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आखातीज बुधवार को मनाई जाएगी. इस दिन किया शुभ कार्य, दान, जप, तप व्यर्थ नहीं जाता. आइए जानते हैं धार्मिक महत्व, दान के बारे में.

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00:00अक्षद्रतिया अबूजमुर्द है भगवान ने सभी ग्रहन अक्षत्रों को बनाया है तिखी बार योगों को बनाया है
00:14हम प्रच्वी बासी अगर कोई कार्य करना चाते हैं और उस कार्य को करने में यदि कोई बाधा आ रही है
00:30या कोई परेशानी हो रही है या मुहूर्थ नहीं बन रहा है तो इसके लिए हमारे लिए जोतिसने शासने अक्षे तृतिया का मुहूर्थ बनाया है
00:49ये अबूज मूर्थ कहलाता है जैसे की भुलेरा दोज है बसंत पंचमी है देवटनी ग्यारस है पीपल कूनम है इत्यादी इस प्रकार से
01:04अक्षे तृतिया पर भगवान परशुराम जी का जन्म हुगवा था रोहनी नक्षत्र था वुद्वार था और इस दिन अक्षे का मतलब है जिसका कभी छे ना हो जो कभी समाप्त ना हो घतम ना हो
01:24इस दिन अगर कोई भी प्राणी दान पुण्य करता है या शुब कर्म करता है तो वह सारे पुण्य और शुब कर्म अक्षे हो जाते हैं और उस प्राणियों के सभी पाप दूर हो जाते हैं
01:44अक्षे तरतिया पर भगवान को अवशे करना चाहिए भगवान परशुराम का सालिग राम जी में इनका दूद दहे शैद घी पूरा से भगवान की पूजा करें
02:00और सत्तु जिसको हम सत्तुगा कहते हैं जिसको तिनाजा भी का जाता है उसका भूग लगाना चाहिए
02:08अक्षे तरतिया पर आप कोई वी चामली की बस्तु खरीद करके अपने घर पर ला सकते हैं
02:17या शुब जो हैं मंगल सूचक हैं जैसे की कमलगटा की माला है या कोई रामायर भागवत इत्यादी शुब शास्त्र की पुस्तक हैं
02:32या कोई नवीन पात्र है या नवीन बस्त्र है ये हम खरीद करके अपने घर में ला करके उस चीज को अच्छे बना सकते हैं

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