India Pakistan War: भुज की इन बुजुर्ग महिलाओं (Bhuj Womens) को वीरता का खिताब मिल चुका है. 1971 के इंडो पाक वॉर (1971 Indo Pak War) में इन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिया था. ये वो महिलाएं हैं जब 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ वॉर सायरन (War Siren in 1971) बजा था. अपना सबकुछ त्यागकर देश की सेवा में भिड़ गईं. पहलगाम हमले के बाद जब इंडिया और पाकिस्तान (India And Pakistan) के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं. इनकी कहानी बतानी इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पाकिस्तान को ये पता चले कि हमारे देश में केवल सैनिक ही नहीं...ऐसे भी लोग हैं, जो वक्त पड़ने पर सबकुछ छोड़ छाड़ कर देश सेवा में लग जाते हैं और दुश्मनों के दांत खट्टे कर देते हैं.
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00:00पाकिस्तान के खिलाफ बज़ा था युद का साइरन
00:11भुज़ की इन महिलाओं ने दिखाई थी वीर्था
00:23घर के खिलाफ जाकर 1971 वार में एहम भुमी का
00:46पहल गाम हमले के बाद अब पाकिस्तान की बरबादी का मनजर शायद पूरा देश जल्द ही देखीगा
00:51साथ माई को पाकिस्तान के खिलाफ युद का साइरन बज़ेगा
00:55हालांकि ये युद नहीं बलकि उसका मौक ड्रिल होगा
00:58लेकिन इतिहास के पनों में एक ऐसी कहानी दर्ज है जो शायद अब तक आपके सामने नहीं आई है
01:04उस कहानी में महिलाओं की वीर्था है
01:07पाकिस्तान को नाको चने चवा देने की सबूत है
01:10देश के लिए अपने घरों के खिलाफ जाने की कहानी है
01:13तस्बीरों में आप जिन बुजूर्ग महिलाओं को देख रही हैं
01:171971 के इंडो पाक वार में इन्होंने अदम्य साहस का परिच दिया था
01:22ये वो महिलाएं हैं जो 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ वार साइरन बजा था
01:27अपना सब कुछ त्याग कर देश की सेबा में भिड़ गई
01:31पहलगाम हमले के बाद जब इंडिया और पाकिस्तान के बीच युद जैसी हालात बन गए
01:36इनके कहानी बतानी इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि पाकिस्तान को ये पता चले कि हमारे देश में केबल सैने की नहीं
01:43ऐसे भी लोग हैं जो वक्त पढ़ने पर सब कुछ छोड़ चाड़ कर देश सेबा में लग जाते हैं और दुश्मनों के दान्त खटे कर देते हैं
01:51मैं 71 से हुमगार्ड में थी और जब युद का माहूल चल रहा था तब लेकाउट थी बुज में
02:01उस वक्त हम सब महिलाएं सेरी गलियों में गुम के लेकाउट कराती थी घर वाली मिस्तियां बहुत गबराई हुई थी फिर भी हम उन्हें हिमत देती थी गबराओ नहीं
02:17और पाकिस्तान वालों ने बंबाड किया क्या भुज पर एक दिन में 17 बं फैके थे और उस माहूल का जनता का क्या हाल था वो हम सोच के भी हमें गबरा जाते हैं
02:35तब यहां जे लड़ाई का माहूलोवा और लड़ाई हुई शुरू उससे पहले हम होमगाड में सामिल हो गए थे हमारा पूरा प्लाटून था महिला प्लाटून था होमगाड में तो हम लोग सब ड्यूटी कते हुए हमको पूरी ट्रेनिंग मिली है फाइरिंग, परेड,
03:05हम जोइंट किया था तो हमको यह ट्रेनिंग हमको बहुत काम आई मैं जब यह सेवेंटीवन का हो चल रहा था तब पढ़ती थी तो हमारी स्पूल में पता चला कि होमगाड में भरती हो रही है तो उमर जाई मेरी तो इतनी उमर थी नहीं फिर बोला फिरो सब को फ्रेंड क
03:35टाइम चोटे हैं तब उन्होंने ले लियाा हमें ले लिया फिर युदा Ł greatly तो हमको काम भी में लगा लिया कि पार से फ़ोन आते थे वोकि होकी डोकी पर बेटते थे और उुद का महौल इतना भैंकर था जब हमको तब फॉन की भी सगवर मोंने थी हमारी पास तब हमारे �
04:05वहीं भुच की एक बीर महिला की बेटी ने अपनी मा की वीरता की कहानी बया की
04:23इनका नाम ज्योती भटे ये उन बीर महिला की बेटी है जो कच की पहली महिला हॉमगाड बनी थी
04:29तो उसके बाद जो जवानों घायल हुए थे उनके लिए ब्लेट की जरूरत पड़ी तो वह भी उन्होंने ब्लेट डॉनेट किया
04:39सेवन तीवन की बात करते हैं रिपोर्ट के मुताबिक 101 बॉम पड़े थे कचपे लेकिन फिर भी कोई भी मरा नहीं था
04:51आदमी इंसान कोई जानवर या कोई चिडिया तो ऐसे माहौल में हमारी बेने ने जो काम किया है उनका जुस्सा था जब आज भी जुस्सा इतनी बड़ी उमर की बेने सितर सतर से आगे बढ़ चुकी है लेकिन फिर भी उसका जुस्सा वही है
05:09जब भी देश पर आतकी हुमला हुआ है कभी भी देश में जरुरत पड़ी है तब हमारी महिला पहले मोर्चा संभाला है
05:17देश के लिए अपना सब कुछ दाओं पर और जान की बाजी लगा देने वाली इन महिलाओं को ततकालिन सरकार ने प्रशंसा पत्र भी प्रदान किया
05:25वहीं देश इन बीर महिलाओं के योगदान को नहीं भूलेगा
05:291971 वार में इन बीर महिलाओं के योगदान के बारे में आप अपनी राय कमेंट बॉक्स में ज़रूर लिखें
05:35इस खबर में बस इतना ही बाके अपडेट्स के लिए जुड़े रहें
05:38One India हिंदी के साथ धनेवार