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00:00पत्नी गई हुई थी माईके, तोसी दर्स पे चड़ा काम का जवर, और मुसला धार बारिश, और भागे गई, पत्नी ये पीछे, बासना खीच ले दे, पत्नी उपर के तलले पर, क्यासे पहुंचे उपर, समाज का भी डर कि दराजा खटटाएंगे तो और रोग जान जाए
00:30पत्नी की सराने खड़े हो गई, खड़ी हुई, चौकी खवराई बोली कर क्या, पगला गई हुई, पर कुछी आक ऐसे गई, तो बोलो तूने रस्ती लखाई थी, मेरे भी मुझे मालूम था, आज इतनी धर उतनी उधर भी है, कुछ तो बरेगी तू, पहने तो नहीं ल�
01:00अगर राम के लिए दिखाया होता तो तर गये होते इतनी मूर्खता नहीं कर रहे हुई, ऐसी बीवी तो बड़ी उनकमपा सही मिलें