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CJI Sanjiv Khanna: दिल्ली हाईकोर्ट के जज (Delhi High Court Judge) यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Varma) के घर करोड़ों का कैश मिलने का विवाद गहरा होते जा रहा है. वहीं अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी अपनी तरफ से एक रिपोर्ट पेश की है. सीजेआई संजीव खन्ना (CJI Sanjiv Khanna) ने अपने इन हाउस जांच कमेटी (In House Investigation Report) की रिपोर्ट पीएम (PM and
President) और राष्ट्रपति को सौंप दी है...जिसके बाद अब चर्चा तेज है कि यशवंत वर्मा पर महाभियोग (Impeachment on Justice Yashwant Verma) चलाया जा सकता है...सवाल ये है कि आखिर कब कैसे किसी भी जज के खिलाफ महाभियोग (What is Impeachment) लाया जाता है...इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है?

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Transcript
00:00क्या होती है महाव्योग की प्रक्रिया जजों पर कब चलाया ज़ाता है महाव्योग
00:06जस्टिस यश्वंत वर्मा केस में महाव्योग की चर्चा तेज
00:11जस्टिस यश्वंत वर्मा ये वही जस्टिस वर्मा है जिनके यहां से अध जले या पूरे जले नोटों का भंधार मिला
00:18अंदाज़ा लगाया गया था कि 15 करोड की नोट उनके आवास में जल गए
00:22सवाल उठे कि आखिर ये नोट आये कहां से
00:25संजीब खना ने तौरित एक्शन लिया और तीन सरदस्यों की एक जांच कमेटी बना दी
00:30जांच कमेटी ने पाया कि जस्टिस यश्वंत वर्मा पर लगे आरोप सही है
00:33जांच कमेटी ने जब अपनी रिपोर्ट CGI खना को सौपी उसके बाद मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि CGI खना ने उनके सामने दो विकल्प रखे थे
00:41पहला ये कि वो जल्द से जल्द इस्तीफा दे दे जिस पर फैंसले की तारिक 9 माई तक दी गई थी
00:47लेकिन जस्टिस यश्वंद वर्मा ने इस्तीफा नहीं दिया
00:50दूसरा विकल्प ये था कि अगर वो इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन पर महावियोग चलाया जाएगा
00:56मीडे रिपोर्ट से ये हैं कि CJI खना ने पियमोदी और राष्ट्रपती ड्रौपदी मुर्मो को जस्टिस वर्मा की जांच वाली रिपोर्ट सौंब दी है
01:04नियमों के तहट अब जस्टिस यश्वंद वर्मा पर महावियोग चलाया ज़ा सकता है
01:09इसका फैंसला प्रधानमंत्री और राष्ट्रपती करेंगे
01:11इस पर क्या फैंसला सुनाया ज़ा सकता है और क्या संभाबना है ये तो आपको गताएंगे ही
01:16लेकिन उससे पहले चलिए जान लेते हैं क्या आखिर महावियोग होता क्या है
01:20सीधे शब्दों में कहा जाए तो किसी भी जज़ को हटाने की जब बात आती है
01:28महावियोग शब्द की चर्चा जरूर होती है
01:31क्योंकि महावियोग चला कर ही किसी भी जज़ को हटाया जाता है
01:35लेकिन उससे पहले की प्रक्रिया बेहद लंबी होती है
01:38महावियोग का प्रस्ताब संसद के दौनों सदनों मैं से किसी एक में या फिर दौनों सदनों लोगसभा या राज्योसभा में लाया जा सकता है
01:46महावियोग प्रस्ताब को सबसे पहले संसद में पेश करना होता है
01:50अगर इसे लोकसभा में पेश किया जाता है तो कम से कम 100 सांसदों के साइन के साथ मनजूरी जरूरी होती है
01:57वहीं अगर इसे राज्योसभा में पेश किया जाता है तो कम से कम 50 सांसदों के अस्ताक्षर के साथ मनजूरी होनी चाहिए
02:05जज़ पर महवयोग चलाने के प्रस्ताब की मंजूरी जब संसद में मिल जाती है उसके CGI की अगवाई में तीन सदस्यों वाली एक कमेटी बनाये जाती है
02:13इस कमेटी की अगवाई सीजाई करते हैं और देश के किसी भी एक हाई कोट के चीफ जस्टिस किसी भी हाई कोट के ही एक सीनिय जज शामिल होते हैं
02:24ये कमेटी जज के खिलाफ जांच कर अपनी रिपोर्ट संसद को सौंपती है
02:29अगर जाच की रिपोर्ट में जज के खिलाफ आरोप सही पाय जाते हैं तब जज को हटाने का प्रस्ताब संसद में बहस और बोटिंग के लिए रखा जाता है
02:38बहस के बाद बोटिंग में अगर जज को हटाने के खिलाफ में दोती हाई बहुमत मिलता है तब उनको पद से हटाया जा सकता है लेकिन महावियोग की प्रक्रिया यहीं खत नहीं होती
02:49राश्ट्रपती की अंतिम मोहर
02:51जैसा कि हमने उपर बताया कि संसत की वोटिंग के बाद भी महावियोग की प्रक्रिया यानि जज को हटाने की प्रक्रिया खत्म नहीं होती है इस पर अंतिम मोहर राश्ट्रपती की मनजूरी के साथ लगती है
03:02संसद में प्रस्ता पास हो जाने के बाद इसको राष्टपती के पास भीज दिया जाता है
03:07अगर राष्टपती ने मन्जूरी दे दी तभी किसी भी जज को हटाया जा सकता है
03:12लेकिन भारतिय न्याइक इतिहास में कई जजों पर महाव्योग चलाया जा चुका है
03:18लेकिन उनको हटाया नहीं जा सका है लेकिन जैसा कि आपने इसकी प्रक्रिया के बारे में जाना ये एक तो बेहत कठिन है और बेहत लंबी भी
03:26संविधान का क्या रोल?
03:56ब्रश्टचा लिप्त पाए जाने के स्थिती दोशी पाए जाने पर ही हटाया जा सकता है जिस पर अंतिम मुहर राष्टपती की लगती है ऐसे में आपको क्या लगता है जस्टिस ये शोंत वर्मा का भी पहले के उन सभी जजों की तरह बाल बांका नहीं हो पाएगा जिन प
04:26पाएगा जार अंग मेज के झाव देन के संग्टत। हला फिरे byłoनि उड़ोड़क्टनाव disappoint तरह ही running लिए शेचा हाएग उेसे कैसे हैं नहीं yes

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