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00:00हमें बनना है रोकेट, यह आकाश बिना बल के नहीं मिलेगा ना, इसके पास बल नहीं है, उसको आकाश नहीं मिलेगा, छोटा मोटा बल नहीं चाहिए, इतनी जोर से पिछवाडा फायर होना चाहिए कि 11 किलो मीटर प्रति सकेंड, निकली जाओ बा, यह होता है प्रेम, प्र
00:30इतनी आदत लग गई है पेड़े की, रोकेट कोई पेड़ी खिला होगे, वो क्या रहा है मुझे इधन दो, मुझे कुछ ऐसा दो जो जल सके, और तुम जाके उसको पेडा पंजीरी दे रहे हो, तो कौन सा है कि मिठी मिठी, देखा, हाहा, तो मैं क्या लग रहा है, मुझ
01:00पिछाडे में आग लगा और उसको जाने दो आकाश की तरफ, वही उसका घर है, but it hurts, why can't he be nice to me, is it really necessary, that you keep biting all the time, प्रेम माने एक संकल, या तो ये रहा है, नहीं तो मौस, इसके अलावा हम को जानते नहीं है, ये प्रेम.