Sita Navami 2025: पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी का पर्व मनाया जाता है. इसे जानकी जयंती भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन माता सीता की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. आइए जान लेते हैं सीता नवमी की पूजा से जुड़ी सभी जानकारी.
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00:00कलियानी 5 माई 2025 को सीता नवमी मनाई जाएगी
00:30को जानकी जैनती के नाम से भी जाना जाता है
00:32सीता नवमी की दिन कथा का बड़ा ही महत्व है
00:35आईए आपको सुनाते हैं इस दिन की महत्वपून कथा
00:38पौरानिक कथा के मुताबिक मिथिला की धर्ति पर कई सालों तक पानी की एक बून भी नहीं पड़ी थी
00:44राजा जनक का पूरा राज्य पानी के बिना रेगिस्तान बना हुआ था
00:48भयंकर अकाल और सूखे की वज़े से मिधिला लोगों को पानी की एक एक बून के लिए तरसना पड़ रहा था
00:54अपनी भूकी और प्यासी प्रजा को देखकर राजा जनकर जी विचलित से रहने लगे
01:00मिधिला की बिगरती हालत को देखकर रिश्यों ने राजा जनक से कहा कि वो सोने की हल खुद खेत में चलाएं
01:06जिससे इंद्योदेव की किरपा उनके राजे पर हो
01:09इसके बाद जनक जी ने हल खेत से जोतना शुरू किया
01:12तब ही उनका हल किसी बकसे से टकरा गया
01:15फिर उन्होंने उस बकसे को बाहर निकाल कर देखा तो उसमें एक बच्ची थी
01:19राजा जनक की उस वक्त कोई संतार नहीं थी
01:22इसलिए उन्होंने उस बच्ची को गोद ले लिया और उसका नाम सीता रखा
01:26राजा जनक की बेटी होने के कारण उन्हें जान की जी भी कहा जाता है
01:30इसके लावा माता सीता को मैथिली और भूमी जा के नाम से भी पुकारा जाता है
01:34दरसल भूमी से जन्म लेने की वज़ा से उनका नाम भूमी जा पड़ा
01:38कहते हैं कि सीता जी के परकट होते ही मिथिला राज्ये में जम कर बारिश होई और महा का सूखा दूर हो गया
01:45इसके लावा आपको बदा दें वैश्राव संप्रदाई में आज माता सीता के निमित वरत रखने की परंपरा भी है
01:51आज वरत रखकर श्री राम की मूर्ती सहित माता सीता का पूरे विदिविधान से पूजन करना चाहिए और उनकी स्तुति करना चाहिए
01:57कहते हैं इस दिन जो कोई भी वरत करता है उसे सोला महादानों और सभी तीर्थों के दर्शन का फल मिलता है
02:04लहाजा सीता नवमी के दिन का लाव आपको जरूर उठाना चाहिए
02:08साथी माता सीता और शिरी राम के मंतर का ग्यारा बार जब करना चाहिए
02:12फिलाल इस वीडियो में इतना ही अगर आपको ये जानकारी पसंदाई हो तो इसे लाइक करें शेयर करें और चैनल को सब्सक्राइब करना बिलकुल ना भूलें