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पूरा वीडियो: ये काम गंदा है, पर इसमें पैसा ज़बरदस्त है || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2023)

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Transcript
00:00बुद्ध को आज भी बहुत लोग अपराधी मानते हैं, वो कहते हैं अपने कर्तव वे छोड़कर के जंगल भागा इससे बड़ा अपराध क्या हो सकता है।
00:07जब कृष्ण कहते हैं कर्मन नियव अधिकार अस्ते, तो कर्म का जानते हो समाज क्या मतलब बताता है।
00:12समाज के द्वारा जो बनाए गए कर्मन नियुक्त, और जो उन समाजिक कर्तव्यों को तोड़ दे, उसको समाज क्या बोलता है।
00:22वो यह अपराधी की कटिगरी में रख देना जानी।
00:24जैसे कि किसको अपराधी बना दिया, बुद्ध को अपराधी बना दिया।
00:28खासकर ग्रहस्त, उनके मन में बुद्ध को ले करके बड़ी कड़वाहट है।
00:31बोलते हैं कि पिता ने राज्य दिया था, जिम्मेदारी के साथ समाला क्यों नहीं।
00:36और पत्नी बच्चा इनको कैसे छोड़ सकते हो, वो यह क्या थरीका रात में भाग गए।
00:40भगोड़े हो तुमा, तो समाज जो वो एक है, बुद्ध, प्रिश्न, उसको भी क्या बना देता है, अपराधी बना देता है, तो यह भी अपराधी है।
00:48बस 990 से अलग जो भी है, समाज के लिए वो अपराधी है।

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