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  • 2 days ago

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00:00कहते हैं कि भाई बिना घीव अगे रखे तो रोटी मतलब गले की नीचे ने उटती इस तरह के व्यंग देते हैं और ये भी कहते हैं कि
00:07हजारो सॉलों से तो रिशिंग मुनी जो हैं वो मतलब डूड का सेवन करते आ रहेते हैं श्री किस्निल ने भी किया
00:13गाय भैस पाली इसलिए जाती है कि वो दूड दे तो लगातार दूड देती रहे हök 새로 उसके साथ क्या क्या किया जाता होगा उब्हैस को फच्चे से पीछे
00:23injection डालता है दूद दूने से पहले दूद तो सिर्फ जो मादा पशु है वो देता है लेकिन पैदा तो नर पशु भी होता होगा वो किसी काम का नहीं है आपने भैसा देखा है कभी किस किस तरह के अत्याचार किये जाते हैं स्वाद की हवस है और उस हवस के कारण किसी भी जी
00:53वही कल कटता है दूद का रंग लाल है कि कहते हैं कि भाई बिना घीव अगेरा के तो रोटी मतलब गले की नीचे ने उतरती इस तरह के व्यंग देते हैं और यह भी कहते हैं कि हजारों सालों से तो रिशी मुनी जो है वो मतलब दूद का सेवन करते आ रहे थे श्री कृष
01:23दिल्चस्पी नहीं रखते आप दूद और चाई पीने में ज़्यादा रूची दिखाते हैं तो फिर मैं भी फिर अब मैं समझाना छोड़ दिया हूँ मैं भी सोचता हूँ कि अपना समय क्यों नश्ट करूने हैं समझाने में तो बस यह हैता है
01:37दिखो यह बात समझाने में इतनी जटिल है नहीं बात एकदम सीधी है और जो नहीं समझ रहा है उसके पास
01:53तरक कम है बेमानी ज़्यादा है बेमानी को छुपाने के लिए तरक दे रहा हो वो अलग बात है बस एक बात बोलनी होती है
02:09आप जिसका दूद पी रहे हो वही कल कटता है और डेरी उद्योग मास उद्योग का आधार है बस इतनी सी बात बोलनी होती है
02:23दूद का रंग लाल है
02:26जिनको समझ में आना है उनको बस इस एक बाद से समझ में आ जाता है
02:32जिनको नहीं समझना है उसके बाद आप उनको सौ तर्क भी देते रहो तो नहीं समझेंगे
02:38वो स्वाद के गुलाम है वो अपनी हिंसा अपनी कुरूरता के गुलाम है
02:44छोटा सा बच्चा होगा ना वो भी एक बार में समझ जाएगा दो मिनट नहीं लेगा समझने में
02:53कि बेटा ये जो गाय है या भैस है जिसका तुम अभी दूद पी रहे हो तुम्हें क्या लगता है
03:00जब ये दूद देना बंद कर देती है तो गौला या किसान इसका क्या करता होगा बस इतना पूछना है
03:09जिसको समझना है वो उसी एक शण समझ जाएगा और कहेगा बंद बंद बिलकुल बंद
03:22जो समझ सकता है वो अपने आप ही फिर ये भी सोच लेगा खुद ही
03:26कि अगर वो गाय भैंस पाली इसलिए जाती है कि वो दूद दे
03:32तो फिर तो पालने वाले का मुनाफ़ा इसी में है कि वो लगतार दूद देती रहे
03:38तो लगतार दूद देती रहे इसके लिए उसके साथ क्या क्या किया जाता होगा
03:43ये तो सधारण बुद्धी की बात है ना
03:48खुदी सोच लो
03:49फिर
03:52दूध तो सिर्फ
03:55जो मादा पशु है वो देता है
03:57लेकिन पैदा तो नर पशु भी होता होगा
04:01वो किसी काम का नहीं है
04:02उस नर पशु का क्या किया जाता होगा
04:06समझने वाले तो ये बात
04:09अपनी बुद्धी से खुदी समझ जाएंगे कि ये चल क्या राय खेल
04:12दो मिनिट लगेगा और जिनको बार-बार समझाने पर भी नहीं समझना
04:17वो फिर अब राक्षेसी वृत्ति के हो चुके हैं उनका कुछ करा नहीं जा सकता
04:21उनका तो फिर यही है कि
04:24जब
04:26इस्थितियां इतनी अनकूल हो जाएंगी कि
04:29दूद्ध मास इन सब पर या तो बैन लगेगा या जबरदस टैक्स लगेगा
04:34तब ही वो फिर अपना उसका उपयोग उपहोग कम करेंगे
04:39नहीं तो दूद्ध तो दूद्ध है मास के लिए
04:44भजार तरीके के तर्क देते हैं
04:47गोलते हूँ आपके मूँ में न ऐसे दाथ हैं जो मास खा सकते हैं
04:54तो मास खानी चाहिए
04:56मैं बोलता हूँ आपके शरीर में कुछ ऐसे छिद्र है
05:01जिनसे आप मल कर सकते हैं तो मल कर दीजिए यहीं पर
05:05सिर्फ इसलिए कि आपके शरीर में कोई ऐसी चीज है जो कोई काम कर सकती
05:10आपको काम करना शुरू कर दोगे क्या
05:12मेरे ये दो हाथ हैं
05:15इनसे मैं आपकी गर्दन दबा के आपको मार सकता हूँ
05:17तो मार दूँ
05:18सिर्फ इसलिए कि आपके शरीर में कुछ मौझूद है
05:35किस चीज का क्या उपयोग करना है
05:39इसका निर्धारन शरीर करेगा या चितना करेगी
05:42चितना बताएगी न
05:47कि ये जो दानत है इनका उपयोग करना भी है कि नहीं करना है
05:51शरीर में तो बहुत सारी ऐसे चीज़ें जिनका कुछ भी आप उपयोग कर सकते हो
05:55शरीर तो वर्जित नहीं करता
06:00कि घर में अपनी माओं बहनों के साथ शारेलिक संबंध मत बनाओ
06:08शरीर वर्जित करता है क्या
06:10बोलो जैसा किसी भी अन्यस्तरी का शरीर होता है
06:15वैसे ही घर की माओं का और बहनों का भी होता है
06:17तो शरीर की रहा पर ही चल करके उनके साथ क्यों नहीं बना लेते
06:21क्योंकि चितना मना करती है
06:23इंसान पशु नहीं है
06:26पशु होता है जो शरीर पर चलता
06:28इंसान शरीर पर नहीं चल सकता
06:29इंसान ये तरक नहीं दे सकता
06:31कि मैं मास खाऊंगा क्योंकि मैं मास पचा सकता हूँ
06:33पचा तो तुम अपने भाई का मास भी सकते हो
06:37तो खाऊगे क्या
06:38आप भूत कुछ कर सकते हो
06:44शारीरिक तौर पर तो कर डालोगे क्या
06:46शारीरिक तौर पर आप बिल्कुल कर सकते हो
06:50तो यहीं थूगरा शुरू कर दो, तो थूग दोगे, शरीर तो यहां लोट सकता है, सोना है, सो जाओगे, और भहुत लोगों अभी खाना हो ना खाया होगा, आ रहे होगी जपकी, तो यहीं सो जाओगे, क्या,
07:04हम शरीर पे चलनारे लोग थोड़ी हैं, और फिर वो इसलिए जब तर्क दिया जाता है, कि देखो, दूदगी नहीं खाओगे, तो शरीर कैसे बनेगा, अरे शरीर बने ना बने, किसी की हत्या थोड़ी कर सकते हैं बाबा, भाड में जाया ऐसा शरीर, जो किसी की हत्या करके �
07:34नहीं बनाना ऐसे, विए क्या है कि घी नहीं चुपड़ा रोटी पे तो गले से नीचे नहीं उतरती, हम मुह में हाट डालके उतारते गले से नीचे, फिर देखें कैसे नहीं उतरती, बेहुदे जरील किसम के तर्क,
07:53सीधे नहीं बोलते कि स्वाद की हवस है, और उस हवस के कारण किसी भी जीव पर कितना भी अत्याचार करने को तयार हो,
08:08क्रिष्टन जी दूदगी खाते थे, चाए भी पीते थे, चाए तो अंग्रेज पीते थे, चोल एक काम करो, चाए छोड़ दो, खाओ दूदगी, अब क्या तर्क है, जहां जो तर्क फिट हो वही लगा दो,
08:28जैसे ही दूदगी का नाम आता है, इन्हें क्रिष्टन प्यारे हो जाते हैं, और मैं कहता हूँ, अरे क्रिष्टन प्यारे हैं, बैठो बैठो, गीता पढ़ेंगे, सरपट भागते हैं, अब क्रिष्टन कहां गए, जब गीता की बात आती है, तो धाए से भागते हो, गोल
08:58नहीं चाय तो बड़ी प्यारी चीज है
09:03चाय उन्हीं की दी हुई चीज है
09:06जिनसे आजाद होने का कल तुम कारकरम मनाओगे
09:10तो आजादी को आप एक नया अर्थ दे
09:16आप समझ गए मैं क्या बोलने वाला हूँ
09:22पंदरा अगस्त पर
09:27चाय से आजादी
09:29अंग्रेज़ों की चीज है काय को रखनी है
09:31कुछ नहीं है
09:45समझने वाले तुरंट समझ जाते हैं
09:47बाकी मैं क्या समझाओं
09:48बाकी यों का तो फिर यही है कि डंडा चला हो तो समझेंगे
09:51उनका यही लाज है
09:54और किसी की जान बचाने के लिए अगर डंडा चलाना पड़े
10:00तो कुछ गलत नहीं हो गया
10:01आप में से भी बहुत लोग दूद पीते होगे
10:11बस अगर मुझे थोड़ा भी सम्मान देते हो प्रेम देते हो तो इतना कर लेना कि दूद को जब भी देखना तो उसका रंग लाल देख लेना
10:20खून पी रहे हो
10:21उसके बाद पी सकते हो तो पी लेना
10:27मैं छोटा था मुझे भीजा जाता था जाओ दूद लेकर गया हो
10:35छटी साथमीं की बात होगी वो जो डबा लेकर सुवए सुवए जाते हैं
10:40मैं देखूं ये करता क्या है
10:43भैस को फच जैसे पीछे इंजक्शन डालता है दूने से पहले
10:48वो समझ में आये पर बात फिर भी अटपटी लगे
10:50मैंने पूछा है एक दो बार तो वोला दवाई है
10:53मैंने आगे पूछा नहीं होगी कोई जुखाम होगा भैस को
10:57फिर दीरे दीरे पता चलना शुरू हुआ कि किस किस तरह के अत्यजार किये जाते है
11:04आप भैस का दूस पित एक बात बताओ आपने इतनी भैसे देखियोंगी
11:10भैसें आपने भैसा देखा है कभी
11:13आप में से कितने लोगों ने पिछले एक महीने में एक भी भैसा देखा है कहीं
11:19पिछले छे महीने में किसी ने कोई भैसा देखा है कहीं
11:26तो भैस तो नर्मादा दोनों बच्चे पैदा करती होगी भैसे कहां गए
11:33भैसे कहां है
11:37होंज में नहीं आ रहा है
11:43दूद का रंग लाल है
11:44दूद तो अस्ति परशेट भैंश का ही चलता है
12:07अस्ति परशेट भैंश का रंग लाल है

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