78 साल से जारी जंग, आखिर पाक को इतना क्यों चुभता है कश्मीर? देखें वारदात
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00:00नमस्कार मैं हूँ शम्स ताहर खान और आप देख रहे हैं वारदात
00:1878 सालों से पाकिस्तान कश्मीर के नाम पर कश्मीर और भारत को लहुलुहान करता रहा
00:25पड़ोसी पाकिस्तान की इसी नापाक हरकत की वजह से सरहत पर कभी सुकून नहीं रहा
00:31अब उसी पाकिस्तान ने सबसे ताजा जखम पहलगाम की सूरत में दिया है
00:37वही पहलगाम जो कश्मीर में है और वही कश्मीर जो पाकिस्तान की नजरों में शुरू से ही खटकता रहा है
00:4578 साल पहले एक कबाईली हमला जो खत्म हुआ एक साल दो महीने एक हफ़ता और तीन दिन बार जिसने बदल दी जन्नत की सूरत
01:13जिसने जन्नत को जहन्नम बनाने की बुनियाद रखी जिसने पहली बार मुझाहदीन को पैदा किया जिसने कश्मीर की एक नई कहानी लगी
01:25करीब 700 साल पहले जिस गुलिसना को शम्षुदीन शाहमीर ने सीचा था
01:44उनके बाद तमाम नवाबों और राजाओं ने जिसको सजाया समारा जिसके आस्तानों और फिजाओं में चिनार और बुलदार की खुश्बू तैरती थी जिसे आगे चलकर जमीन के जन्नत का खिताब दिया वही कश्मीर उसी कश्मीर में आज से ठीक 72 साल पहले हैं
02:02एक राजा की नादानी और एक खुक्रान की मनमानी ने फिजाओं में बारूप का ऐसा जहर खोड़ा जिसकी गंदाज भी कश्मीर में महसूस की जा सकते
02:12मेरा मुल्क तेरा मुल्क मेरा मजब तेरा मजब मेरी जमीन तेरी जमीन मेरे लोग तेरे लोग
02:38इस गेर इनसानी जितने पहले तो एक हस्ते खिल खिलाते मुल्क के दो तुक्रे की लाखों लोगों को मजब के नाम पर माड़ा और फिर उस जन्नत को भी जहन्नम बना दिया
02:49जिसके राजा ने बड़ी उमीदों के साथ अंग्रेजों से अपनी रियासत को हिंदो मुस्लिम की सियासत से दूर रखने की गुजारिश की थी
02:57मगर उनकी रियासत की सरहदों के नजदीक बैठे मुसल्मानों के लिए पाकिस्तान बनाने वाले कायद आजम मुहम्मद अली जिन्ना कश्मीर की इस आजादी के लिए तैयार नहीं थी उनकी दलील थी कि जिस तरह गुजरात के जुनागर में हिंदू आवाम की तादात को
03:27अपने इसी जित को मनवाने के लिए जिन्ना ने कश्मीर के महराजा हरी सिंग पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और कश्मीर को जाने वाली तमाम जरूरी चीजों की सप्लाई बंद करता पाकिस्तान कश्मीर को अपने साथ मिलाने के लिए अब ताकत का इस्तिमाल करने �
03:5722 अक्तूबर 1947
04:01अंग्रेजों से मिली आजादी के सिर्फ नौ हफ़ते बाद
04:05जिन्ना के इशारे पर पाकिस्तान की तरफ से हजारों कबालियों
04:09ने कश्मीर में उस वारदात को अंजाम दिया
04:12जिसमें हजारों बेकसूर कश्मीरियों का खून बहा
04:15औरतों की इज़त लुटी बुढ़े बच्चों तक को नहीं बख्षा गया
04:19लूट खसोट मचाई गई
04:21मकसद था की जैसे भी हो बस कश्मीर पर कब्सा
04:25कबालियों के बदन पर सेना की वर्दी भले ही नहीं थी
04:28लेकिन हाथों में बंदूके, मशीन गने और मोटार थे
04:32साफ था पाकिस्तान ने उन्हें पूरी तैयारी के साथ भीजा था
04:35आतंगवादियों को जोश दिलाने के लिए जिन्ना ने उन्हें मुजाहदीन का खिताब दिया था
04:41इसी जोश में कवादियों ने मुजफराबाद और डोमेल शहर के बड़े हिस्से पर कबसा भी कर दिया
04:46और वो श्री नगर के करीब पूरी तक जा पहुँचे
04:49जिन्ना एक तरफ कश्मीर पर हमला करवा रहे था
04:55वहीं दूसरी तरफ उनके लोग कश्मीर की रियासत में बगावत पैदा करने के लिए
05:00मुस्लिम सैनिकों को भड़काने लगे
05:02कश्मीर के जो मुसल्मान उन कबालियों के साथ है वो तो महफूज रहे
05:06मगर जो खिलाफ थे उन्हें आतंकबादियों ने मौत के घाट उतार दिया
05:10मुल्क का नक्षा बदलने की इस जंग में घाटी खून से लाल हो गई
05:14ये तैह हो गया कि कश्मीर को बचाना महराजा हरी सिंग के लिए नामुम्किन है
05:19मगर इसी भी जिन्ना के भेजे भाड़े के आतंकबादियों को लूट की लप लग गए
05:24और वो जिन्ना के मिशन को छोड़ लूट के मिशन पर जा लगे
05:28महराजा हरी सिंग के सामने अब सिर्फ तीन ही रास्ते थे
05:40पहला जो हो रहा है उसे होने दे और अपने हाथों से कश्मीर की रियासत पाकिस्तान को सौब दे
05:46दूसरा उन पाकिस्तानी कबालियों से मुकाबला करे जो नरसंगहार पर उतारी थे
05:51हाला कि यह उनके लिए मुमकिन नहीं लग रहा था
05:54और तीसरा और आखरी रास्ता उनके सामने ये था कि वो भारत से मदद ले और कश्मीर को बचा ले
06:01मगर भारत के साथ मुश्किल ये थी कि तब कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं था
06:06और ऐसे में भारत सरकार सैन ने कारवाई नहीं कर सकती थी
06:10महाराजा हरी सिंग के हंदुस्तान के साथ जाने के फैसले के फौरण बात भारतिय सेना ने कशमीर में मोर्चा खोड़ दिया
06:19रात के अंधेयरे में विमान के जरिये भारत में वक्त रह दे सेना और हथ्यारों को बिना A.T.C के डारेक्शन के श्रे नगर में उता दिया
06:27उस वक्त हमलावर कबायली श्री नगर से महज एक मील की दूरी पर थे
06:32लिहाजा भारतिय सेना ने सबसे पहले श्री नगर के इर्गित एक सुरक्षा खेरा बताया
06:38इसके बाद तो जंग की सूरत बदलते देर नहीं लगी
06:42पहारी मोर्चे, जंगी सामान की कमजोर सप्लाई और नक्षों की कमी के बावजूद
06:54जाबास भारतिय सेरिकों ने एक के बाद एक तमाम ठिकानों से
06:58कबायली और पाकिस्तानी घुसपैट्यों को खदेर ना शुरू कर दिया
07:02भारतिय सेना के बढ़ते कदमों की धमक ने तब तक कबायलियों के दिलों में तहशत पैदा कर दी थी
07:08उन में फ़क्तर मत चुकी थी
07:09लहादा देखते ही देखते सेना ने बारा मुला उरी और उसके आसपास के लाकों को वापस कबायलियों से अपने अपसे मुझे लिए
07:17एक एक चौकी एक एक इंच जमीन के लिए भैयानक लड़ाई दी
07:29पाकिस्तान की फौच कश्मीर को ताकत के बूते जीतने आई थी
07:33मगर मोर्चा संभालते ही भारतिय सेना ने उसे यह एहसास करा दे
07:38कि भारत सिर्फ आकार में ही थी बलकि दिलेवी में भी पाकिस्तान से पहुट पढ़ा है
07:43सेना के जवानों ने एक के बादे कवालियों और पाकिस्तानी सेना के कपसे वाले इलागों में उन्हें मात देनी शुरू करते
07:50मोर्चा संभालने के अगले कुछ महीनों में दो तिहाई कश्मीर पर भारतिय सेना का कपसा है चुका था
07:56बारतिय फौद जीद का पर्चम लहरा चुकी थी
07:59एक साल दो महीने एक हफता और तीन दिन चलीज जंग के बाद कश्मीर का मसला संयुक्त रास्टों में पहुचा जिसके बाद पांच जनवरी 1949 को सीज़ फायर का एलान कर दिया गया
08:17तै हुआ कि सीज़ फायर के वक्त जो सेना एक जिस हिस्से में थी उसे ही युद्ध विराम रेखा माना जाए जिसे आज आज आसान जुबान में हम सब्सक्त का इल-पोसी कहते है इस तरह कश्मीर का कुछ हिस्सा पाकिस्तान के अपज़े में चला गया जिसे आज पाकिस्
08:47कश्मीर को जखमी करने वाले इस वारदात को आज करी 78 साल हो गया है मगर पाकिस्तान अभी भी अपनी हरकतों से बास नहीं आ रहा है पूरे कश्मीर पर पबज़े के लिए शुरू है 1947 ये जंग आज भी जारी है कश्मीर घाटी में हुई इस पहली वारदात के बार पाकि
09:17हिंदुस्तान और पाकिस्तान के आजाद होते ही दोनों देशों के बीच इसी कश्मीर को लेकर काईदे से ये पहली लड़ाई थी
09:25एक रिपोर्ट के मताबिक करीब अतर साल पहले लड़ी गई पाकिस्तान के साथ भारत की इस जंग लगबग दो से चार करोड डॉलर खर्च हुए थे
09:42अगर आज के हिसाब से देगे तो लगबग टेड़ से तीन अरब रुपे खर्च हुए
09:47इस जंग में भारत ने पाकिस्तान से एक लगब वर काउमीटर से ज्यादा आलाखे को वापस लेगा जब की पाकिस्तान के पाध्य।
09:59के पास 78,000 वर काउमीटर आलाखा चला गया थी
10:02इस जंग में भारत ये सेना के करीब 11 о जमान शहीत हुए
10:08जबके पाकिस्तानी सेना की पंद्रह सो सेनिकों की मौटी थी
10:131947 और 48 के बाद नीज़ सो पैसे थी भारत और पाकिस्तान की भी सीधी जंग
10:21इस जंग में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर करीब 2,000 वर किलोमेटर पाकिस्तानी इलाके तर गब्सा कर लिया था
10:32अलाकि इस जंग की कीमत बारतीय सेना को 3,264 जवानों की शहादत से चुखाने पड़ी जबकि पाकिस्तानी सेना के सारे 3,000 से ज्यादा सैनिक मारे गए
10:51बाद में ताशकंद समझोते के तहट 5 अगस 1965 से पहले वाली इस दिन बहाद करनी पड़ी
10:58इसलिए पाकिस्तान के खब्से वाली अलाके भारत को लौटाना पकते
11:04एक रिपोर्ट के मताबिक 65 की इस जंग में भारत लगबग 20 से 30 करोर डॉलर खर्च हुए थे
11:13जबकि पाकिस्तान 50 करोर डॉलर खर्च हुए
11:16भारत और पाकिस्तान के भीच 1971 में तीसरी जंग
11:24यही वो जंग थी जिसमें पाकिस्तान के दो टुकडे हुए
11:30एस्ट पाकिस्तान का टुकड़ एक भया देश बांगला देश बना
11:46इस जंग में भारत ने तब एस्ट पाकिस्तान को 15,000 वर किलोमीटर से ज्यादा इलाखे पर अपज़ा कर लिया थे
11:54हाला की बाद में शिमला समझोते के तहर इसे वापस पाकिस्तान को लोटा दिया
12:01पाकिस्तान को इस जंग से सबसे भारी नुपसान कुआ था
12:05उसके 8,000 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे
12:08देश के दो टुकडे हो चुगे थे
12:11जबकि 93,000 से ज्यादा सैनिकों ने भारतिय सेना के आगे सरिंडर किया थे
12:17हाला की इस जंग में भारतिय सेना के भी 3,843 सैनिक शहीं हुए थे
12:2371 के इस जंग में भारत के करीब 50 करोड डॉलर खर्च हुए थे
12:29भारत और पाकिस्तान के भी 4 जंग 1999 में हुए जिसे हम औरा कर्गिल युद्द के नाम से जानते हैं
12:40इस जंग में पाकिस्तानी सेना कर्गिल में कई किलोमेटर अंदर तक खुसाई थी
12:46कर्गिल के कई पोस्ट पर अपसा भी कर लिया था
12:50बाद में भारत ने न सिर्फ पाकिस्तानी सेनिकों को ख़देर डाला बलकि वापस कब्से वाले लाके के फिर से वापस ले दिया
13:01भारत और पाकिस्तान के भी चितनी भी जंग लड़ी गए उनमें कर्गिल युद्ध सबसे खर्चीला साबित हुए
13:08एक रिपोर्ट के मताबिक कर्गिल जंग के दौरान भारत के वरी टेड़ अरब का लड़ खर्चों ऐसा इसलिए हुआ जोकि ये जंग उचाई पर लड़ी गई थी
13:21वाँ तक सैनिक रसद हत्यार और बाकी जंगी सादो सामान भेजना बेहत खर्चीला था
13:27इस जंग में भारती सेना के पास सौ बाइस जवान शहीद हुए जबकि पाकिस्तान साथ सौ सैनिक मारे गी
13:35हाला कि 99 के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कोई सीधी जंग तो नहीं हुई
13:41लेकिन 2001 में संसप पर हुए हमले के बाद
13:45इलोसी पर सैनिकों की तैनाथी की वज़ा से खर्चा काफी बढ़ गया था
13:49पारलेमन डिटक के बाद करीब 25 था करे Pacific सैनिकों की तैनाथी रही
13:55इसकी वज़ा से भी लगबग 1 अरब डॉलर का अठरिक खर्चा आया
13:59पहल गाम हमले के बाद एक बार फिर से दोनों देशों के बीच जबरदस्त तनाओं का महाल
14:07भारतिय सेना को खुली छूट देने का ऐलान किया गया है
14:11वक्त जगा और एक्शन लेने का फैसला सेना पर ही छोड़ दिया गया है
14:16मेडिया में जग की सुगबगाहट की खबरे लगातार चल रही है
14:21अब अगर आज के इस महाल सचमुच भारत और पाकिस्तान आमने सामने की जग लड़ते हैं
14:28तो यकीन यह अब तक की सबसे खर्चीरी जग होगी
14:31मनीशा जा के साथ सुपरतीन बैनर जी आज तक
14:37भारत का डिफेंस बजट करीब पौने साथ लाग करोड तक पहुँच चुका है
14:42एलोसी की निगरानी पर भारी भरकम खर्चाता है
14:46अगर ऐसे में आज के इस दौर में भारत और पाकिस्तान के बीच जंग होती है
14:51तो इसका अर्थ व्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा
14:55आज ये आँकडों की जुबानी समझते है
14:57भारत का रक्षा बजट इस वक्त लगभग पौने साथ लाग करोड़ का है
15:03एक्सपर्ट्स की माने तो आज के महाल में अगर भारत पाकिस्तान से जंग लड़ता है
15:09तो भारत के रक्षा बजट का लगभग तीस वी सदी हिस्सा इस जंग में खर्च हो सकता है
15:15यानि लगभग तेर लाग करोड़ उपे
15:19हालां कि ये उस सूरत में जब जंग का फैसला जल्दी हो जाए
15:24अगर कहीं जंग लंबी खिज गए तो ये खर्चा तीन से चार लाग करोड़ तक पहुँच सकता है
15:32ये खर्चा तो सीधे जंग के नाम है
15:37लेकिन जंग की वज़ा से जिन बाकी चीजों पर असर पड़ता है
15:40अगर उन सब को मिला ले तो भारत को करीब साथ सो पचास अरब तॉलर
15:44यानि लगभग बासट लाग करोड़ रुपे का आर्थिक नुकसान हो सकता है
15:49नुकसान का यांकड़ा भी सिर्फ पहले चार हफते के लिए है
15:55जैसे जैसे जंग लंबी खिचती जाएगी आर्थिक नुकसान बढ़ता जाएगा
16:00किसी भी देश में युद्ध का असर सबसे ज्यादा अर्थ व्यवस्था पर पड़ता है
16:05जंग जेल रहे देशों में उत्पादन में कमी व्यवपार में रुगावटे महंगाई का बढ़ना इन्वेस्टर का भागना आम बात है
16:13इसके लावा जंग की जो सबसे अफसोसनाक चीज है वो है सैनिकों और आम लोगों की चान माल का नुकसान
16:21मनीशा जहा के साथ सुप्रतीम बैनर जी आज तक
16:26तो वारदात में फिलाल इतना ही मगर देश और दुनिया की बाकी खबरों के लिए आप देखते रही आज तक