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पूरा वीडियो: हवस और हिंसा रोकने के लिए ये सज़ा दो || आचार्य प्रशांत, बातचीत (2024)

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00:00ने भ्या केस भी हुआ था, यह केस भी हुआ है, बोडी इस जो डड़कियों की रहती है, उनको बहुत बुरिट तरे से वंडलाइस करा जाता है, प्राइविट पार्ट से, टॉर्चर ही करते हैं इतरे से, रेप तक तो
00:10जो रेपिस्ट है थोड़ा सा ध्यान से सोचों की साइकोलोजी क्या होगी, वो एक फ्रस्रेटेट इंसान है, वो एक फ्रस्रेटेट जानवर है, जो बहुत दिनों से मनसूबे लगाए बैठा था कि किसी औरत की देह मिल गई, तो नजाने कौन से स्वर्ग का सुख मिल जाए
00:40रही है, चिला रही है, रो रही है, पलट के मार भी रही है, जो कोई सुख नहीं मिलता और तुम बहुत सारी उम्मीद लेकर टूटे थे उसके उपर, तो तुम में क्या पैदा होगा? प्रस्ट्रेशन और एंगर, तो फिर तुम उस अब्जेक्ट कोई तोड़ तोड़ द

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