Punjab Haryana Water Dispute: पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana), दो पड़ोसी राज्य, जो कभी एक ही पंजाब का हिस्सा थे, आज पानी के बंटवारे को लेकर आमने-सामने हैं. हाल ही में पंजाब की भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) सरकार ने भाखड़ा नहर (Bhakra Dam) से हरियाणा (CM Nayab Saini) को मिलने वाले पानी में कटौती की, जिसके बाद दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ गया.
#punjabharyana #haryanawatercrisis #cmbhagwantmann #cmnayabsinghsaini
~HT.318~PR.89~ED.108~GR.125~
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00:00हवा, पानी और खाना ये वो तीन एहम चीज़े हैं जो इनसान को जिन्दा रखने के लिए जरूरी होती है
00:07हवा के बिना आप तीन मिनट तक जिन्दा रह सकते हैं, खाने के बिना तीन हबते तक और पानी के बिना आप तीन दिन तक जिन्दा रह सकते हैं
00:17एक आम नियम के तौर पर इसे rule of three कुमाना जाता है
00:21और ये वो नियम है जो इनसानों को जिन्दा रहने के तीन प्रमुक विद्वों पर प्रकाश डालता है
00:27मोटा माटी देखा जाए तो यही नज़र आता है
00:30लेकिन कुछ मामलों में ये अलग-अलग व्यक्ति के सैंशुर्टा के स्तर पर भी निर्भर करता है
00:35उसकी बोडी को क्या अवश्रता है इस बात पर निर्भर करता है
00:39इस में जिस पर सबसी ज़्यादा चर्चा इन दिनों हो रही है वो है पानी
00:43इतिहास के पन्नों को अगर टटोरने की कोशिश करें तो पानी लंबे समय से तनाप और संधर्षों का कारण रहा है
00:51और मौजूदा वक्त में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है
00:55भारत ने पाकिस्तान का पानी रोका तो पुरा देश मोधी सरकार के एक्शन की तारिफ करने लगा
01:00लेकिन अब बात पाकिस्तान की नहीं अपने ही देश के दो राज्यों की है और वहां के लोगों की है
01:07और मुदा यहां भी पानी का ही है
01:10पंजाब ने हरियाना का पानी रोक दिया है और जिसके कारण हरियाना के कई गाओं बूंद बूंद के लिए तरस गए हैं
01:18आखिर पंजाब ने हर्याणा का पानी क्यों रोका दौनों राज्यों के बीच इस विवाद की असल वज़ा क्या है ये सब कुछ हम इस वीडियो में आगे जानेंगे नमश्कार One India Hindi में आपका स्वागत है मैं हूँ राजीज शर्मा
01:32पंजाब और हर्याणा दो पडोसी राज्य जो कभी एक ही पंजाब का हिस्सा हुआ करते थे आज पानी के बटवारे को लेकर आमनी सामने है
01:45हाल ही में पंजाब की भगबंदमान सरकार ने भाकडा नहर से हर्याणा को मिलने वाले पानी में कटोती की जुसके बाद दो नो राज्यों के बीच तनाब बढ़ गया
01:54पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंदमान ने हाल ही में दिये एक वयान में कहा था कि हर्याना अपने हिस्से से ज्यादा पानी ले चुका है और अब पंजाब एक बोन भी अतिरिक्त पानी उसे नहीं देगा
02:07जबाब में हर्याना के मुख्यमंत्री नायब सेनी ने आरोप लगाया कि पंजाब ने तैस समझोते को लागू नहीं किया जुससे हर्याना के कई जिलों में पानी का संकट गहरा सकता है
02:18पानी का कोई विवाद नहीं है लीगली तोर पे और अंकडे जो है वो पंजाब के पक्षवे हैं हमने जितना पानी उनको अलोट किया था एक साल के लिए वो अपना दस मीने में इस्तिमाल करके फालतु दो मीने का पानी मांग रहे हैं और उनके बस सिर्फ यही तरक है कि �
02:48पानी के लिए नहीं है यह बार बार हम अपील कर रहे हैं कि यह जो पानी है जो इसी की कर रहे हैं जो हमरा एग्रिमेंट हुआ है
03:10उसी को ही माननी है सरवची नहीं है उसको प्राग है यह तो बात हुई दौनों राजियों के ओर से लगाय ज़ा रहे आरोप प्रत्यारोपों की
03:19अब जरा इस विवाद के बारे में बात कर लेते हैं और समझते हैं कि आखिर यह विवाद है क्या और इसकी असल जड़ क्या है यह विवाद कोई नया नहीं है
03:29पंजाब और हर्याना के बीच पानी का बटवारा दशकों से एक ना सुलजने वाला मुद्दा बन कर रह गया है
03:36खासकर सत्नुज यमुना लिंक जोसे आप S.Y.L. के नाम से भी जानते हैं
03:41S.Y.L. और भाकडा नहर को लेकर अक्सर पंजाब और हर्याना आमने सामने आही जाते हैं
03:48लेगन इस बार भाकडा नहर के पानी की कटोती ने मामला कुछ ज्यादा ही गर्मा दिया है
03:53अगर इस विवाद को समझने की कोशिश करें तो हमें इतिहास के पन्नों को टटोल ना होगा
03:59भाकडा नहर सतलूज नदी पर बने भाकडा बांध से निकलती है
04:03जिसे 1908 में सर लुइस डेन ने प्रस्ताबित किया था
04:07उस वक्त लुइस डेन ने ब्रिटिश हुकूमत को प्रस्ताब भीजा था
04:10तब पैसो की कमी का हवाला दे कर ये प्रोजेक्ट थंडे बस्ते में डाल दिया गया था
04:15सन 1947 में देश आजाद हुआ और आजादी के बाद 1948 में डेम को बनाने का काम शुरू हुआ
04:221948 से 1963 तक चले निर्माण में 13,000 मजदूरों और 300 इंजिनियरों ने काम किया
04:30इसकी कमान अमेरिकी विशिश जग्य हारवे स्लोकम को दी गई थी
04:34245.28 करोड की लागत से बने इस बांध का उदेशिय सतलूज बैयास घाटी में बाड को रोगना
04:4210,000,000,000 एकड़ खेतों की सिंचाई और 1325 मेगवाट बिजली उत्पादन करना था
04:48934,000,000,000 क्यूबिक मीटर की जलाशक शमता के साथ ये पंजाब, हरियाना, राज्यस्थान और दिल्ली तक पानी और बिजली पहुँचाता है
04:58इस बांद का प्रवंदन भाकड़ा ब्यास मेनेजमेंट बोर्ड यानि BBM करता है
05:03जो केंद्रे बिजली मंतुडाले के तहत काम करता है
05:06BBM में पंजाब और हरियाना दौनों के अधिकारी है
05:10भाकड़ा बांद में हरियाना का 32 तरतिशत हिस्सा है
05:14नियम के हिसाब से हरियाना को सालाना 4.4 million acre feet पानी मिलना चाहिए
05:20हरियाना को आमतोर पर अप्रेल, माई और जून में 9000 क्योसिक पानी मिलता है
05:26जिसमें से ज्यादतर पीने और सिंचाई के लिए इस्तेमाल होता है
05:30लेकिन पंजाब ने अप्रेल 2025 में इसकी सप्लाई को घटा कर 4000 क्योसिक कर दिया
05:35जिससे विवाद शुरू हुआ
05:37अब इसे लेकर दोनों राज्यों के अपने अपने तर्क है
05:41हरियाना कहता है कि पंजाब गलत कर रहा है
05:43वहीं पंजाब का कहना है कि हरियाना को उसके हिस्ते का पानी मिल चुका है
05:48वहीं इस मुद्दे पर विशेशग्यों का क्या कहना है वो भी समझते हैं
05:52एटीवी भरत को दिये एक इंटर्व्यू में जल संसादन विशेशग्या प्रोफेसर अशोक गुलाटी ने बताया
05:58कि पंजाब और हरियाना दोनों ही पानी की कमी से जूज रहे हैं
06:02और इसकी मुख्य वज़ा है दोनों राज्यों की ओर से अपनाई जाने वाली गलत फसल नितियां
06:08दोनों राज्यों में धान और गन्य जैसी फसलें उगाय जा रही है
06:12जिसमें सिंचाई के लिए बाकी फसलों के मुकाबले ज्यादा पानी की आवशक्ता होती है
06:17जबकि भूजलस्तर तेजी से गिर रहा है अगर इस मुद्य का हल निकालना है तो BBM को दोनों राज्यों के साथ मिलकर एक पारदर्शी सिस्टम बनाना होगा
06:28अगर दोनों राज्यों पानी की खपत बाली फसलें उगाते रहे तो 2030 तक सतलूज का प्रवाह 25 प्रतिशत तक कम हो सकता है
06:36ऐसे में इस मुद्य पर राज्यों की आम जनता को भूगतना पड़ रहा है
06:50इस वीडियो में फिलहाल इतना ही आपका इस पूरे मामले पर क्या कहना है कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दें
06:55जानकारी अच्छी लगी हो तो वीडियो को लाइक करें शेयर करें चैनल को सब्स्ट्राइब करें और खबरों से जुड़े ताज़ा अपडेट के लिए बैल आइकन को दवाना बिलकुल न भूलें धन्यवाद
07:04पानी का कोई विवाद नहीं है लीगली तोर पे और अंकड़े जो है वो पंजाब के पक्षमे हैं हमने जितना पानी उनको अलोट किया था एक साल के लिए वो अपना दस मीने में इस्तिमाल करके फालतु दो मीने का पानी मांग रहे हैं और उनके बस सिर्फ यही तरक है कि
07:34पास फालतु पानी मैं यह बार बार हम अपील कर रहे हैं कि यह जो पानी है जो इच्छे जितना पानी आता था हम उतना पानी के लिए ही बोल रहे हम फालतु पानी के लिए नहीं बोल रहे हमने जो हमारा एस वाइल के पानी की भी जो बात है वो पानी की भी मांग उसी की क