पूरा वीडियो: क्या राष्ट्रवाद हिंसक है, और सेना हिंसा का माध्यम? || आचार्य प्रशांत (2020)
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00:00सेना को हत्यारा नहीं बोलो, सेना जान बचा रही है
00:031977 में, पागिस्तानी सेना ने, बांगला देश में
00:06नजाने कितने लाख लोगों को मार भी डाला, ज़बरदस्त परूप से बालातकार भी किया
00:11उस समय भी जितने लोग मारे गए मारे गए होते
00:15अगर मुक्तेवाहिनी के साथ भारती सेना ने कारेवाई न करी होती, ये जो बाते हैं कि सरकारें तो सेनाओं को पेशेवर हत्यारों की तरह इस्केमाल करती हैं ये सब बातें बिलकुल फिजूल है, हमारी विरासत ऐसी नहीं है भाई, बाकी तो सेना और सेना में अंतर होता ह
00:45उठा और तीर चला वक्त आगया है मारने का दुर्योधन जैसे राजानाब ने इसी के लिए सिना भी चाहिए हो दो