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चुड़ैल के भूतिया परिवार का रमजान/chudail ke bhutiya Parivar ka Ramzan/#viralvideo #ai #scarrystory
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00:00और जिनाव कहा जा रहे हो आरे दो दिनों बार रमजान का पाक महीना शुरू होने वाला है बस उसी के लिए खजूर ले रे जा रहा हो अलहम्दलिल्ला चलो भाई हम भी रमजान के तयारी में ही लगे हुए हैं
00:16गाउं की पूरी जड़क पर चहल पहद थी सभी रमजान के तयारी में लगे हुए थी वहीं गाउं के किनारी जंडल से सटा हुआ एक घर था जहां पूरी तरह सन्नाठा पला हुआ था लेकिन उस घर से रोशनी आ रही थी
00:28शुमीर अबेती सुना तुने विल से रमजान आ रहा है काश की इस बार हमारा खुदा हमारी भी पुकार को सुन ले
00:37लेकिन कहपे हैं कि सबर का जवाब मगजों में मिलता है
00:54जब ये लगे कि सब कुछ ख़तम हो गया है
00:57तब ही तो खुदाराफ्ते निकालता है
00:59और यही उसकी शान है
01:01हम इस बार भी खूब लगकर अबादत करेंगे
01:04और इंशालला इस बार है वे इस भूठ चुरेल के रूप से आजावी मिलेगी
01:09उस खंडर में रहने वाला भूठ चुरेलों का परिवाद भी रमजान के महीने के इंतजान में था
01:15सभी तरफ रहमतों की बारिश हो रही थी
01:17रात के बारह बजे तक भी गाउं में रौनक थी
01:20और इसी रौनक में सलक पर खेलते हुए कुछ ललके अंजाने में उस भूठ चुरेलों की खंडर के पास चले गई
01:27हमारी गिल्ली यहीं गई है
01:29क्या इस बूठियागर में मैं लेने नहीं जाओंगा
01:34अच्छा शार्ट टूने वा रहा था और यह गिल्ली मेरी थी
01:37अगर मेरी गिल्ली नहीं मिली तो मेरे अबबा चान मार मार के मेरा कचुमा निकाल देंगे
01:42जल्दी लेने जल
01:42अरे रात हो रही है हम सुबागों ले आएंगे
01:46अरे तु डर रहा है कितना डर बोक है तू चल जल दिया से
01:50यहां किना आजा हम है हम
01:52वोलब के अंधेरे घर में मुबाई की टॉर्च जला कर भुस गए
01:56सबसे पहने वो दर्वाजे तक पहुँचे तो दर्वाजा खुद बाखुद ही खुल गया
02:00यह यह यह कैसे या अल्ला रहाम करना अरे खुल गया होगा अब इसमें इतना जटने ऐसा क्या है चल जल दिया
02:10मेरे दूस्त मुझे तू डल लग रहा है अब यह भी काह में वापस चल तेरे गिल्ली की पैसे में दे दूंगा
02:17अरे अंदर तु आ
02:18दोनों लर्के अंदर को साई
02:21वो मुबाइल की टॉच से ही उजाला कर रही थे
02:23चलती चंते वो घर के एक बड़ी दीवार के पास पहुँचे जहां पार
02:27एक बहुत बड़ी तस्वीर टंगी हुई थी
02:28लेकिन देखने की बात थी कि उस तस्वीर की आखे जपक रही थी
02:33अरे देख इसने इसने अभी पलचिप की
02:37अच्छा और कुछ तो नहीं गया ना इसने
02:40अरे तू इदा को टॉच टुगर
02:42उस लड़के ने जैसे टॉच को तस्वीर के तरफ गुमाया
02:46उसकी टॉच ही बंद हो गई
02:47यह क्या हुआ? अब हम क्या करेंगे?
02:51अजि यह बंद कैसे हो गई?
02:53अचाने कि उन दोनों को पायल जैसी आवाजे आने लगी
02:56जैसे कि कोई उनकी तरफ को आ रहा हूँ
03:12चुड़ें बाग बाग ऐसे कैसे?
03:18अब आए हो तो हमें अपनी खातरदारी भी कर में दो
03:21यह लड़के जैसे ही भागे उन्हें सीरियों से अपनी कमर तोड़ कर उतरती हुए एक बूरी चुड़ेल दिखाई दी
03:27बचाओ!
03:31वो दोनों लड़के दर के वज़ा से जमीन पर गिर पड़े
03:34और गिरने के बाद जैसे उनकी नजर चप की तरफ को पड़ी
03:37वहां उन्हें तीन भूद चछट से चिपके हुए दिखाई दिए
03:40जो तेजी से नीचे ही आ गए
03:42और रपाह बड़ी दिनों बाद जवाल खून आया है
03:45लेट चलो इट है
03:46दो दिन बाद सहटी में इनका ही बोश्ट से बना कोडमा खाएंगे
03:51जी अबबो जान
03:53वो दोनों हिलल के देशित के बचा से बेहोश हो वेगी
03:56बूदिया परिवार ने उड़े उठाया
03:58और कोई नहीं जान पाया कि उन्होंने आखर उनके साथ क्या किया
04:01ऐसे ही सालों से सिलसला चला आ रहा था
04:04काउमे कोई भी उस बड़ी खंडर हवेली के पास नहीं जाता था
04:07और अगर कोई भूल से बहां चला जाता था
04:10तो वो कभी भी जिन्दा लोट कर नहीं आता था
04:12ऐसे ही अब रमजान आ चुका था
04:14रमजान की धूम और दिन में अलग सी ही रोनक थी
04:17और सारे मुसल्मान रोजा रखे हुए थी
04:20ऐसे में चुडल के परिवान ने भी रोजा रखा था
04:22मुझे उम्मीद है कि इस बार हमें इस बूतिया रूप से आजादी मिलेगी
04:28चलो अम्मी जान, अब्बू, फर्मान बेटा और हुमेरा सभी आजाओ इबादत का वक्त हो रहा है
04:34आज अपने सूखे लबो से ऐसे दुआ मांगना कि वो सीधी अर्ष तक जाए
04:39और हमारा बुलावा जाए
04:42भू चुड़ेलों ने
04:45जाइन मास पर बैटकर इबादत की और खूब दूआ बाँगी
04:49ऐसे ही मगरिब का वक्त हो गया और हर घर में रोजा खोलने के लिए दस्तरखान सच गया
04:55लोगों की घरों में दस्तरखान पर शर्वत, पानी, खजूर और फ़लों की चाड़ वगयरा थी
05:00वहीं भूतिय परिवार में भी दस्तरखान सच गया
05:03उन्होंने भी रोजा खोलने के लिए खून और मासकों सिराया हुआ था
05:07हर एक मुसल्मान का हाथ उस वक्त दूआ के लिए उठा हुआ था
05:10फिस चाहे वो इनसान हो या कोई और मखलूग
05:13इस वक्त मांगा हुआ कभी जाया नहीं जाता
05:16इसे लिए ची बार कर मांगो
05:19सबी ने दुआ कि और अल्लाह के घर से पैगाम आते ही सबी ने रमजान इफ्तार किया
05:24ऐसे ही सिल्सना जारी था और अब लगबग आधे रोजे होने को आई थी
05:28एक शाम जब बस अजान होने ही वाली थी
05:30एक बच्ची भागती हुई भूत चुड़ैलों की हवेली वे आ गई
05:33उसके पीछे पीछे उसकी अम्मी भी थी
05:35अरी नीदा बेटा वहां मत जाओ इधर आओ अजान होने ही वाली है
05:40नगमा ने ध्यान नहीं दिया और वो घल्ती से उस हवेली में घुश गई
05:44अचानक उसके अंदर आते ही दर्वास बंद हो गया
05:47याल्ला ये कौन सी जगा है नीदा बेटा
05:51उसके बच्ची भागत गई थी
05:53नगमा उसे ही ढूणने लगी कि तबी उसे अपनी बेटी दिखाई दी जो एक कमरे में जा रही थी
05:57नीदा बेटा
05:59अपनी बच्ची के पीछे पीछे नगवा भी उस कमरे में खुस गई और अंदर उसने जो देखा उसे देखकर उसके होश गोम हो गई
06:06अंदर भूतिया परिवार बैठा हुआ इफ्तार की तैयारी कर रहा था
06:10तो कौन है और इस वक्त हमारी हवैली में क्या कर रही है
06:14लगता है अल्लाह ने हमारे इफ्तार के लिए इफ्तारी भी दी है
06:18अल्लाह के लिए मुझे माफ कर दो मैं तो अपनी बच्ची के पीछे पीछे आ गई थी
06:24तू बो तो ठुड़ेलों से माफी की उमीद लगा रही है कितनी सीधी है तू जरा उदर दे
06:32मुझे जाने दो नगबर रोते हुए दिवार पर नजर डाली तो उसे अपनी बेटी लटकी हुई दिखाई दी
06:40मिदा मेरी बच्ची दरदोरा आये अपनी बेटी को देखकर अब यह और होगा जब हम इसके खोन का जोस बना कर पीएंगे
06:52मेरी बच्ची को जोड़ दो रमजान का महीना दो खोषिया बाटने और नर्मी से पेश आने का महीना है
07:07सिर्फ बूख अप्यासा रहकर अबादत करना ही मकसद नहीं है हमें हर किसी से नर्मी से पेश आना चाहिए इस महीने तो सारे दिलों के मैल दूल जाते है
07:18हरे जब बड़ी बड़ी गुना करने वालों को अल्ला माफ कर देता है
07:22तो तुम्हें हमें माफ कर दोना
07:24तुम्हें अल्ला का वास्ता
07:27नगमा की बात सुनकर सब ये भूत चुड़ेल शांत से हो गई
07:30और घर का सबसे बड़ा भूत दीवार पर तंगी बच्ची को टावने लगा
07:34नगमा डर गई लेकिन
07:35लो अपनी बच्ची और यहों से चुरी जाओ
07:39ये महीरा नर्मी का है
07:43और हम नहीं चाहते कि इतने पाक महीरे बे हम किसी का दिल दुखाए
07:48वैसे भी तू ने हमें अल्लह का वास्ता दिया है
07:51और हम अपने अल्लह के वास्ते के ख़द करते हैं
07:54जाओ चली जाओ
07:56नगमा ने उस बूत के हातों से अपनी बच्ची को लिया
07:58और वो भागती हुई हवेली से निकलने लगी
08:00इसी बीच अजांग चुरू हो गई
08:02और देखते ही देखते उजड़ी हवेली अचानक से रोशन सी होने लगी
08:06मुर्जाई हुए गमलों में अचानक से जान सी आ गई
08:10ये क्या हो रहा है
08:12अचानकी नगमा के कानों में एक आवास सुनाई दी
08:15शुकरिया आज तमारी वज़ा से हमने अपने जमीर को मार कर एक अच्छा कहम किया
08:21जिसका अज़र देखो हमें आज अज़जादी मिल रही है
08:25शुकरिया नगमा तुम हमारे घर में एक फरिष्टे की तरह आई
08:33उस वज़ा से हम आज़जाद नहीं हो पाए थे
08:36लेकिन आज देखो, रमजान के पाक महीने में हमें भी आजादी मिल गई, क्योंकि इस महीने एक का सवाब सत्तर है, शुक्रिया नगमा
08:47मीनी तो कुछ समझ नहीं आ रहा है
08:50नगमा जली से हवेली से बाहर आई, उसने हवेली के बाहर के ग्राउंड में देखा, वहां की घास में भी रंग बिरंगे फूल के लए थे
08:58नगमा जल्दी से उस जगा से निकल आई और उसने पूरी घटना गाउवालों को सुनाई
09:02वो भूत या परिवार सालों से उस हवेली में था
09:06वो लोग यहां रहने वालों को बहुत परिशान करते थे
09:09ब्यास खाते थे
09:11इसी लिए एक देन उनसे तंग आकर एक आमिल नाम के नौजवान ने उनके घर में आग लगा दी
09:16हो सबी तम मर्त हो गए लेकिन वो मर कर भी नहीं मरे
09:20और भूत चुड़ैलों के रूप में लोटकर लोगों को और परिशान करने लगे
09:24लेकिन नगमा ने आज हम सभी को उन बलाओं से चुटकारा दिला दिया है
09:28बस सब अल्ला का करम है उन्होंने मुझे जरीया बनाया वरना मीरी क्या मजाल
09:35आज उन शैतानों के टलने की खुशी में शाम को सभी की इफ्थारी मेरी तरब से
09:39बूतों चुड़ैलों के जाने की खुशी में मुखिया ने सभी को इस्टार की दावत दी
09:44और उन बूतों चुड़ैलों के हवेली को बंद कर दिया गया
09:47अब सब कुश ठेक हो चुका था और अब गाओं में फिर कभी उस्ट या हवेली के आसपास कोई घटना नहीं घटी