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00:00अचारे जी बहुत डर लग रहा था पहले तो आपसा पुछने से पहले लेकिन फिर भी डरा करो अब क्यों नहीं लग रहा है
00:07जैसे मैं कोई भी काम उठाता हूं तो वो कभी ठीक से पुरा नहीं हो पाता है
00:13या फिर ऐसा गए है कि हम डंग से पुरा नहीं हो पाता है
00:15तो लेकिन कभी-गभी जैसे
00:17कोई भी काम उठाते क्यों हो
00:21लब बहुत ही विगटिस से दिये
00:24क्यों जैसे उधारण के लिए चारेजी जिम जाना है या फिर जाना जिब तुम्हारे पास कोई गरजता हुआ जवाब नहीं है तो तुम जिम जाओगे भी तोहां क्या करोगे
00:35इंस्टाग्राम चलाओगे रेड मिल पे चड़ जाओगे पांच की स्पीड लगा दोगे स्क्रीन पर मुवी देखोगे नहीं तो जिम में जाओगे और दूसरों जो वेट्स कर लिए होंगे वो उठा उठा के रैक पे रखके वापस आजाओगे बुरा लग रहा अब कम ल�
01:05जी बहुत डर लग रहा था पहले तो आप सा पूछने से पहले लेकिन फिर भी डरा करो अब क्यों नहीं लग रहा है इतनात कर दूंगो तुम्हारे उपर
01:15अचाय जी प्रशन ही है कि जैसे मैं कोई भी काम उठाता हूं तो भी ठीक से पुरा नहीं हो पाता है या फिर ऐसा गए कि हम डंग से पुरा नहीं हो पाता है तो लेकिन कभी-कभी जैसे
01:28आज तक किसका कोई काम पूरा हुआ है, मेरा नहीं हुआ है
01:35बहुत ही बिगट से थी है, कभी कभी जब भी पूरा हो जाता है, तो अच्छा भी लगता है कि आज हो गया पूरा, लेकिन जादस तर समय तो नहीं होता है
01:45तो ऐसे में फिर घोर निराशा उटती है या आवशाद उटता ऐसा कह सकते फिर उसके बाद में ख्रोध भी उठता है और फिर वह चारो तरफ उठता है अलग जगा पर कोई भी काम उठाते क्यों हो
01:59कि तुम्हें क्यों करना है कोई भी काम
02:01क्यों जैसे उदरहन के लिए अचारे जी जिम जाना है या फिर
02:10क्यों जाना है मस्त हो तुम तब पहलवान ही हो जाएंगे
02:17तो कुष्टी कौन देखेगा
02:31क्यों जाना है जिम जिब तुम्हारे पास कोई गरजता हुआ जवाब नहीं है तो तुम जाओगे भी तोहां क्या करोगे
02:43इंस्टाग्राम चलाओगे और क्या करोगे ट्रेड्मिल पे चड़ जाओगे पांच की स्पीड लगा दोगे
02:54स्क्रीन पर मूवी देखोगे
03:01एक जिम में मशीन होती है जिस पर चड़ जाओ तो ऐसे गोल गोल भूमती है वो वेस्ट के लिए होती है ऐसे ऐसे ऐसे इतना इतना होती है
03:09मैं एक जिम जाता था वहाँ एक आंटी आती थी
03:12उसने साल भर यही किया
03:19और कान में उसके दो ऐसे
03:21मस्त पता नहीं क्या सुनती थी
03:25ऐसे ऐसे ऐसे घंटा भर करती थी चली जाती थी
03:28तुम्हें कोई ललक है कोई आग है
03:32मैं पूछ रहा हूँ जिम क्यों जाना है
03:33कोई जवाब ही नहीं है
03:35जैसे जैसे अच्छारेज़ी
03:38मैं संस्था में हूँ
03:39तो जो काम है वो बहतर हो पाई उससे
03:42तुम्हें नफरत होनी चाहिए जैसे तुम हो
03:44तब जाके कुछ बदलता है
03:48संस्था में हूँ, काम बहतर हो जाए
03:52संस्था में नहीं रोगे तो जिम नहीं जाओगे
03:54तुम्हें करतवे की तरह कर रहे हो
03:59जो जॉब रिक्वार्मेंट है जी
04:00जिम जाना
04:03जो कुछ भी तुम्हारे भीतर है जब तक उसके प्रति उसके विरुद्ध
04:13सक्रिय उर्जा नहीं उठेगी तब तक कोई परवर्तन नहीं आता
04:17जो है जैसा है यथावत यथास्थिति स्टेटस को चलता रहता है
04:29बोस सोच समझ के कहा है नफरत घ्रणा होनी चाहिए
04:34जो घ्रणा की उर्जा होगी न वही उर्जा काम आएगी जब पसीना बहरा है
04:40सांस उखड रही है और अभी आठ रेप्स बाकी है वो उर्जा और कहां से आती है
04:45जो नफरत की उरजा होती है, जिसके पास नफरत की उरजा ही नहीं जिम में कदम रखते वक्त, वो कहगा हो गया ना, और और नहीं करना,
04:56अब नहीं करना ओल
04:59जो अच्छे
05:04संकल्पित
05:06जिम जाने वाले होते हैं जब वहां होते हैं तो
05:09तुम उनकी गरज सुनना
05:12वो इसने गरज रहे होते हैं
05:15वो वीडियो बनवा रहे हैं या उनको किसी को डराना है
05:17या कुछ
05:17भीतर कुछ होता है जो फट रहा होता है
05:23उसी को फाड़ने के लिए जिम जाया जाता है
05:26बाइसेप्स बहाना है भीतर कुछ है उसको फाड़ना है
05:30बाइसेप्स लेके क्या मरना है
05:34जली जानी है ये भी
05:36इसका इस्तिमाल किया जाता है भीतर जो बैठा है ना जो खुश है जैसा हूं ठीक ही हूं लोट रहें कीचड में चली तो राय क्या हो गया कीचड ही तो है ये भी तो पंच भूत का है
05:49सब एक ही चीज है सांखे हो कहता है प्रक्रति कही तत्तो है साफ बिस्तर हो या कीचड हो सब क्या है पंच भूत है जो संतुष्ट है उनकी जिन्दिए में कोई बदलाव नहीं आता सौ बार मैंने कहा है मेरे पास आए हो मैं तुम्हें बेचैन नहीं दूँगा
06:10जिनका सब ठीकी ठीक चल रहा है उनका कुछ कहाई के लिए बदलेगा
06:15और अपनी जिन्दगी से उन लोगों को बेदखल करो जो तुम्हें स्वीकार करते हैं जैसे तुम हो
06:27तुम्हें ऐसे लोग चाहिए जो लानते भेशते हों तुम्हारे उपर
06:32जो कहते हों कि हमारे पास मत आ जाना अगर ऐसे ही रहना है तुमको तो
06:36तुमने अपना दोस्तियार का दायरा अपना फ्रेंड सर के लिए ऐसा बना रखो गए वो भी तुम्हारे ही जैसे होंगे
06:44कोई छिला हुआ है कोई चुसा हुआ है कोई नुचा हुआ है बुरा लग रहा है कम लग रहा है और ज्यादा बुरा लगना चाहिए
06:58भीतर से जबरदस्त जौला उठनी चाहिए
07:01क्यों सुनना पढ़ रहा है मुझे ये सब मैं नहीं सुनना चाहता
07:04तब कुछ बदलेगा
07:06नहीं तो जिम में जाओगे और दूसरों जो वेट्स कर लिए होंगे
07:10वो उठा उठा के रैक पे रखके वापस आ जाओगे
07:13जब तुम्हें कुछ बुरा ही नहीं लगता
07:18तो माने सब जो है अच्छा ही है जब सब अच्छा ही है तो बदले क्यों बताओ ना
07:23जाओ पहलवानों से करो यारी उनके साथ चलो
07:31लगनी चाहिए हींता
07:36कि जितना तो मेरा कमर का घेरा नहीं है
07:41उतना तो उसका बाजू है
07:44तब लगेगा क्यारी क्या कर रहा हूँ
07:51दोस्त था उसके साथ जा रहा हूँ कोई पूछ रहा है ये ये पापा है तुम्हारे
08:05तब कुछ बदलाव आएगा ना
08:06हमें जलते हुए लोग चाहिए असंतुष्ट
08:13हमें शान्त सैयत संतोशी लोग नहीं चाहिए
08:22जो है जैसा है भगवान ने दिया है इसी में संतोश करो
08:28हमें समय से पहले और किस्मत से ज्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता बच्चा है जब लिखा होगा तब तुझे भी बाइसेप मिल जाएगा
08:37उतने ही मिलेगा जितने से लिख सको लिखने के लिए जितनी मसल चाहिए उतनी मिल जाएगी
08:58ललकार और कराह कई बार बिलकुल एक से सुनाई देते हैं तब जानना सचाई है
09:05भीतर कुछ है जिसे मैंने खुद चोट दी है मैं खुद को ललकार रहा हूँ और खुद को ललकारा है मैंने ही और कराह उठी है मेरी ही
09:15तब जानना सच चाहिए
09:17यह बाहर वाले को ललकारने में
09:19अपनी करा कोई उठती ही नहीं
09:20खुद को ललकारो
09:21और फिर करा उठती है
09:24वो जिम्मे भी होता कई बार, तुम कराहते हो
09:27मिना उस कराह के
09:30कोई नहीं बदलता, कोई नहीं सुधरता
09:32मेरी बाते तुम्हें संतुष्ट करने के लिए नहीं है तुम्हें और बुरा लगना चाहिए
09:42तुम संस्था में इसलिए नहीं आये हो कि जैसे हो वैसे ही रहो या तो यहां से भाग जाओगे और अगर यहां टिकोगे तो कुछ और हो जाओगे
10:02हुआ