पूरा वीडियो: दादा-दादी की गज़ब समझदारी || आचार्य प्रशांत, वेदांत महोत्सव (2022)
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00:00आज आपके सामने इसलिए बैठ पाया हूँ, क्योंकि मेरे घर में मेरे पिताजी की एक लाइबरेरी थी, इतना मुझ पर मेरे पिताजी ने उपकार करा, और मेरा उसमें मन लग गया, और महीं उनके सामने जमीन पर बैठ जाता था, ऐसे सोफा था और ये अलमारी थी, तो सो
00:30आत्मी की था, जितनी दिशाएं हो सकती हैं, लेखन की सब मौझ थी, मुझे वो ना मिला होता, मैं आज आपके सामने नहीं बैठा होता, बाप का इससे बड़ा क्या करतवे होगा, कि बच्चे के सामने दुनिया की उँची से उँची बात, आज तक कि जो उच्चतम विच