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00:00जी है कहा रही है लोग बहुत कुतर्क करते हैं आज के स्टेटस में
00:09climate change का अचाः जी का वीडियो लगाए था तो लोग कह रहे थे
00:13कि अचाः जीखुद तो EC में बैठते हैं और climate change की बात करते हैं
00:16तो मैं जवाब तो देती हूँ, पर शायद उनको ठीक से जवाब नहीं दे पाती, क्या करूँ?
00:22क्लाइमेट चेंज का और इसी का क्या संबन्द है?
00:27क्या हम यह जानते नहीं है?
00:29आप उनको जवाब इसी लिए नहीं दे पाती है, क्योंकि आप उनको जो सत्र हैं वो भी ध्यान से नहीं सुनें.
00:38इतनी बड़ी स्लाइड हमने दिखाई थी, जब महाश्यवरात्रे सत्र हुआ था, कहां पर?
00:45गौतम बुद्धि उन्यवर्सिटी में कि क्लाइमेट चेंज रोकने के लिए क्या करा जा सकता है? उसमें यह सब था ना कि
00:55एसी की जग कूलर चला लो पंखा चला लो उनसे कितना आप योगदान कर पाओगे क्लाइमेट चेंज रोकने में?
01:03और यह भी याद है कि उसमें सबसे जो बड़ा योगदान था जिसके द्वारा रोका जा सकता है क्लाइमेट चेंज वो क्या था? वो था कि
01:14लोगों के मन में यह धरना आप पहले सोचिए कहां से आ गई कि एसी से क्लाइमेट चेंज हो रहा है यह ज्यादा तर उन लोगों के आई है जहां से आ रही है बता रहा हूं इसमें मैं
01:31उनके मानसिक, शैक्षनेक, आर्थेक इस तर पर कोई खराप टिपड़ी नहीं कर रहा हूं लेकिन जो तत्थें वो बता रहा हूं क्या होता है क्या आनतोर पर जो लोग बहुत ठसा-ठस सोसाइटीज में या महलों में रहते हैं वहां पर अगर किसी एक के घर में इसी आ ग
02:01पर अगर किसी एक के घर में एसी आ गया तो वो घर इतने सटे सटा होते हैं कि एक के एसी का जो एक्जास्ट होता है वो दूसरे घर में घुचता है
02:09तो गर्मी होती है दूसरे के घर में
02:12तो लोगों को लग रहा है कि यह जो climate change से गर्मी है यह AC से आ रही है
02:17भारत को ही अगर आप ले लें तो यहां भी जो कुल बिजली की खपत होती है
02:26एर कंडिशनिंग में उसका दसपतिशत भी नहीं जाता है
02:29तो एर कंडिशनिंग कहां से उत्तरदाई हो गई climate change के लिए
02:36मैं नहीं कहा रहा हूँ कि अंदादंद उपयोग किया जाए
02:39मेरे अपने कमरे में मेरा काम कूलर से यादा चल जाता है
02:45क्योंकि मेरी इस्तिति कुछ ऐसी है कि जो AC हवा को सूखा कर देता है
02:51अचारे जी उसका इस्तिमाल नहीं करते है
03:21हम जहां पर समस्या है वहां उसको नहीं देख रहा है
03:26हम समस्या गलत जगह देखना चाहते हैं
03:28हम सारा का सारा दोश AC के उपर डाल देना चाहते हैं
03:32काश की AC दोशी होता बहुत आसान होता फिर तो दुनिया वर से AC हटा दो
03:36climate change रुख जाएगा
03:37एसी की बात ही नहीं है भाई बात दूसरी है
03:40लोग climate change को समझते ही नहीं लोग सोचते हैं कि यह जो
03:44AC के पीछे से exhaust निकल रहा है यह गर्मी करे दे रहा है इसो climate change बोलते हैं
03:48वो greenhouse effect नहीं समझते वो carbon dioxide नहीं समझते
03:52उनको नहीं बात समझ में आ दी
03:54तो वो कहते हैं फ्रिज और AC से climate change हो गया है
03:59पता नहीं कहां से उनके खोपड़े में बात किस ने डाल दी कि फ्रिज और AC से हो गया है
04:03जो असली गुनागार है climate change के फिर वो बग जाते हैं क्योंकि हमने जाकर के
04:11सारा गुना AC के उपर डाल दिया है
04:14हाँ AC से एक मामले में असोविधा जरूर होती है पर उस असोविधा का climate change से बहुत कम तालोग है
04:21वो यह होता है कि जो बहुत congested जगहें होती है वहां आगर बहुत सारे AC चल रहे हो
04:26जो बहुत ठस ठस जगहें होती है इमारत भी बहुत हो अबादी भी बहुत हो
04:32तो इमारत बहुत होती है तो हुआ हवा नहीं बहती है जब इमारते खड़ी हो जाते हैं तो हवा बहनी बंद जाती है
04:38दूसरे जब इमारते बहुत होती है तो आमतार पर पेड़ नहीं हो गए
04:43जब पेड़ने होते तो वहां जो surfaces होती है
04:46वो सारी की सारी वो हो जाती है
04:47जो heat absorb करती है
04:49मैं शहरी अलाकों की बात कर रहा हूँ
04:50जो घनी अबादी वाले शहरी अलाके होते है
04:52वहां इमारते होती है
04:55तो हवा नहीं बहती है
04:56हवा नहीं चलती है तो अगर कुछ गरम हवा कहीं कठा हो गई है तो फिर उसे बहा के लेनी जाए जा सकता हुआ नहीं बह रही है ना हवा चले मान लिजे कहीं पर एक हॉट एर मास से कठा भी हो गया है तो हवा बहती है तो उसको ले जाती है और वहा हवा नहीं बह पाती है �
05:26तो इनके कारण एक heat island effect होता है,
05:28heat island effect होता है, छोटे से एक शेत्र में
05:30तापमान बाहरी अलग शेत्रों के पेक्षा
05:3250 degree जादा हो जाता है,
05:34उसमें जरूर एसी उतरदाई होता है,
05:37पर वो climate change नहीं है, वो बिल्कुल दूसरी चीज़ है,
05:40वो एक localized phenomenon होता है,
05:42एक छोटा सा घनियाबादी वाला शेहर का कोई महला है,
05:47या पांच साथ महले मिला दिये,
05:48तो वहाँ पर तापमान बहुत बढ़ जाता है,
05:50आपने देखा हो अगई वर शेहर के एक शेत्र का तापमान,
05:53और दूसरे शेत्र का तापमान,
05:55बहुत अलग होता है,
05:56हम बहार से आते थे और केंपस में घुषते थे आईटी में,
06:03तो घुषते ही लगता था कि टेंपरेचर कम से कम 4-5 डिगरी कम हो गया,
06:08अच्छा लगता था,
06:09तो उन चीजों में जरूर ऐसा हो सकता है कि भारी मशीनें चल रही है,
06:13या एर कंडिशनिंग हो रही है,
06:15तो हाँ टेंपरेचर बढ़ गया,
06:17पर वो बिलकुल अलग शिनोमन है,
06:19उससे क्लाइमेट चेंज से कोई तालुक नहीं है,
06:22तो यह बहुत मुर्खता की बात है,
06:23और अज्ञान की बात है,
06:24यह जो कम पढ़े लिखे लोग होंगे,
06:26वही यह सब बोलेंगे कि एसी चलाने से क्लाइमेट चेंज हो रहा है,
06:31और यह जादातर वो लोग हैं जिनके घरों में एसी नहीं है,
06:33मुझे माफ करिए का पर बोलना पड़ रहा है,
06:35तो पड़ोसी जब एसी लगवा लेता है,
06:38और पड़ोसी के एसी लग गया,
06:39और उसकी गर्मी अपने घर में आती है,
06:40तो फिर उसके दिया कि एसी लगाने से ही तो सब नरख आ गया है,
06:43और प्राची इन संस्कृती कितनी अच्छी थी,
06:45जब किसी के पास एसी लगाने ही होता था,
06:47तो ख्लाइमेट चेंज को लेकर के बहुत रिग्रसिव किस्म की बाते भी हो रही है,
06:51तो कह रहे हैं कि ये जो जितना विज्ञान आया है,
06:55और जितनी तरक्की हुई है,
07:13अहंकार बड़ी गड़बड चीज होता है,
07:17वो किसी भी चीज का इस्तेमाल,
07:20अपने खुद्र स्वार्थों की पूर्ते के लिए कर लेता है,
07:26बात समझ रहे हो,
07:30मैं एसी की डिफेंस में नहीं खड़ा हुऊ हूँ भाई,
07:32मुझे कोई इससे प्रियोजन नहीं है कि एसी बढ़े, क्यों बढ़े,
07:44मेरे लिए तो बलके सूखी हवा एक समस्या ही होती है,
07:49तो मैं क्यों एसी की तरफदारी करूँगा,
07:55अब मेरी इस्तित्य ऐसी है कि मैं गरम तापमान तो फिर भी छेल लेता हूँ,
08:00ठंडा तापमान मेरे लिए समस्या हो जाती है,
08:03कई बार इसी लिए जब किसी ओड़ोरियम अगरा में होता है,
08:05जहां सब लोग बैठे होते हैं,
08:06उनकी सुविधा के लिए एर कंडिशनिंग होती है,
08:08तो मुझे वहाँ अपनी बाहें अगरा ढखनी पड़ती है,
08:10यह उपर से कुछ डालना पड़ता है,
08:15तो मैं कोई एसी का समर्थक को गएरा नहीं हूँ,
08:20जो मुद्दे की बात है हो समझिये,
08:22एर कंडिशनिंग कम करने से आप क्लाइमेट चेंज से बचनी जाओगे,
08:30जो असली मुद्दा हो समझो,
08:31यूमेन कंजम्शन असली चीज़ है,
08:39और जैसे जैसे वक्त आगे बढ़ेगा,
08:43वैसे वैसे लोगों का जीवन स्तर बदलेगा,
08:51जो लोग बिलकुल लोवर एंड पर थे कंजम्शन के,
08:55वो अपना कंजम्शन बढ़ाएंगे, आप उसको नहीं रोक सकते हो,
08:57भारत का जो उसाद आदमी है,
09:02वो साल भर में बस मुश्किल से धाई टन कारबन डाय उक्साइड एक्क्यूवेलेंट का एमिशन करता है,
09:10यह बहुत कम है, यह तो बढ़ेगा अभी,
09:12क्योंकि अगर नहीं बढ़ेगा, तो आप एक डिग्निफाइड लाइफ भी नहीं जी सकते,
09:20यह तो भी बढ़ेगा,
09:25तो फिर क्या करें,
09:28भारत जैसे गरीब देश में, जहां पर लोग,
09:3146-47 डिगरी में भी पंखे के नीचे बैठे हैं,
09:35मैं तो कह रहा हूँ कि कम सकाम, उनको कूलर तो मिलना चाहिए,
09:37और पंखे से कूलर पर भी आओगे,
09:41तो जो एनरजी कंसम्शन है, वो 3-4 गुना बढ़ गया,
09:44वो तो बढ़ेगा अभी, तो क्या करें, एक ही तरीका है फिर,
09:48लोगों की तादाद रुको, हमें डिग्निफाइड लाइफ जीने के लिए,
09:55जितना एनरजी कंस्यूम करना है, वो तो हम करेंगे ही,
09:58तो कम से कम जितने लोग हैं कंस्यूम करने वाले, वो न रहें,
10:02और अभी मैं आम आदमी की बात कर रहा हूँ,
10:06मैं वो जो अपर एंड है, एक परसेंट, उसकी नहीं बात कर रहा हूँ,
10:09उनका हमें कंस्यूम करके लाना है,
10:13लेकिन उनका कंस्यूम करवाने की जगह है, हम इस पर लग जाते हैं,
10:17कि सहाब आप फ्रिज का नहीं घड़े का पानी पियो,
10:20अरे भाई, 50-52 डिगरी में घड़े का पानी नहीं चल सकता अब,
10:24फ्रिज चाहिए होगा,
10:28और फ्रिज इतना तो करता है ना, कि आपका खाना जो है,
10:31आपने बना दिया, तो अगले दिन भी चल जाता है,
10:33अच्छा आगले दिन नहीं चला होता,
10:34तो आप फिर गैस जलाते, फिर बनाते,
10:36उसमें एनरजी कंजम्शन नहीं होता, क्या?
10:45जहां समस्या नहीं है,
10:46समस्या को वहाँ पर हम स्थापित करना चाहते है,
10:49ताकि जहां समस्या है,
10:50हमें उसकी और देखना न पड़े,
10:52समस्या कहां परे समझी,
10:53आबादी रोकनी पड़ेगी,
10:56पहली बात,
10:57दूसरी बात,
10:58जो लोग मासिफ कंजम्शन करते हैं,
11:01उनके कंजम्शन को रोकना पड़ेगा,
11:04जो मासिफ कंजम्शन करते हैं,
11:06उनको हमने सर पे चड़ा रखा,
11:08इसलिए कर पाते हैं,
11:09नहीं तो वो भी इंसान है,
11:09उन्हें कैसे हग मिल जाएगा,
11:12हमने उनको जो सुइधाएं दे रखे हैं,
11:14पद दे रखे हैं,
11:14ओधे दे रखे हैं,
11:15हमें उनको नीचे लाना पड़ेगा,
11:16और जनतंत्र में ऐसा संभव है,
11:20जनतंत्र सिर्फ वोट से ही नहीं काम करता,
11:22सोशल मीडिया पर आपके एक लाइक से भी काम करता है,
11:25आप वोट में भी एक बटन दबाते हो,
11:26और सोशल मीडिया के लाइक पर भी बटन दबाते हो,
11:29और टीवी के रिमोट का भी आप बटन दबाते हो
11:31वो बटन आप ठीक से दबाना सीखिए ना
11:33ताकि ये जो hyper consumer से उनका consumption कम हो
11:38आम आदनी फिर क्या कर सकता है
11:41पहली बात ध्यान दो, समझो
11:44कि जब तुम एक बच्चा प्यादा करते हो
11:46तो तुम्हारा इतना बड़ा कर्व बन जाता है
11:49मा सिव बार खड़ा कर देते हो consumption का
11:54उसकी तुलना में आप वो slide देख चुके हो
11:57कि बाकी सब जो चीजे हैं वो इतने इतने महत्तों की हैं
12:00तो आम आदमी को ये करना है
12:08मैं आम आदमी से जाकर कर नहीं बोलूँगा
12:16चला करो क्योंकि स्कूटी से climate change हो रहा है ये मुर्खता की बात होगी
12:19हम गलत जगह पर दोश दे रहे हैं
12:25आम आदमी से मैं इतने ही बोलूँगा
12:32संतान कम पैदा करो
12:34और जो मासिव एमिशन करते हैं
12:37समझो वो कौन है तुम नहीं मासिव एमिशन कर रहे हो
12:40तुम बेकार में अपने आपको दोश मत दो
12:41जो मासिव एमिशन कर रहे हैं वो कौन है उनको समझो
12:45हमने कहा है ना
12:45चार कमपनिया दुनिया के 25%
12:48एमिशन के लिए उत्तर दाई है
12:50और 30-40-50 कमपनिया
12:53दुनिया के 2 तिहाई एमिशन के लिए उत्तर दाई है
12:55ये कंपनिया क्या है ये लोग ही है
12:57कंपनी क्यामिट करे कि
12:59उनके बोर्ड में लोग बैठे न वो करवा रहे हैं सब
13:01उनको पकड़ो और उनका समर्थन करने वाली सरकारों को पकड़ो
13:04जो उनके पक्ष में पॉलिसीज बनाती है
13:05जो लोग क्लाइमेट चेंज का मुद्दा नहीं उठा रहे हैं
13:11जबकि उनके पास आवाज है रीच है
13:13उनका भहिशकार करो
13:16ये करना है आम आदमी को
13:19ये करने की जगए आम आदमी लगा है पड़ोसी की टांग खीचने में कि
13:23तेरे खर एसी क्यों आ गया
13:24मैं नहीं कह रहा हूँ कि एसी का अंदा दुन उप्योग करो
13:30मैं नहीं कह रहा हूँ
13:31मैंने ऐसे लोग देखे हैं जो सोलर डिग्री पर एसी लगा देंगे
13:33और उसके बाद वो रजाई ओड़ करके सोते हैं
13:38ये बत्तमीजी है
13:39लेकिन अगर बाहर 45
13:4448, 52 हो रहा है
13:46उसमें किसी ने एर कंडिशनर चला लिया
13:47तो मैं नहीं उसको फांसी पे लटकाने वाला
13:49ये मुर्खता होगी
13:54नहतिकता की बात नहीं है
13:55मैं वहाँ गुनाह ढून रहा हूँ
13:57जहाँ गुनाह गुटका खाने बराबर है
13:59और जहां गुनाह कतल करने बराबर है, उधर को मैं देखना नहीं चाहता है, क्योंकि न तो मुझ में हिम्मत है, और न मेरे पास समझ है, कि मैं देख पाऊं कि असली गुनाहगार वहाँ पर है, अभी ये वीडियो प्रकाशित हुआ था, उसमें भी कमेंट्स की जड़ी लग
14:29उससे emissions पर कोई जबर्दस अंतर नहीं पड़ जाएगा, पड़ेगा, अगर एक watt भी कोई उपकरण इस्तेमाल करते हो, तो उससे emission तो होता होगा, पर एक watt, एक watt होता है, और एक gigawatt, एक gigawatt होता है, उनको पकड़ो, जो gigawatt वाले हैं बाबा, एक watt वालों को तुम उम्मर �
14:59तुम अपने शहर को दोश दिये जा रहे हो, तुम अपनी आदत अपने संसकार को नहीं दोश दे रहे हो, जिसने उस नलायक आदमी को celebrity बना दिया, मैं बार-बार बता रहा हूँ, आप समझने को नहीं ते यार हो, एक छोटा शहर जितनी बिजली consume करता है न, एक celebrity उतनी energy consume
15:29हुआ था, इधर ही, लोगों के घरों में बिजली नहीं आई, वो highway पे आ गए, वहाँ पे जो बड़ी गाड़ियां नेगल रहे हैं, और बोल रहे हैं कि ये जो बड़ी गाड़ियां होती हैं, बहुत गरम होती हैं, और इनके बगल में जब बाइक वाले खड़े होते हैं,
15:59जो गाड़ियां हैं, ये जिम्मेदार हैं, ये जिम्मेदार हैं भी तो heat island effect के लिए जिम्मेदार हो सकती है, climate change में इनका उतना बड़ा योगदान नहीं है, climate change कहां से आ रहा है, उसका विज्ञान पहले हमें पढ़ना पढ़ेगा, ऐसे ही लोगों के मन में एक बात बैठ �
16:29वो absorb कर लेगा, रहो, कुछ नहीं होगा आप 2, 4, 5, 10, 15 पेड़ लगाने से, कुछ भी नहीं होने वाला, हाँ, तुमने एक अतरित बालक पैदा कर दिया, तो वो अपने जीवन काल में और फिर वो भी जो आगे जो बच्चे पैदा करेगा, वो कुल मिला करके कितनी carbon dioxide पै�
16:59एक बच्चे पर 10,000 पैड़ भी लगाओगे, तो भी ख्षतिपूर्ती नहीं होगी, तुम क्या बात कर रहे हो एक बच्चे पर 10 पैड़, चुकि हमें विज्ञान नहीं पता, आंकडे नहीं पता, तो मुल्टी-पुल्टी बाते करते हैं, climate change से हम मतलब समझ लेते हैं, कि
17:29बात समझ रहे हैं, पहले जो आकडे हैं, वो समझ ये, विज्ञान समझ ये, climate change का हुआ बनाने से नहीं होगा, मैं आपसे जब भी बात करता हूँ, तथ्यों क्या धारभे करता हूँ, आकडे देखर करता हूँ, आकडे मैंने आपको दिये भी थी, तिनी वड़ी slide दी थी,
17:59एक उधारन दे रहा हूँ, चूकि हमने study नहीं करा, तो मुझे कोई नहीं मिला, जो कह रहा हूँ, कि मैं दूध और मास खाना बंद करूँगा, जबकि ये जो food industry है, ये fossil fuel के बाद, second biggest contributor है climate change को, लेकिन ये बात लोगों के ग्यान में ही नहीं है, तो कोई नहीं बात कर रहा
18:29कोई भी समस्या हल होती है, उसको समझने से, यूँ ही उस पर शोर मचाने से थोड़ी हल होती है,
18:59तक्थेओं से अवगत कराएं, सिर्फ इतना बोलने से नहीं है, गर्मी बहुत बढ़ गई है, क्योंकि लोगों के दिमाग बहुत उल्टे है, आप सिर बोलें, गर्मी बढ़ गई है, तो वो अपनी और से कोई कारण आवश्क्रत कर लें गर्मी बढ़ने का, अपनी सुव
19:29और धार में किताबे पढ़ रहे हैं, यही तो पाप होता है, तो इसी रही गर्मी इतनी बढ़ गई है, देखो ईश्वर का प्रकौप है यह, अगर सिर्फ यह बोलोगे ना, कि गर्मी बढ़ गई, गर्मी बढ़ गई है, तो लोगों के पास बहुत कारण निकल आएंगे �
19:59तो इसलिए देखो इधनी गर्मी बढ़ रही है यह उपर वाले का प्रकॉप है तो सिर्फ यह में होता है यह क्लाइमेट चेंज
20:06समझाइए कि वो जो कारबन डायोकसाइड का या मीथेन का मॉलेक्यूल है वो कहां से आता है तब लोगों को समझ में आएगा
20:14क्लाइमेट चेंज पर वीडियो गया है जिसके जादा वीव उस पर आया था कि पहले महिलाएक काहिल और आलसी नहीं होती थी और निकम्मी नलायक नहीं होती थी तो वो पूरे घर के खपड़े खुद धोती थी अब यह वाशिंग मशीन आ गया इसी से हो गया है सारा क्लाइ
20:44क्लाइमेट चेंज हट जाएगा यह वही वाली बात नहीं है कि आप कपड़े आईरन कर रहे हो उससे क्लाइमेट चेंज हो गया है तो इलेक्ट्रिक प्रेस हटा दो और वाशिंग मशीन हटा दो और बोल रही है कि पहले उस सिल्बट्टे पर ऐसे ऐसे करके पीसा जाता थ
21:14यह मूर्खता की बात है आप समझ ही नहीं रहे हो कि उसके पीछे की साइंस क्या है आपको बस कोई कारण चाहिए था किसी को गाली देने का तो क्लाइमेट चेंज के रूप में आपको कारण मिल गया और ज्यादा तर यह उन लोगों से आ रही है जो बिचारे अभी उस आय
21:44नहीं है तो इनको एक मोका मिल गया यह कहरेगा कि जिनके घरों में चीज़ें उनहीं लोगों ने क्लाइमेट चेंज कर दिया अगरे क्लाइमेट सेंज रोकना है तो इसके लिए
22:11वेकिन फिलोसफी में जो चेंज है उसमें समय लगेगा
22:22तो क्या यह जो क्लाइमेट चेंज की समस्या है यह हल हो भी सकती है
22:26आपको क्यों लग रहा है कि इसमय लगेगा
22:29आप यहां गीता कम्यूनिटी पर रिफ्लेक्शन नहीं सुनते हैं क्या लोगों के
22:37कि वो जैसे जिन्दगी जी रहे थे उससे बिलकुल अलग जिन्दगी की तरफ बढ़ने लगे हैं
22:48मन, मानसिक्ता, दर्शन, सब साल, दो साल, चार साल में ही बदल गए हैं
22:57तो यह आपको क्यों लग रहा है कि चेंजिंग फिलासिफी विल टेक टाइम
23:01उल्टी बात, जो स्थूल चीजें होती हैं, उनको बदलने हैं वक्त लगता, मैं आपसे कहूँ एक मकान आप एक दिन के अंदर नया बना दीजिए
23:10तो वो नहीं हो सकता, लेकिन किसी को कोई बात समझाई जा सकती है बहुत जल्दी, क्योंकि वो सुक्ष्म चीज है, उसमें समय नहीं लगेगा निवारत है
23:22तो वही एक मात्र तरीका है और वही सबसे तेज तरीका भी है
23:35किसी का मन बदलना ज्यादा आसान है ना, मन की चर्बी जल्दी हटेगी या तन की, तन की चर्बी हटानी है तो लगेगा साल दो साल कम से कम
23:46मन की चर्वी उससे ज्यादा तेजी से हटाई जा सकती है

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