भगवान परशुराम को अमर योद्धा और शस्त्रविद्या के महान आचार्य के रूप में जाना जाता है। इस वीडियो में हम जानेंगे अमर योद्धा परशुराम की गाथा, उनके क्रोध, ज्ञान, और युद्धकला में अद्वितीय कौशल के बारे में।
परशुराम जी का जन्म स्थान, जानापाव पहाड़ियों का महत्व और उनका महाभारत के भीष्म, द्रोणाचार्य, और कर्ण को युद्धकला सिखाने का प्रसंग भी शामिल है।
Lord Parshuram का योगदान न केवल महाभारत में बल्कि कल्कि अवतार तक फैला हुआ है।
परशुराम जयंती के अवसर पर जानिए परशुराम जयंती कब है, परशुराम जयंती की पूजा विधि, और कैसे परशुराम जन्मोत्सव को हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
देखिए Parshuram Jayanti Status, Parshuram Jayanti Special Shorts, और जानिए Parshuram Jayanti Akshaya Tritiya का महत्व।
🔔 इस Parshuram Jayanti पर प्रभु परशुराम का आशीर्वाद सभी पर बना रहे!
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00:00भगवान विश्णु के छट्थे अवतार परशुराम को उनके प्रचंड क्रोध और युद्ध कोशल में निपुन्टा के लिए जाना जाता है
00:06लेकिन वे वेदों से अपने संबंध और शस्त्र विद्या के शिक्षक के रूप में अपनी भूमिका के लिए भी जाने जाते हैं
00:12उन्होंने महाकाव्य महाभारत के महत्वण पात्र भीश्म, द्रोणाचार्य और कर्ण को युद्ध कला सिखाई थी
00:18हालां की अंबा के आग्रह पर उन्होंने भीश्म से किया युद्ध लेकिन पराजित ना कर सके
00:23परशुराम के बारे में यह भी कहा जाता है कि वे अमर हैं और एक दिन भगवान विश्नु के दसवें अवतार कलकी को युद्ध कला सिखाएंगे
00:31दरसल भगवान विश्नु के अन्य अवतारों के विप्रीत भगवान शिव के परमभक्त पहला योद्ध ब्रामन परशुराम का जन्म किसी अवतार के रूप में नहीं हुआ था
00:39बलकि जीवन के बाद में जब उन्होंने अपने भीतर भगवान विश्नु का अंश जगाया तो वे अवतार बन गए
00:45उन्हें अपना अस्त्र परशु शिव से वर्दान के रूप में प्राप्त हुआ था
00:49ऐसा माना जाता है कि परशुराम का जन्म इंदौर के जाना पाव पहाडियों में हुआ था
00:53जहां आज भी एक शिव मंदिर है
00:55परशुराम विभिन अस्त्र शस्त्रों विशेश कर परशु और धनुष के कुशल स्वामी थे
00:59और उनके शंक का नाम अम्रित जित्था ना वो थमे ना जोके
01:03परशुराम है वो शस्त्रों के अमर अधिपती