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00:00खलील जिबरान की बड़ी प्रसिद कहानी है मा बेटी पर जिसमें मा बेटी दोनों नीद में चला करते हैं और एक रात वो दोनों नीद में चलते चलते बाहर चले जाते हैं बाग में घर में ही जो उनका बाग है छोटा सा मा बेटी मा से बोलती है कि तमाम तरह के संसकार दे
00:30दोनों की नीद खुल जाती है और जैसे नीद खुलती है तो बेटी मा से बोलती है तुझसे प्यारी मा मैंने कोई देखी नहीं और मा बेटी से बोलती है तू न होती मेरी जिन्दगी में तो मैं जीती कैसे जिसको हम साथ कहते हैं वो नाटक का और क्या होता है साथ तो तब �
01:00झाल झाल

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