसके सारे बाले काई और केलों को बेच कर वो खुशी-खुशी घर लोटाती है घर आते ही वही बारामदय में बैठे अपने पती बूपती को रोते हुए देख उसके पास भागते हुए भागयमा क्या
08:25कहता है भूपती तब जाकर वो दोनों इतनी दिन जो कुछ भी हुआ एक दूसरे से कहते हैं तब भूपती उस सुदर्शन का अंत तो मैं देखूंगा ही यह कहकर आपसे तुम्हें काम करने की कोई जरूरत नहीं है मैं आ गया आना मैं ख्याल रखनूंगा सबका ऐसे कहता
08:55इसलिए आज से हम दोनों मिलकर काम करेंगे और पैसे कमाएंगे भूपती भी मान जाता है और अगले ही दिन से कि दोनों बालेकाई की बजजी और बालेकाई और केलों को बेचने लगते हैं बहती कम समय में बहुत सारा पैसा कमा लेते हैं और इतना ही नहीं बांध के वि�