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Char Dham Yatra 2025: दुनिया की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक है। इस यात्रा में शामिल चार मंदिर यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ हैं। इसे छोटा चार धाम यात्रा के नाम से भी जाना जाता है । इनके इलावा एक और चार धाम है जो आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित किये गए था। इनमे देश के चार अलग-अलग कोनों में चार पवित्र तीर्थ स्थल शामिल हैं, जैसे उत्तराखंड में बद्रीनाथ, गुजरात में द्वारका, उड़ीसा में पुरी और तमिलनाडु में रामेश्वरम। यदि आप Char Dham Yatra 2025 की योजना बना रहे हैं, तो लेख आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इस लेख में आपको यात्रा से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी मिलने वाली है, जैसे की यात्रा कबसे शुरू होगी, यात्रा का रूट, और रजिस्ट्रेशन कैसे करना है।

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~HT.318~PR.115~ED.118~

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Transcript
00:0030 अप्रेल से 4 धाम यातरा शुरू हो रही है
00:0330 अप्रेल को या मुनोतरी गंगोतरी 2 मई को केदारनाध धाम और 4 मई को बदरेनाध धाम के कपाट खुलेंगे
00:09अगर आप यातरा पर जाने की तयारी कर रहे हैं
00:11तो आपको यातरा से जुड़ी इस वीडियो में सभी जानकारी देंगे
00:15कौन से रूट से जा सकते हैं, कैसे जा सकते हैं, कहां रुख सकते हैं
00:19दरसल 4 धाम यातरा को लेकर शर्धालों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है
00:23अब तक 4 धाम यातरा के लिए कुल रजिस्ट्रेशन का अकड़ा 19 लाग से भी ज्यादा पहुँच चुका है
00:28यह मुनोतरी धाम के लिए 3 लाग से ज्यादा शर्धालों ने पंजी करण कराया है
00:33जबकि गंगोतरी धाम के लिए भी रजिस्ट्रेशन का आकड़ा 3 लाग से उपर से लगया है
00:37सबसे ज़्यादा रजिस्ट्रेशन क्यादारनाध धाम के लिए हुए है
00:40जहाँ अब तक करीब 6,40,000 से ज़्यादा लोग दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके है
00:45बद्रिनात धाम भी श्रधालों की पहली पसंद में से एक है
00:48जहां अब तक पांच लाग चोहत्तर हजार से ज्यादा लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके
00:53हिंदुधर में मोक्ष प्राप्त करना ही जीवन का गंतव्य माना गया है
00:57और ऐसा मानते हैं कि चारधाम यात्रा आपको इस लक्षे को पूरा करने के लिए एक कदम और करीब ले जाती है
01:02ये पवित्र जगह उत्रखन के गड़वाल हिमाले में मौझूद है
01:05परंपरा के मुताबिक यात्रा पश्चिम से पूर्व की तरफ की जाती है
01:09इस तरह ये ये मुनोत्री से शुरू होती है फिर गंगोत्री के दारनात और बद्निनात में समाप्त होती है
01:14अगर आप इस यात्रा की प्लानिंग कर रहे हैं तो कुछ जरूरी बाते जो आपको दिहान में रखने चाहिए
01:19यात्रा आपकी सुविधा नुसार दिल्ली हरिद्वार इशिकेश या देहरदून से शुरू हो सकती है
01:23चारधाम यात्रा का बायोमेट्रिक पंजी करण करवाना अनिवारे है
01:26अधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसन्स या पास्पोर्ट जैसे जरूरी दस्तवेज ट्रैवल के दौरान अपने साथ जरूर ले जाए
01:33सुविस कॉर्टेज में शिवर सुविधाएं तीर्थ के पास अवेलिबल है
01:37शद्धालों के लिए हलिकॉप्टर द्वारा चारधाम यात्रा भी अवेलिबल है
01:40बुकिंग की आफलाइन और आउनलाइन सुविधा भी है
01:42जो लोग चल नहीं पाते हैं उनके लिए पालकी घोड़ा और पिठ्ठु भी अवेलिबल है
01:47यात्रा के दोरान गर्म जैकेट, दस्ताने, स्वेटर, उनी, मोजे और रेनकूट ले जाना बिलकुल न भूलें
01:52यात्रा के दोरान अच्छी पकड़ वाले अराम दायक जूते ही पहने
01:56चारधाम यात्रा तो हरिद्वार या धेरदून से शुरू होती है
01:59यात्रा शुरू करने के दो तरीके हैं, सड़क और हेलिकॉप्टर
02:02यहाँ पवित्र इस्थलो तक पहुंचने के बारे में आपको जानकारी देते हैं
02:05सड़क के जरीए अगर आप जाएंगे तो सड़क मार्क से चारधाम यात्रा
02:09हरीद्वार दिली, रिशिकेश और दहरदून से शुरू हो सकते हैं
02:11हरीद्वार इल्वेस्टेशन इन पवित्र जगहों से सबसे करीब रिल्वेस्टेशन है
02:16हरीद्वार सड़क और रेल नेटवर्क के माध्यम से दिली और बाकी में शेहरों से जुड़ा हुआ है
02:22इन पवित्र तीरतिस्थलों के लिए बसेश आपको अवेलेबल होंगी
02:26इसके लवा हरीद्वार रिशिकेश और दहरदून से टैक्सी भी आपको मिल जाएगी
02:30चारधम यात्रा को पूरा करने का जो रूट मैप है वो इस तरीके से है
02:34हरीद्वार रिशिकेश बरकोट जानकी चट्टी या मुनोत्री उत्राकाशी हरसिल गंगोत्री घंसाली अगस्तमटी गुपतकाशी के दाड़नाथ चमोली गुपेशवर गोविंद घाड बद्रीनाथ जोशी मट रिशिकेश हरीद्वार
02:48इसके लावा आप हलिकॉप्टर से भी जा सकते हैं, धहरदून से चार धाम के लिए हलिकॉप्टर सेवा अवेलेबल है, हलिकॉप्टर सेवा धहरदून से खरसाली तक है, जो यमुनोतरी मंदिर से लगबक 6 किलोमेटर दूर है, हरसिल हैलिपैड, गंगोतरी मंदिर के लिए
03:18खुल जाता है तो पर एक बज़े से चार बज़े के बीच की अवधी में बंध होता है यहां से देहरादूर 142 किलोमेटर की दूरी पर है और हरीद्वार 226 किलोमेटर दूर है गंगोतरी मंदर 30 अपरल से 22 अक्टूबर 2025 तक खुलेगा दर्शन का समय भी जान लीचे चार �
03:48की तारिक जान लीचे दो मई से 23 अक्टूबर 2025 तक कदारनात मंदिर में पूजा अनुष्ठान सुबह 4 बज़े महा अभिशेक आरती के साथ शुरू होता है और शाम 7 बज़े शेहनारती के साथ समाफ्थ होता है मंदिर 6 बज़े तीरती आत्रियों के दर्शन के लिए ख�
04:18खुलता है और दोपहर 1 बज़े से शाम 4 बज़े के बीच बंद होता है फिलाल इस वीडियो में इतना ही उम्मीद है आपको ये जानकारी पसंद आई हो कि वीडियो को लाइक करें शर करें और चानल को सब्सक्राइब करना बिलकुल न भूलें

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