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00:00अरे तुम क्या कर रहे हो नोदुर्गा शुरू हो रही है ये बकरी के उठाए लिके जा रहे हो जी काटते है जी क्यों काटते हो जी कौन खाता है बकरी को निश्यत मानो ये सब पशुपक्षी ये तो देवी के भी बच्चे बच्चिया है देवी तो नहीं खाती कौन खाता
00:30स्वदी मित्या वर्दाई नि अंतकार अज्यान हरे
00:36जै जै मा महिशा सुलमर्दी नि हम तेडा जैकार करे
00:43आत्म ज्यान के बाण मार कर पल में भाप बिनाश करे
00:50बैवन जरी दुख नाशी नि देवी पहत जरों के दुख हरे

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