UP Barabanki News: बाराबंकी के बनीकोडर ब्लॉक स्थित ग्राम निजामपुर (मजरा अहमदपुर) (Nizampur) के इतिहास में पहली बार, आजादी के बाद किसी छात्र ने हाईस्कूल परीक्षा पास की है.
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00:00ये आंसू ये सिस्किया उस संघर्ष को बया कर रही है जो राम केबल ने अपनी छोटी सी उम्र में देखा
00:14ये कहानी उस दर्द को भी बया करती है जहां बिक्सित भारत का सपना दिखाने वाले नीता बड़ी बड़ी डिंगे हांकते हैं और उन्ही के राज्य शहर में एक गाउं ऐसा भी है जहां अजादी के 78 साल बाद भी किसी ने हाई स्कूल यानि दस्वी पास नहीं की
00:34ये कहानी है यूपी के निजामपूर की जहां दस्वी पास करना एक असंभव सी चीज लगती थी लेकिन दस साल की राम केवल ने इस असंभव को संभव कर दिखाया और बन गया अपनी गाउं का पहला हाई स्कूल पास छात्र
01:04यूपी के बारावंकी के बनी कोडर ब्लॉक स्थित ग्राम निजामपूर मजरा एहमदपूर के इतिहास में पहली बार आजादी के बाद किसी चात्र ने हाई स्कूल प्रिक्षा पास की है
01:16किस तरह के मैसूश कर रहे हैं पूरी बात होता है
01:18मैसूश ये कर रहे हैं थे हमारे घर में कोई नहीं पढ़ा था सर्जी अपने मन से पढ़ते थे
01:23फिर पढ़े और पिर नैंध में पढ़े लगातार स्कूल जाएं
01:29स्कूल में सर बताते थे कि ये पढ़ो फिर आते थे घर में रिवीजन करते फिर सुबह उठते स्कूल जाते फिर और जो काम बताते थे सर जी करते थे
01:40कि इतना समय मिलता थे तो नस्य पड़ते थे और वहते पैसे पड़ाही की विश्थी-,
01:47काम करने सर जाते थे, काम करें आते थे तो एधा एक गंटा पड़ते थे, सर बस,
01:54क्या काम करते थे पैसा, कितना में कैसे मिलता थे कि आते है, नियुकude दे लुटते,
01:57रोल लाइट वाला काम करने जाते हैं, तो धर लोटते तीन सुरुपा मिलते हैं, राद में तीन बज़े कहुंँ दो बज़े आते थे, तो सुबह आधा एक गंटा सोते हैं, फिर जग जाते हैं, तो स्कॉल जाते हैं, सर।
02:09क्या घर में भी कुछ इस्तिती ऐसी नहीं थी कि पढ़ाही लिखाए कि तुवारा खर्चा हो पाए हैं? ने सर। क्या इस्तिती दे घर की कैसे क्या होता था? घर में सर ऐसे हारा हाप आले हुए ना खेती हैं, ना कुछ है।
02:22राम केबल बोलते बोलते भाबुख हो जाते हैं, रुखते हैं और फिर बोलने लगते हैं। इन भाबनाओं को हम और आप शायद ही समझ पाए कि जब बारात में लाइट उठाने वाला एक लड़का अपने दम पर हाई स्कूल पास करता है और वो भी ऐसी जगह से जहां अ
02:52है उस मा को जब दुनिया के हजार ताने सुनने के बाद भी वो अपने बेटे को शिक्षित बनाने के लिए उसके साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ी रहती है।
03:22बेटे भी मंंदूरी करें आपने सुचा, को जब थेशी हैं, कि आने लाहित के लिए ह।
03:52इनत करो तो आगे बढ़ो, कुछ मिले फ़ल
03:55जहां राम केवल शायद ही ये मुकाम हासिल कर पाता अगर उसे अच्छे टीचर का साथ न मिलता
04:18कोई उसे शुक्षा के महत्तों के बारे में ना बताता और बच्पन से राम केवल में ये उमीद और सपनों के पंक्तिये प्रात्मिक विद्याले निजामपूर के प्रिंसिपल शैलेंदर द्विवेदी ने
04:48ये हमारा बहुत आग्याकारी इमांदार से रहा है अपनी मेहनत से अपने पढ़ाई के प्रत्सवयों समर्पित रहा है जो हम लोग बताते थी कैसे पढ़ना है क्या करना पूरी मेहनत निस्टा के साथ ने किया है बीच में हमारा इस पर चुका है चैसे आट तक जूनर है �
05:18बहुत आगे तक जाएगा इसके अंदर जो एक चीज हमने देखी हो बहुत बड़ी रही स्कूल जाता है जैसे हमारे विद्याले जबाता रहा है तो विद्याले स्टाप को देखके अध्याप को देखके मतलब यह हमेशा यह अंतर महसूस करने कोशिस ने किया है कि बिना �
05:48इसने इत्यों स्थीख लिया है और मैं अध्यास ने जहां बिल्कुल सही कहा प्रिंसिपल साहब ने शिक्षा ही वो हत्यार है जो से आप जिंदगी की हर जंग असानी से लड़ सकते हैं शिक्षा शेर्णी का दूध है जो पिएगा वो दहाड़ेगा बाबा साहब अंबे�
06:18बस्वी पास करना एक असंभब सी बात लगे राम केबल को उनके सफलता पर हारदिक बधाई और शुपकाम ना आए उमिद है वो अपनी जिंदगी में वो सब कुछ कर पाएं जिनके वो सपने देख रहे हों जो शौर होंसला बढ़ाती इस कहानी में वस इतना ही आपका इ
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