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पूरा वीडियो: तुम पहले भी मुझे पहचान नहीं पाए, तुम आज भी मुझे जान नहीं रहे || आचार्य प्रशांत (2022)

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00:00ये तीन आई कहलाते हैं भारत के किसी को एक मिल जाए तो कहता है वाँ वाँ वाँ वाँ वो जीवन होए के लिए तर जाता है
00:05IIT, IIM और Indian Civil Services मुझे ये तीनों खुल गए थे
00:09तीनों मैंने अपने लिए खोली इसका मतलब तो इस पच्ट है कि उन रास्तों में कुछ रूची तो मुझे भी रही होगी
00:13मेरे लिए भी बहुत आसान था मैं उधर कोई चल देता
00:15मुझे उधर जाने में लोभ भी दिखी रहा होगा तो मैं क्यों नहीं उधर चला गया
00:39जाताम कर दी शिथा और गुरकुल पर भेज़ दिया गया तो मैं घूर्कुल
00:42की पैदाईश नहीं हूं मैं हम्दाबाद की पैदाईश यूं मुझे ये काम नहीं
00:46करनां था मुझे ये काम ज़बरदस्ति करना पड़ जा है क्योंकि जिनके कंड़े पर इस काम का
00:50दारोमदार था, वो सब के सब निखटू निकले, उन्होंने धर्म बरबाद कर दिया, उन्होंने सनातन धारा दूशित कर दी, वो प्रत्वी को खा रहे हैं, मैं उनका काम कर रहा है, और मेरा ऐसान मानने की जगे उस पर आक्षेप कर रहे हैं कि धर्म गुरु जैसे नहीं ल

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