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00:00बुद्ध तो बिना बताए निकलाए थे
00:01महावीर बरसों तक बताते रहे मुझे जाना है
00:04उनके घरवाले जाने न दे
00:05यहां दोनों कथाओं में बड़ी भिन्नता है
00:06दोनों राजपुरुष थे
00:08तो जाके बोले जाने तो पोले नहीं अभी रुख जाओ
00:10अभी पिताव रिद्ध है
00:11तो ऐसा जाने तीन बार जाने पांच बार हुआ
00:13यह अनुमति मांगने जाए और घरवाले क्या बोले नहीं अभी नहीं
00:16अभी घर की ऐसी स्थित ठीक नहीं है
00:18अभी मां के लिए अभी भाई पर भार आ जाएगा
00:20महावीर कहें आप अनुमति नहीं दोगे तो मैं
00:22अन्तत्र जो होता है वो बड़ी विलक्षन बात है
00:25घरवालों को दिखने लग जाता है कि यह जा चुका है
00:27यह लड़का अब है नहीं
00:28हमने इसकी देह को ही रोक लिया है क्योंकि हमारा इससे रिष्टा धेका है
00:32और इसी के नाते यह हमारी आग्या लिये भी न जान नहीं रहा है
00:35क्योंकि इसकी देह पर हमारा अधिकार है
00:37तो यह देह से हाँ है लेकिन यह मन से यहां का भै नहीं
00:40रोकते रोकते रोकते जब घरवालों को सफष्ट हो गया कि रोकने से कुछ होगा नहीं
00:43यह तो जा चुका है उड़ गया तो नहीं निकात रुचा
00:45खुल मिलाकर बात यह कि देह का रिण तो चुकाना पड़ता है
00:49और मात्र अपने परिवार की प्रति नहीं समस्त जगत के कुछ