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भाषा को लेकर दक्षिण भारत के लोग केंद्र पर कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं.. समय समय पर या तो किसी एग्जामिनेशन को लेकर या एजुकेशन पॉलिसी को लेकर राज्य सरकारों और केंद्र सरकार में मतभेद नजर आ रहा है.. लेकिन अब, राज्यपाल से तनातनी के बीच तमिलनाडु विधानसभा में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य को स्वायत्त यानी की ऑटोनोमस बनाने का प्रस्ताव पेश कर दिया है... लेकिन क्या राज्य सरकार ऐसा कर सकती है.. और किसी भी राज्य को स्वायत्त यानी की ऑटोनोमस बनाने का क्या मतलब है.. चलिए बताते हैं आपको विस्तार से... मैं हूं आपके साथ सृष्टि गोयल, आप देख रहे हैं ABPLIVE

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00:00भाशा को लेकर दक्षन भारत के लोग केंदर पर कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं। समय समय पर या तो किसी एग्जामिनेशन को लेकर या एजुकेशन पॉलिसी को लेकर राज्य सरकारों और केंदर सरकार में मनभेद नजर आ रहे हैं।
00:14लेकिन अब राज़पाल सितनातनी के बीच तमिलनारु विधान सभा में मुखेमंतरी एमके स्टालिन ने राज्य को स्वायत यानी की ऑटोनोमस बनाने का प्रस्ताफ पेश कर दिया है।
00:44अलग अलग भाशा, जाती और संस्कृति के लोग रहते हैं।
00:48हम सब मिल जुलकर रहते हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर अंबेटकर ने देश की राजनीती और प्रशासन की प्रणाली को इस तरह से बनाया कि सभी की रक्षा की जा सके।
00:59एमके स्टालेन ने कहा कि एक एक करके राज्यों के अधिकार को छीना चा रहा है।
01:04राज्य के लोग अपनी मौलिक अधिकारों के लिए केंद्र सरकार से संखर्श कर रहे हैं।
01:09हम अपनी भाशा से जुड़े अधिकारों को भी मुश्किल से उनकी रक्षा कर पा रहे है।
01:15स्टालिन ने कहा कि राज्य तभी सही माइने में तरक्की कर सकते हैं जब उनके पास सभी जरूरी अधिकार और शक्तियां हो।
01:24तमिल नाजो के मुख्यमंतरी एमके स्टालिन ने विधान सभा में कहा कि राज्य के अधिकारों की रक्षा और केंद्र राज्य की रिष्टों को बहतर बनाने के लिए एक उच्छ स्थरिय समीती बनाई गई है।
01:35इस समीती में पूर्व अफसर अशोक शेटी और M.U. नागराजन जैसे लोग भी शामल होगे।
01:41यह समीती जनवरी दुखजार चबीस तक एक अंतरिम रिपोर्ट देगी और दो साल के भीतर अपनी पूरी रिपोर्ट और सिफारिशे सरकार को सौपेगी।
01:50चलिए अब जानते हैं आखर ये और क्या कोई भी राजे इसे ला सकता है।
02:20निर्णे कर सकती है। जवाब है नहीं। कोई भी राजे सरकार भारत में पूरी तरह से स्वायत्त नहीं ला सकती है।
02:50टमिल्शानल्ल लॉयर से इसके बारे में बात चीट की तो उन्होंने बताया कि स्टालीट की सरकार इस प्रस्ताब के पीश तू कर सकती है
02:57लेकिन भारते समयधान के तहट इताकत सिर्फ केंद सरकार के पास है
03:01स्टालिन शायद विधान सभा से परस्ताफ पास करा ले
03:04लेकिन बिना LG के साइन के वो आमान नहें
03:07और ऐसे में केंद्र सरकार तमिलनाडू पर राश्टपती शासन भी लागू कर सकती है
03:12आपको बता दें कि बीते दिनों तमिलनाडू सरकार ने मेडिकल प्रवेश परीशा नीट से छूट पाने के लिए
03:19जो बिल केंद्र को भेजा था उसे केंद्र सरकार ने खारिश कर दिया
03:23राश्ट की डियम के सरकार चाहती थी कि मेडिकल कॉलेजों में दाखिले बारवी के अंको के आधार पर हो
03:30लेकिन केंद्र ने कहा कि ऐसा करना राश्टर स्वास्त नीटी के खलाफ है
03:34इससे राश्ट सरकार को बड़ा जटका लगा
03:37इस विधे को खारिश के जाने पर मुख्यमंत्री नाराजगी जटाई
03:41उन्होंने कहा कि ये फैसला तमिलनाडू का अपमान है
03:45और इसे संगवाद यानि की फेडरलिजम के लिए एक काला दोर बताया
03:50मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही केंदर सरकार ने हमारे प्रस्ताव को छुकरा दिया हो
03:55लेकिन हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई है
03:57हम इस फैसले को कोच में चुनौती देंगे और कानूनी विशेशक्यों से सलहा लेंगे
04:03अब भाशा को लेकर उठता ये विवाद कहां जाकर रुकेगा ये तो देखने वाली बात रहेगी
04:08आपको बता दें जल्दी तमिलाजू में भी विधान सभाट जनाफ होने है
04:11इसे लेकर भी लगतार तमिलाजू में अब कई मुद्दे उठ रहे हैं
04:16मुद्दे लगतार भाशा को लेकर ही है और भाशा को लेकर ये विवाद को नया नहीं है
04:21शुरुआज से लेकर अब इतमिलाजू की नाम को लेकर तो कभी वहाँ पर लागुनीतियों को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं
04:29इस वीडियो में फिलाल इतना ही देखते रहिए एवीपी लाइव

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