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00:00द्रापदी आज हो जाए पांच पतियों के साथ आप जीने दोगे उसको जल्दी बोलो
00:04मैं नहीं कह रहा हूँ कि द्रापदी अकेले ही भारतिय संस्कृत का प्रतेनिधित्तो करती है
00:10पर यदि द्रापदी जैसी महिला हो पाई तो इससे क्या पता चलता है
00:14भारती समाज तब कैसा था और संस्कृती कैसी थी
00:16बहुत सम्मान था महिला के लिए
00:18कितने ही उदारण मिलते हैं जहां नारी ग्रह प्रमुख रही है
00:22यहां नारी के कहने पर बात चलिये और उसकी बात को टाला नहीं जा सकता
00:26इंदरा गांधी भारत में प्रधान मंतरी बन पाई है उसकी वजह यही है
00:30भारत की इस्मृती में अभी थोड़ी बहुत किरण शेश है
00:35थोड़ा सा हमको याद है कि हाँ
00:36महिला सम्मान की पातर होती है
00:38महिला उच्चतम स्थान की पातर होती है
00:41लेकिन बस थोड़ी भहुती शेश है, अधिकांश्ता तो हम सब भुला चुके हैं, अधिकांश्ता तो हमारे लिए महिला बस पाउं की जूती है, भोग का साधन है, भोगो उसको, भोगो!