Pahalgam Terror Attack: जम्मू कश्मीर (J&K)के पहलगाम(Phalgam) में हुए आतंकी हमले पर आरएसएस प्रमुख (RSS chief)मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि "...अहिंसा (Non-violence)हमारा स्वभाव है, हमारा मूल्य है... लेकिन कुछ लोग नहीं बदलेंगे, चाहे आप कुछ भी कर लें, वे दुनिया को परेशान करते रहेंगे, तो इसके बारे में क्या करना है। मोहन भागवत(Mohan Bhagwat) ने कहा कि अहिंसा हमारा धर्म है लेकिन उपद्रवियों को सबक सिखाना भी हमारा धर्म है। उन्होंने कहा कि दुनिया को हमें बहुत कुछ सिखाना है, और सिखाने के लिए हमारे पास बहुत कुछ है। अहिंसा ही हमारा स्वभाव है लेकिन हमारी अहिंसा लोगों को अहिंसक बनाने के लिए है। कुछ लोग तो अहिंसक बन जाएंगे लेकिन कुछ लोग नहीं बनेंगे। वो ज्यादा उपद्रव करेंगे।मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि रावण का भी जो वध हुआ उसके कल्याण के लिए हुआ। भगवान ने उसका वध किया। उस स्वभाव को हिंसा नहीं कहते हैं वो अहिंसा ही है आतिताइयों और गुंडागर्दी करने वालों के सबक सिखाना है। ये भी हमारा धर्म है। उन्होंने कहा कि हम अपने पड़ोसियों का कभी अपमान या नुकसान नहीं करते हैं। लेकिन फिर भी अगर कोई बुराई पर उतर आए, तो दूसरा विकल्प क्या है।
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~CO.360~HT.408~ED.108~GR.124~
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00:00दुनिया को उनको बहुत सिखाना है और शिखानलाइक हमारे पास बहुत है लेकिन जो बहुत है वो आज हमारे आचरण में नहीं है
00:06हमारी अहुंसा लोगों को बदलने के लिए लोगों को अहुंसा बनाने के लिए
00:10दुनिया को उनको भग सिखाना और शिखानलाइक हमारे पास बहुत है लेकिन जो बहुत है वाज हमारे आचरण में नहीं है
00:27तो बेद्बाव कहां से अभी भी चलता है क्यों चलता है
00:34हमारे आश पश्टूल ले गए हमारा स्वभाव है हमारा मुल्य है
00:40है कि अब मारी अशना सालोगों को बढदने लिए लोगों को आहिंसा बनाने के लिए कुछ लोक तो बन जाएंगे हमारा मुदार लेकिन कुछ लोग नहीं बंएंगे और इतने बने युद रहे कि कुछ भी करो डो नहीं होंगे और उपद्रों करेंगी दुनिया का तो इसके
01:10हम तो किसी के दुश्मन्स नहीं है तो रावन का भी जो गध
01:15हुद हुआ वह को रावन के अकल्यां के लिए खंप सिद्ध कि शिवभक्त रावन है
01:26वेद न्याथा रावन कि उत्तंग गवर्णन्स करने वाला रावन
01:30और ने सब प्रकार का उसके पास अच्छा हदमी पनने के लिए जो जो चाहिए वो सब है लेकिन उसने जिस शरीर और मन बुद्धि का स्वीकार किया है वो ऐसा है कि वो इस अच्छाई को उसके अंदर आने नहीं देगा और कुछ भी करो उसमें अच्छाई भर नहीं सकते अ
02:00तो अच्छाई हमारा धर्म है आततायों से मार ना खाना गुंडागर्दी वालों को सबक सिखा यह अब पास्चात्यों की विचार पद्धति उसमें दोनों एक साथ नहीं चल सकते हैं कि इन दोनों को बैलेंस करने वाला जो विचार है कि
02:31मेरा श्जत्र छन्र तुअ हिर में मैं देखोंगा अच्छा अदमी आए कि कराबात कि
02:39वालास यह को मशनत्रश नहीं सत्रु गस्षाहह sugaruk n
02:45कि उसको कुरा मठाथ हमारे नहीं अच्छा है कि नहीं इसको देखतें
02:50कि और कुछ लोगों को थोड़ा दंड देके कुछ लोगों को दंड दिये भीना
02:58कि सुधार कर अपना तर जिनका इलाजे दूसरा कुछ उनके कल्यान के लिए उनको बेसिक मतेरियल दूसरा पाने के लिए भेज़ देचे जाय मेलता है
03:13कि इसे एक बैलंस है अभी हम कभी भी अपने पड़ोसियों की कोई अप्मान कोई हानी नहीं करते लेकिन ऐसा हम रहते हैं तो भी अगर कोई उतरा है बुराई पर तो हम पर आप दूसरा हिलत क्या है राजा का कर तो वे प्रजाग दिरक्षा करना राजा आपना कर तो वेटर
03:43कि दोनों धर्म है इसलिए गीता में गीता में अविशा को उपदेश है कि अर्जुन लड़े और मारे क्योंकि उस समय ऐसे लोग थे सामने कि अब उनके विकास का दूसरा हिलाज नहीं था तो सब बदलके उनको आना पड़े नहीं है यह संतुलन रखने वाली भूमी का अ
04:13मुल गया है यह संतुलन देने वाला धर्म है धर्म की दुष्टी है हमारे यहां जैसा बताया चार पुर्शार्त है