Hindi News:मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी, अध्यक्ष, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
सुप्रीम कोर्ट से हमें वक्ती तौर पर राहत जरूर मिली है लेकिन वह काफी नहीं है। यह पूरा कानून ही ऐसा है कि इसको डस्टबिन में डाल देना चाहिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट की बातों से हमें एक उम्मीद हो रहा है। लेकिन अब उनकी बदतमीजी देखिए कि सुप्रीम कोर्ट के जज पर निशाना साध रहे हैं। यह लोग खुद सिविल वार करने वाले हैं वह दूसरों को मश्फिरा दे रहे हैं।
वक्फ बोर्ड में नियुक्ति सरकार ही करती आई है ऐसे में अगर वक्त बोर्ड में कोई कमी है तो फिर इसकी जिम्मेदारी सरकार की है ना कि मुसलमानो की।
वक्फ को लेकर यह सरकार बेहद बदनियत है और इसका मकसद अल्पसंख्यकों के हक को मारना है और संविधान से आगे जाकर आवाम की जायदादों पर कब्जा करना है।
इंसाफ हासिल करने के दो रास्ते हैं एक है कानूनी, दूसरा है जद्दोजहद का। इस सरकार के कान मजलूमों के लिए बंद है। इसकी आंखें लोगों की दुश्वारियां को देख नहीं पाती हैं। और इन तक अपनी आवाज पहुंचने के लिए विरोध जरूरी है।
इतने बड़े मुल्क में सिर्फ एक वाकया मुर्शिदाबाद में पेश आया लेकिन जान किसी की भी जाए इसका हमें दुख है लेकिन क्या पहली बार ऐसा हुआ है?
प्रयागराज में लोग धार्मिक आस्था के तौर पर गए थे वहां पर सैकड़ो लोगों की मौत हुई जिसके आंकड़े सरकार ने झूठ बताया। लेकिन कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार की है। हिंदू त्योहारों पर भी कई वाकया पेश आ जाता है इसकी भी जिम्मेदारी सरकार की ही है।
सुप्रीम कोर्ट से हमें वक्ती तौर पर राहत जरूर मिली है लेकिन वह काफी नहीं है। यह पूरा कानून ही ऐसा है कि इसको डस्टबिन में डाल देना चाहिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट की बातों से हमें एक उम्मीद हो रहा है। लेकिन अब उनकी बदतमीजी देखिए कि सुप्रीम कोर्ट के जज पर निशाना साध रहे हैं। यह लोग खुद सिविल वार करने वाले हैं वह दूसरों को मश्फिरा दे रहे हैं।
वक्फ बोर्ड में नियुक्ति सरकार ही करती आई है ऐसे में अगर वक्त बोर्ड में कोई कमी है तो फिर इसकी जिम्मेदारी सरकार की है ना कि मुसलमानो की।
वक्फ को लेकर यह सरकार बेहद बदनियत है और इसका मकसद अल्पसंख्यकों के हक को मारना है और संविधान से आगे जाकर आवाम की जायदादों पर कब्जा करना है।
इंसाफ हासिल करने के दो रास्ते हैं एक है कानूनी, दूसरा है जद्दोजहद का। इस सरकार के कान मजलूमों के लिए बंद है। इसकी आंखें लोगों की दुश्वारियां को देख नहीं पाती हैं। और इन तक अपनी आवाज पहुंचने के लिए विरोध जरूरी है।
इतने बड़े मुल्क में सिर्फ एक वाकया मुर्शिदाबाद में पेश आया लेकिन जान किसी की भी जाए इसका हमें दुख है लेकिन क्या पहली बार ऐसा हुआ है?
प्रयागराज में लोग धार्मिक आस्था के तौर पर गए थे वहां पर सैकड़ो लोगों की मौत हुई जिसके आंकड़े सरकार ने झूठ बताया। लेकिन कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार की है। हिंदू त्योहारों पर भी कई वाकया पेश आ जाता है इसकी भी जिम्मेदारी सरकार की ही है।
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00:00वक्स रंशोधन कानून के खिलाफ All India Muslim Personal Law Board की तरफ से तमाम विरूत प्रदर्शन का एक प्रोग्राम है
00:06इसी के तहट कल दिल्ले के तालकटोरा स्टेडियम में भी जो तमाम मुस्लिम संगठन के जो रहनुमा हैं
00:13इसके अलावा जो विपक्षी पार्टियों के तमाम सांसद हैं वो भी इस कानून के खिलाफ होने वाले जलसे में पाटिस्पेट करेंगे
00:22लेकिन सुप्रीम कोर्ट में जिस तरीके की सुनवाई हुई उससे जो मुस्लिम संगठन के जो रहनुमा हैं वो कितने सैटिस्फाई हुए हैं
00:31इस पर हमारे साथ बात करने के लिए मौजूद है
00:33All India Muslim Personal Law Board के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्ला रह्मानी साब
00:38मौलाना सबसे पहला हमारा सवाल जो है वो हम यही जाना चाहेंगे
00:42कि दो सदनों में देर रात तक वक्फ बिल को लेकर के चर्चाई हुई
00:48देश के ग्रीह मंत्री तक ने उस चर्चाई में पाटिस्पेट किया
00:51और तमाम इपक्षी सांसेदों ने पाटिस्पेट किया लेकिन उसके बावजूद ऐसे कौन से प्रोविजन्स हैं
00:56जिसमें आपको सैटिस्पाई नहीं कर पाई है सरकार
01:00असल में एक बात यह है कि एक मसला आपका आपके परोसी का हो
01:07और आप परोसी से बात न करके पूरे शेहर से बात करें
01:12तो क्या आप सचाई और इसाफ तक पहुंसकते हैं नहीं पहुंसकते हैं
01:18असल मसला तो यह मुसलमानों का अकलियतों का सम्रिधान की हफाज़त का है
01:25तो जो असके असल स्ट्रेक होल्डर्स हैं उनकी बात तो आप सुनी रहे उन्हों ने जतनी राए पेश की उसको आपने ठेंडे बस्ते में डाल दिया
01:37इसको आपनी इज़त का मसला बना दिया आपोजीशन की एक राए को आपने कबोल नहीं किया
01:45तो आप रात के तीन बज़े तक बात करें या सुबह के दस बज़े तक बात करते रहें उसका कोई फायदा नहीं अगर आपने एक गलत बात को अन्जाम देना कर लिया है और उसके खिलाफ आप सुनने को तेयार नहीं है
02:01तो जाहिर है अब कितने रात तक हो मिर्श्टर भी आजाए पर मिर्या मिर्श्टर भी आजाए उसका कोई फैदा है यह लोगों को धोगा देना है
02:09सुप्रीम कोट में जिस तरीके की सुनवाई हुई और उसके बाद सुप्रीम कोट ने पहली जब बार जब सुनवाई की एंटरिम ओर्डर की भी उसमें बात की गई हलाकि बाद में दूसरे दिन साथ दिन का वक्त दिया गया है सरकार को
02:22तो और जो दो प्रोविजन्स थे उसके उपर भी कई सारे बात हुई क्या सुप्रीम कोट का जो अभी तक जो अब्जरवेशन है इससे थोड़ी खुशी थोड़ी संतोश है
02:31हाँ हम अच्छी उमीद रखते हैं हमने हमेशा मुल्क की अदालत पर इतमाद किया है भरों से किया है
02:40और अभी तो जाहर है उन्होंने एक आरजी राहत दी है वो काफी नहीं और सिर्फ दो पॉइंट को लिया है यह पूरा कानून ही ऐसा है कि उसको डिस्ट्बीन में टाल देना चाहिए
02:55लेकिन बहराल जो कुछ सुप्रिम कोर्ट ने जो उसरो जो बात हुई इससे हम लोगों को एक हद तक इतमिनान हो रहा है
03:05और अगर इन्होंने कोर्ट को सही तोर पर काम करने दिया अब आप उनकी बत्तमीजी देख रहे हैं कि उन्होंने सुप्रिम कोर्ट के जज़ पर निशाना बादा और उनके फैसले को कहा कि से सिविल वार शुरू हो जाएगी जो लोग खुद सिविल वार करने वाले है वो
03:35करेगी और हमको उसे एक हद तक उमीद बढ़े हैं लेकिन जिस तरीके की बात सरकार के नुमाइंदों की तरफ से की गई कि क्या आपको नहीं लगता कि वक्फ बोर्ड में वक्फ बोर्ड कानून में जो 2013 में संशोधन किये गया थे लेकिन उसके बावजूद कुछ खामिय
04:05आप ये बताईए कि वक्फ बोर्ड के उहददारों को कौन अपार्टमेंट करता है इसका गौर्मेंट ही करती है तो अगर वक्फ बोर्ड में कहीं कोई कमी है तो ये गलती गौर्मेंट की है या मुसलमानों की गौर्मेंट की है आपको चाहिए था कि आप ऐसा कानून बन
04:35आपने तो इसको और कमजोर कर दिया अब देखे लेमिटेशन आइट से इस्तिस्ना था वक्फ का आपने उसको ख़दम कर दिया इसका क्या मतलब इसका मतलब यह कि नाजाइज काबजीन हैं उनके ख़दे को जायज कर दिया जाए तो सारा बिगाड जो है इसमें या तो हकू
05:05जब बहस हो रही थी तो ये बाकाइदा कानून अब जंकिक मंत्री ने ये बात की तो अब सरकार इसी को तो सुधार कर रही करने के लिए कदम उठा रही है
05:13सुधार नहीं कर रही है उसमें और जादा बिगाड परदा कर रही है सरकार ये चाह रही है
05:19कि पहले हर तरह के नाजायस काबजी थी अब हम खुझ इस पर कबजा करेंगे आप बताईए कि इसमें कोई भी ऐसी दफ़ा आप बताईए कि जो वक्फ की है फाज़त करने वाली जो सदा थी वक्फ पर नाजायस काबजे की उस सदा को सरकार ने कम कर दिया नाकाबल जमानत �
05:49हकूमत ने उस से वक्फ को बाहर कर दिया तो हर आप अगर गोर करेंगे तो एक एक दफ़ा में वक्फ को नुक्सान पहुचाने की कोशिश की गी है और यही वज़ा है कि पार्लिमेंट में लोगों ने सवाल उठाया गौर्मेंट किसी सवाल का जवाब नहीं दे पाई अ�
06:19अपने मेहनत किया है और रात बहुत पर काम किया है अभी भी आपको वजाहत के लिए और साथ दिनों के दरूबत पेशा गई तो इससे आप अंदाजा कर सकते हैं कि यह हकूमत बहुत ही बद्नियत है और इसका मकसद माइना रिटीज के हुको को मुतासिर करना है और सम्व
06:49अब भी कर रहे हैं और मैं भी कर रहा हूँ पहली बार जब यह बिल पेश हुआ तो फिर उसके बाद इसको जेपीची में भेजा गया जेपीची में से आने के बाद उस पे लंबी बहस हुई आपका प्रेजिशन वहाँ पर हुआ था फिर जब यह दुबारा बिलाया तो �
07:19एक लेगल रास्ता है ये कोट से गुजरता है उसके लिए हम कोशिश कर रहे हैं एक अवामी जिद जोहत का रास्ता है जिसका हमारे मुलक का सम्धान उसकी अजाज़त देता है तो ये जो हकूमत है इसके कान मजलूमों की तरफ से बंद हैं इसकी आखें अकलियतों की दुश
07:49के लिए अवामी कोशिशें भी जरूरी हैं इसलिए हमने दोरु तरह की कोशिशें जारी रखिया हैं हम कोट के दरिये हैं कोशिश कर रहे हैं लेगल कोशिश हम � outside बहुने इसमें अच्छी उमीद ररकते हैं और हम उवामी जमहुरी तρι के पर अपनी आवाज भी हम्रत का �
08:19बेगुनाहों की जो मौत हो गई
08:21तो क्या ये जायज है
08:24कि वक्फ के खिलाफ
08:25या किसी भी चीज़ के खिलाफ प्रदरशन
08:27में कुर्बानी दी जाए, खून भाया जाए
08:29देखिए
08:31खून भाना
08:33खून देना, इसकी बात तो हमेशा
08:35आरिस स्वाले करते रहे
08:37आपको मालूम है ना कि
08:39सावरकर ने अपनी किताबों
08:41में लिखा है, कि अगर
08:43जरुवत पड़े तो जोर
08:45जबरदस्ती से हम अपने हिंदुत
08:47फिलस्फे को नाफिस करेंगे, हम
08:49लोग ने कभी ये बात नहीं की, आप
08:51जानते हैं, मसलिम पसलो बाउबार
08:53मस्तकल तो पर ये कह रहा है,
08:55कि हम पूरामन इहतिजाज करेंगे,
08:57कानून के दाएरे में इहतिजाज करेंगे,
09:00एक वाक्या अतने
09:01बड़े मुलक में मुर्शिदाबाद में
09:03पेशा गया, हम को भी
09:05उससे बहुत दुख है, चाहे
09:07किसी मुसल्मान की जान जाए, चाहे
09:09हिंदू की जान जाए, हमारे
09:11देश के, हमारे एक
09:13भाई की जान गई, यह हमें उसका सदमा है,
09:16लेकिन क्या
09:17यह इस मुलक में पहली बार ऐसा
09:18वाक्य पेशाया है, बिलकिस
09:21बानों का इतना बड़ा मौमला हुआ
09:23और यह बेशर्ब
09:25हुकूमत ने केस वापस ले लिया,
09:28कभी उसको मीडिया
09:29वालों ने अतना हाईलाइट किया,
09:31यह आपको परियाग
09:33राज में बिचारे अतने लोग
09:35जो मजभ के जजबे से गए
09:37थे, हुकूमत की
09:39बदनजबी की वज़े से हुकूमत तो
09:40बहुत कम तेदाद बताती है,
09:42तीस बता रही है, तूकि हुकूमत को
09:44हमारे जूट बोलने में बड़ी महारत है,
09:47लेकिन लोग
09:48तो कहते हैं, जो वहाँ मौदूद हैं,
09:50वहाँ के आवाम कहते हैं, कि सैक्रों
09:52लोगों के मौत हुई है,
09:53तो उसका कोई मुद्दा नहीं बनाए गया,
09:57वहाँ तीन आर्मियों की जान गई,
09:59तो उसका बहुत मुद्दा बनाए जा रहा है,
10:01तो जो हुआ वो गलत हुआ लेकिन आप देखें,
10:05एक ऐसा मुल्क जिसमें हर सूबे में कई मुर्शिदाबाद हैं,
10:09वहाँ एक जगह ये वाकिया पेशाया और किसी मुसल्मान तन्जीम ने उसकी ताइद नहीं की,
10:16सबों ने उस पर दुका इसका इज़ार किया,
10:19और मैं समझताओं कि ये भी हुकूमत की गलती है,
10:22देखे, लाइंड आर्डर को कंट्रोल में रखना,
10:25ये तो हुकमत की जम्मधरी है न,
10:28चाहे किसी ये तो ऐ खास किसम का है तेजाज है,
10:33बहुत सी रफ़त तहवारों पर, खासकर हमारे हिंदो भाई,
10:37के तहवारों पर वाकिशा आ जाता है,
10:41तो मैं तो उसको भी हुकूमत ही की जम्मधरी से महते हैं,
10:44काम है कि इंचिसरों कंट्रोल में रखे हो लेकिन अगर खत्रा बना हुआ है मैं कह रहा हूं कि जैसे मुर्शीदाबाद में हुआ काई सारे जगह पर आप प्रोटेस्ट कर रहे हैं लेकिन एक तरफ कानुनी लडाई भी तो लड़ रहे हैं तो क्या इसका इंतजार नहीं कि �
11:14अगर हम इसको नहीं करेंगे तो होगा यह कि लोग अपने तौप पर मैदान में आजाएंगे इस प्रूरे मुर्शीदाबाद पैदा हो जाएंगे इसलिए हम लोग भी चाहते हैं अमन और माल के साथ कानुन के दायरे में रहते हुए और हमारी लड़ाई बिलकुल हिंदो
11:44कि 238 लोगे ने इसके खिलाब वोट दिया उसमें मुसल्मान कितने थे 23-24 मुसल्मान थे
11:51बाकिसर हमारे हिंदु भाई थे ये हर मसले को हिंदु मुस्लिम बनाना
11:56ये इस हकूमत की एक मुस्तकिल पॉलिसी है और इसकी सियासत है
12:00लेकिन क्या आपको लगता है कि एक जीत के तौर पर आप सुप्रिम कोट के फैसल दे रहे हैं क्योंकि जो दो सबसे महतवपूर मुद्दे थे
12:06एक था आपका कि वफ काउंसल में गैर मुस्लिमों की न्यूक ती और दूसरा ये था कि जो वफबा यूजर रजिस्टर प्रॉपर्टी और उनको डी नोटिफाइं नहीं किया जाएगा
12:16ये जो फैसला आया क्या इसको एक बड़ी जीत के तौर पर देख रहे हैं
12:20कि हम जीत और हार के तोड़ नहीं देखते हैं
12:25मुस्लिम पर स्लोबोट की जीद इस न구나 से नहीं नहीं देखते हैं
12:29हम ये समझ रहे हैं कि अगर फैदल हमारे ह Speech न आता है
12:33तो ये इनसाफ की जीत है, इनसाफ की कारियां भी है, तो अभी तो आरजि दाहत उसमें कोट में दिया है, उसको ना जीत कहा जा सकता है, ना हार कहा जा सकता है, लेकिन हमें उम्मीद है कि कोट सही फैसला करेगी, और ये जीत ना मुसल्मानों को ही होगी, ना मसलिम पसलो बो
13:03प्रदर्शन के आप बात कह रहे थे ऐसा फिरोध प्रदर्शन हमने जब सी एक आया था सी ये भी लाया था सीडिसिंशिप अबन्मेंट एक्ट आया था उस वक्त भी देश के हर जगहों पर प्रदर्शन हुए थे हर नुकड़ पर अब देखने को मिला था लेकिन उससे तो क
13:33पास नंबर हो तो हम अपना फैसले ठोब दी तो फिर डिक्टेटर्शिप में और जबहुर्यत में क्या फक्रादी रहागा और सी एक की जो मुखार्फत की गई सही की गई क्योंकि आप किसी मुल्क के आने वाले को शहरियत देना चाहिए आपके इखत्यार में है वो लेकि
14:03कानून लागू है बहिए आप किसी के घर पर जबर जबस्ति कवजा कर लें और आप उसको चिड़ाएं कि देखिए आपने क्या किया हमने आपके घर पर कवजा कर लिया ना तो उसका मतलब ये थोड़े ही कि आएंदा अगर आप पर कोई जलूम करना चाहें तो वो आपके
14:33कि देखिए और इसमें तमाम मुल्क के लोग शरीक हुए लोग वाकिफ हुए कि हकूमत क्या पोगराम बना रही किस तरह आवाम पर जलूम कर रही है
14:43राजनीतिक नजरिये से अगर हम वफ कानून को देखे तो जो सरकार के जो सहयोगी दल हैं तीन बड़े सहयोगी दल चाहे वो जेडे यू की बात कर लें टीडीप की बात कर लें या लजपी की बात कर लें चिराक पास्पान की पार्टी की बात कर लें इन तीनों ने सरकार
15:13देखिये जहां तक इनके समर्थन देने की बात है आज कल हमने एक लतीफा पुड़ा वो मशूर पंजाब के कॉमेडियन है उनका लतीफा है कि एक औरत अपनी सहेले की घर गई बहुत गरीब थी वो देखा बहुत डेकॉरेट है मकान और सहूरत है तो पूछा कि तुम्हारे
15:43कर रहे हैं का बिजनिस कर रहे हैं क्या बिजनिस कर रहे हैं कपड़े का कर रहे हैं खाने पीनी की चीज़ों का कर रहे हैं का नहीं वो एमेले और एंपी का बिजनिस कर रहे हैं एंपी खरीदते हैं एक पार्टी से और दूसरे को बेशते हैं तो हमारे दोर में अखलाकी ग
16:13पार्टियों का नाम लिया वो अपना चेहरा एक सेकोलर चेहरे के हैस्से से पेश करते थे लेकिन अब उनके चेहरे दागदार हो गए हैं और उस पर सियाह धबा लग गया है यह उनका बहुत बड़ा नुकसान है अब जहां तक आप ने यह कहा के नुकसानी है के जो उनकी न
16:43बिहार के लेक्शन में और फिर बाद में अखरे लेक्शन तो घुम फिर के हर जगा आ रहा है तो वहां जरूर उनको इसका नुकसान होगा और मुस्लिम प्रसनल लॉबोड तो इलक्शन के में कोई दखल नहीं देता है लेकिन जो लोग अपनी आँखों से देख रहे हैं �
17:13इसकान होगा और होना चाहिए क्या ये फिर से मैं वही बात कहा रहा हूं कि एक एक कम्यूनिटी को मुस्लिम कम्यूनिटी को एक वोड बेंक की तरह देखने की ये बात ये नैरेटिव नहीं हो गया कि उन्होंने अगर इस तरीके के बिल लाया तो फिर मुस्लिम को सजा दे
17:43इसमें मुश्किल से दो तीर मुसल्मान थे तो आप मुसल्मान मत कहिए इस मुलक के जो इनसाफ पसंद शहरी हैं जो यहां के समविधान पर यकीन रखते हैं जो सेकुलरिजम को मानते हैं वो तमाम लोग जो हैं वो से मतासिर होंगे और वो सारे लोग मुझे पूरी उमी�
18:13है कि वफ बिल के बाद जो अगला कदम बड़ा कदम होगा वो होगा यू सी सी यूनिफॉर्म सिविल कोड देश मेलाना और उसको संसद से पारित कराना ये एक बड़ा कदम होगा मोधी सरकार का देखिए असल में बीजेपी का एक प्रॉब्लम है वो यह है कि इस मुलक में
18:43आए बढ़ती जा रही है पूरी दुनिया में जो मुर्बत का वो आता है इंडेक्स आता है उसमें हिंदोस्तान का नंबर और बढ़ते जा रहा है करफशन आगे बढ़ता जा रहा है जतना कर्ज इस से पहले लिया गया थै दो हजार चौदह तक उसका डबल कर्ज अभी इ
19:13जिसको हिंदू-मस्लिम बना दे और इसके जरीए हमारे बिचारे बाद भूले भाले हिंदू-भाईयों को बलगलाए उनको भड़काए और उनसे वोट हासल करें
19:24मैं कुछ बीजेपी के नेताओं से बात कर रहा था उनका कहना था कि यू-सी-सी का वा तो कॉंस्टूशन के डिरेक्टिव प्रिंस्पल में यू-सी-सी की बात है और सेक्यूरिज्म की सही पहचान तभी होगी देश की जब हर नागरिक के लिए समान कानून हो
19:37देखिया है वो जहनमा हिदायात कहलाती है वो अर्दू में डारेक्टिव प्रिंस्पल्स जो हैं और जो फिंडेमेंटल राइट्स है जो दस्तूर का सबसे बुनियादी हिस्सा है आप जानते हैं कि उसके आर्टिकल टूनिटी फाइव में ये बात कही गई है कि मुलक के ह
20:07और मुल्क के अदालतों में बहुत से फैसले ऐसे हो चुकी हैं कि जो मुस्लिम परस्नल लौ है ये इसी दायरे में आता है धरम पर अमल करने के दायरे में आता है तो फिंडेमेंटल राइट्स की अहमियतों उन दफाद से जादा हैं जो आप जो ये लोग पेश कर रहे हैं
20:37आप को इनिफार्ट सिविल कोर्ट बनाना है तो उनको भी शामिल लगना चाहिए आप उनको बाहर कर देते हैं पाकिस्तान ने भी वफ कानून के उपर रियाक्शन दिया और बकाइदा पाकिस्तान की तरफ से ये जो बयान आया कि मजजिदों और अदरगाहों सहीद मुसल
21:07हमने तो अपनी किसमत हमेशा के लिए इस देश की बिट्टी से बाढ़दी अब आप मुझे बदा रहे हमने तो पाकिस्तान का बैयान भी नहीं सुना वाज तक और मैं आपको सही कहता हूँ कि हिंदोस्तान का मुसल्मान अपने मुलक से बाहर नहीं ढागता है और वो हमे�
21:37बनाने वाली एक बात कही और उन्होंने कहा कि अगर वक्फ बोर्ड में ठीक से काम हुआ होता तो फिर मुस्लिम युवाओं को साइकल का पंचर नहीं बनाना पड़ता क्यूंकि इस बोर्ड के जरीए मुसल्मानों की जमीन लूटा जा रही
21:50पंक्चर तो उनको याद रहा और मुसल्मानों का मिजाईल में उनको याद नहीं रहा जिसने मुलक को इतनी बड़ी थाकत दी और इतनी बड़ी इज़त दी और स्वाल यह है कि पंक्चर में जो बनाता है वो कून बनाता है हकूमत बनाती लोगों को रोजगार देना रोज�
22:20से जारा दलित ऐसे कामों से लगे हुए हैं लेकिन मैं ये कहता हूँ कि किसी भी कोई भी तबखा अगर इस हालत से दो चार हो उसकी मुझरिम गौर्मेंट गौर्मेंट का काम है कि सब लोगों को रोजगार दे और हमारे पी-एम की सोच यही आपको याद नहीं है कि एक जमा
22:50जिन्दगी गुजारेंगे सोचल जस्टिस की भी बात की पी-एम ने जब वक्फ कानून की वो बात कह रहे थे और कह रहे हैं कि असल समाजिक नहाएं तभी होगा जब वक्फ बोर्ड ने जो जमीने की जो जमीने हैं उनका हक महिलाओं को मिलेगा बच्चों को मिलेगा वि
23:20से दान करेंगा या आपकी मर्जी से हम अपनी मर्जी से देंगे ना तो गौर्मेंट की जमीन तो नहीं है ना वक्फ की जमीन है हमारे आबाओ अच्दाद की बाप दादा के दी हुई जमीन है उन्हों ने जहां मुनासित समझा वहां जमीन दे उनको हक है इसका गौर्में
23:50कि जो भी वक्फ होगा वो जो वक्फ करने वाला है उसके बताए हुए रूल के मताबिक होगा तो अब मिसाल के तो पर एक वक्फ मस्जिद है हमारे मस्जिदों में अमीर भी आता है गरीब भी आता है हमारे हां उची जात नीची जात का कोई तसवर नहीं है औरत भी आ सकती ह
24:20लिए नहीं होगा औरतों के लिए नहीं होगा जतना मर्दों के लिए उतनी औरतों के लिए इतना अमीरों के लिए उतना ही गरीबों के लिए बाद वक्फ ऐसे होते हैं कि जो रिफाही कामों के लिए होते हैं हालकि ऐसे कम हैं लेकर रिफाही कामों के हैं उसमें हमारे हैं ए
24:50यह समझता है कि मैं यूही छोड़ कर चला जाओंगा तो हमारे बच्चे इसको जाय कर देंगे वो अपनी ऑलाद पर उसको वक्फ कर देंगे उसमें सब शामिल होंगे बेटे भी शामिल होगे घर में कोई और विद्वा होगे तो भी शामिल होगी किसी को डाइवर्स होगे �
25:20कुछ लोग ऐसे भी हैं आपकी कम्यूनिटी में जो की इस बिल का समर्थन कर रहे हैं उन्होंने रैली भी निकाली और बकाइदा पीम मोदी से भी जाकर के दाउदी बोहरा कम्यूनिटी के कुछ लोगों ने वहां पर उनसे मुलाकात करी और उनसे बोला कि ये वक्त की जरू
25:50महले के लोग कहते हैं कैसा होना चाहिए तो जो हमारी चीज है उसमें हमारे घर के लोगों की राहे चलेगी या दूसरों की राहे चलेगी बोहरा आपके घर के नहीं कौन पर आ रहा हूं तो यह जो है कि हुकूमत का बिल्कुल शूट है
26:09मुसल्मान जो जिन लोगों का वो नाम ले रहे हैं वो ऐसे हैं कि उनको उनके गली की लोग भी नहीं पहचानते हैं
26:19पूरे मुल्क में मुसल्मानों की जो मुत्वर समस्थाइएं सबने मुखालफत की है
26:24तीन करोड से जादा लोगों ने जेपी सी के मतार्बे पर वो भेजा है
26:29और जहां तक दाओदी बहरा की बात है ये हकूमत गलत बोल लिए
26:36दाओदी बहरों ने ये नहीं कहा कि ये वक्व का not a R natomiast का
26:42पूर्हों ने ये कहा कि हम टो इसकानून से लिए उसकी एक वज़ा है दाओदी बहरा दो फिर्खा
26:50है उनका जो मथभी रहनुमा होता है जिसको स्ञीदना और दाईय मतलख पाते है उनकेशquinho हम वक्व का सारा
26:58तालुक उनसे होता है हाँ और जो सुनी है शिया है उनके अवकाफ का निजाम अलग है उनका निजाम अलग है एक आखरी सवाल है मेरा बात को मैं पूरा कर लूँ तो वो लोग हम लोगों से मिले तो हमने भी कहा कि अगर आपका वक्फ अलग कर दे हुकूमत हमको कोई इतरा�
27:28इस वफ कानून को ले करके भी कोई चर्चा संबव है होनी चाहिए वाँ देखे एक बात यह है कि हम इसको तो पसे नहीं करेंगे कि हमारे मुलक के अंदरूनी मसायल में कोई दूसरे मुलक दखल दे चाहे साओधी अरब हो चाहे पाकिस्तान हो और अगर वो करेंगे तो ज
27:58कहती है कि यह हमारा अंदरूनी मसला आप इसमें दखल मन दीजिए तो मैं नहीं समझता कैसी कोई बात हो गई और अगर आप मेरी डाय पोछे तो इस पर बात होने भी नहीं चाहिए हम अपने मसले के हल के लिए साओधी की और पाकिस्तान की और अमरीका के महतार नहीं हम इ
28:28के दरिये अपनी आवास के दरिये और अपने बरादरान वतन की मड़त के दरिये हम अपने मसायर को हल करेंगा
28:34पर एक्स्क्लूसिव और इंसाइफल वीडियोस सब्सक्राइब तो आर न्यू चैनल एबी पी लाइव प्रेमियल