Sita Navami 2025: सीता नवमी का दिन माता सीता के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। वैशाकः माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन सीतानावामी मनाई जाती है। इस साल सीता नवमी 5 मई, सोमवार के दिन पड़ रही है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जहां कुछ कार्य करने से माता सीता को प्रसन्न कर उनसे सुखी पारिवारिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है तो वहीं, इस दिन कुछ कार्यों को भूल से भी नहीं करना चाहिए, नहीं तो इससे पारिवारिक क्लेश में वृद्धि होती है। आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि सीता नवमी के दिन के करें और क्या न करें।
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00:00सीता नवमी का दिन माता सीता के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता है
00:04वेशाक माह के शुकल पक्ष की नवमी तिथी के दिन सीता नवमी मनाई जाती है
00:09इस साल सीता नवमी 5 मई सोमवार के दिन पड़ रही है
00:12ऐसा माना जाता है कि इससे दिन जहां कुछ काम करने से माता सीता को खुशी मिलती है और वो पारिवारिक जीवन का आशिरवात देती है तो वहीं इस दिन कुछ कामों को भूल से भी नहीं करना चाहिए नहीं तो इससे पारिवारिक कलेश में इजाफा होता है
00:27आईए जानते हैं सीता नवमी की दिन क्या करें और क्या नहीं
00:31सबसे पहले जानते हैं सीता नवमी की दिन क्या करना चाहिए
00:34तो आपको बदा दें सीता नवमी की दिन सुभा उठना बहुत शुब माना जाता है
00:38इसके बाद पवित्र होकर इसनान करना चाहिए
00:40अगर संबाव हो तो किसी पवित्र नदी या जलाश्य में इस्नान करना और भी उत्तम होता है
00:45क्योंकि इस से तन और मन दोनों शुद होते हैं
00:47इस्नान के बाद घर के पूजास्थल को अच्छी तरह से साफ करना
00:50और उसे फूलो मालाओं और बाकी साजावटी वस्तूओं से सजाना चाहिए
00:55सीतन अवमी का दिन माता सीता के जनम दिवस के रूप में मनाया जाता है
00:58और इस दिन किये जाने वाले कुछ खास काम माता सीता की करपा और आशिरवाद प्राप्त करने में मदद करते हैं
01:04इन कामों को श्रद्धा और भक्ती के साथ करने से जीवन में सुक शान्ती और सम्रद्धी आती है
01:09सबसे पहले सीतन अवमी की दिन प्राता काल उठना बहुत शुब है
01:13इसके बाद पवित्र होकर इस्नान करना चाहिए
01:16अगर संभव हो तो किसी पवित्र नदी या जलाशे में स्नान करना और भी उत्तम होता है
01:20क्योंकि सितन और मंद दोनों शुद होते हैं
01:22स्नान के बाद घर के पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करना
01:25और उसे फूल मालाओं और बाकी सजावटी वस्तों से सजाना चाहिए
01:29पूजा स्थल पर माता सीता और भगवान राम की सुंदर प्रतिमा या चितर स्थापित करें
01:33माता सीता की प्रतिमा को खास तरह से शरंगारित करना चाहिए
01:37जिसमें फूल, वस्त्र और आभूशन शामिल हो
01:39इसके बाद पूजा की शुरुवात में घी या तेल का दीपक जलाएं
01:42माता सीता का ध्यान करते हुए उनसे सुख, शांती और समृद्धी की प्रात्ना करें
01:47पूजा के दूरान माता सीता और भगवार राम को फल मिठाई और घर पर बने पारमप्रिक व्यांजनों का भूग लगाना चाहिए
02:06इस पवित्र दिन करीबों और जरुत मंदों को भोजन वस्तर और बहुत सारी जो जरूरी चीजे होती है वो दान करना बेहद फलदाई माना जाता है
02:15अपने श्रद्धा और स्वास्त के मुताबिक इस दिन वरत भी रखा जा सकता है जिसमें फलाहा निर्जला वरत भी शामिल हो सकता है
02:22मंदिरों में या घर पर आयोजित धार्मिक कामों में सक्रिय रूप से मदद करना भी एक अच्छा काम है
02:28तो जली अब जानते हैं सीता नवमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए
02:31सीता नवमी के दिन किसी भी तरह की अशुदता से बचना चाहिए
02:35इसका मतलब है कि हमें शारिरिक और मानसिक रूप से स्वच रहना चाहिए
02:38अपवित्र या अशुद काम करने से इस दिन बचना चाहिए
02:41इसके लावा इस दिन करोध और नकरात्मक विचारों को अपने मन में नहीं आने देना चाहिए
02:46गुस्सा, इरिश्या या किसी भी तरह की नकरात्मक भावनाएं इस पवित्र दिन के महत्व को कम कर सकती है
02:51ये भी महत्वकूर्ण है कि इस दिन किसी का भी अपमान ना करें खासतोर से महिलाओं का सम्मान करना चाहिए
02:56मातसीता को इस तरही शक्ती का प्रतीक माना जाता इसलिए किसी भी महिला के प्रती अनादर का भाव रखना सही नहीं है
03:03मास मदीरा या किसी भी तरह के तामसिक भोजन का सेवन इस दिन पूर्णता वर्जित है
03:08ये दिन सात्विक रहने और मन को शुद रखने का है
03:11इसलिए ऐसे प्रदार्तों से दूर रहना चाहिए जो मन को अशान्त करते है
03:15सत्य का पालन करना इस दिन बेहद जरूरी है
03:18इसने जूट बोलने से बचना चाहिए किसी के साथ भी कटू वचन नहीं बोलने चाहिए
03:22और सभी के साथ प्यार से रहना चाहिए
03:25अपने घर और आसपास की जगा को साफ सुतरा रखना चाहिए
03:28क्योंकि स्वच्चता, देवी लक्ष्मी और माता सीता दोनों को प्यारे हैं
03:31प्रकृति का सम्मान करना भी काफी महतपूर है
03:34इसनिये जरुरत ना हो तो पेड़ पौदों को नहीं तोड़ना जाई
03:37कुछ धार्मिक मानिताओं के मताबिक इस दिन शारिरिक सम्मद बनाने से भी बचना चाहिए
03:40और भ्रमचर्य का पालन करना शुब होता है
03:43सुबा देर तक सोना भी उचित नहीं है
03:44क्योंकि सुबा जल्दी उठकर पूजा पार्ट में दिहान देना इस दिन का मेतपूर अंग है
03:49इन सभी कामों से परहिस करके हम माता सीता के प्रति अपने श्रद्धा और भक्ती जाहिर कर सकते हैं
03:54और उनके आशिरवात के पात्र बन सकते हैं
03:56फिलाल इस वीडियो में इतना ही
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