21 अप्रैल 2025 को दुनिया ने एक महान धार्मिक नेता को खो दिया – पोप फ्रांसिस नहीं रहे. 88 साल की उम्र में लंबे समय से बीमार चल रहे पोप फ्रांसिस का निधन हो गया. ईस्टर के दिन उन्होंने अमेरिका के उपराष्ट्रपति से आखिरी मुलाकात की और अगले दिन वेटिकन ने उनके निधन की पुष्टि की. इस वीडियो में जानिए:- पोप फ्रांसिस का बचपन और जीवन यात्रा- चर्च में सुधार, घोटालों से लड़ाई और सामाजिक मुद्दों पर उनके फैसलेऔर आखिर में बात करेंगे उनकी विरासत के बारे में – जो आने वाले समय में भी कैथोलिक चर्च और ईसाई धर्म का मार्गदर्शन करती रहेगी.
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00:00बाई और बेहनों बड़े दुख के साथ आपको सूचित किया जा रहा है कि पोप फ्रांसिस ने आज सुभा साथ बच कर 35 मिनट पर इस दुनिया को अलविदा कह दिया
00:14ये बाद वेटिकर ने 21 अपरेल की दोपहर एक बच कर 37 मिनट पर एक्स पर पोस्ट करकी दुनिया के साथ साजा की
00:21इसवर के अगले दिन पोप फ्रांसिस का अंधन हो गया 88 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा
00:27उनके जाने से दुनिया के करीब डेड़ अरब कैथोलिक समुदाय के बीच शोक की लह दोड़ गई
00:32आज हम उस व्यक्ति के बारे में बात करेंगे जिन्होंने चर्च को सिर्फ धर्ण तक सीमित नहीं रखा
00:40बलकि सामाजिक बदलाओ की दिशा में भी उन्होंने एक रोश्णी दिखाई हम बात कर रहे हैं पोप फ्रांसस की
00:46पोप फ्रांसस पिछले कुछ सालों से गंभीर स्वास्त समस्याओं से जूज रहे थे
00:51उन्हें बार-बार निमोनिया और ब्रॉंकाइटिस जैसे फेफरों से जुड़े संक्रमण का सामना करना पड़ा था
00:56डॉक्टर ने तो उनके एक फेफरे का हिस्सा भी निकाल दिया था
00:5920 अपरेल 2025 यानी इस्टर के दिन उन्होंने अमेरिका के उपराष्ट पती जेडी वेंस से मुलाकात की
01:06लेकिन इसके अगले ही दिन वेटिकन से उनके निधन की ख़वर सामनी आई
01:10इस ख़वर के साथ ही दुनिया भर के चर्चों में प्रात्माई शुरू हो चुकी है
01:14एक आम रड़के से पोप बनने तक का सफर
01:18क्या आप जानते हैं कि पोप फ्रांसिस का असली नाम जॉर्ज मारियो बोर्गेगलियो था
01:23उनका जर्म 17 दिसंबर 1936 को अर्जंटीना की राजधानी व्यूनस आयर्स में हुआ था
01:29उनके माता पिता इटली से आय प्रवासी थे उनके पिता रेलवे में अकाउंडेट थे और माता एक होम मेकर
01:34उन्होंने कैमिकल टेक्निशन के रूप में ग्रैजुएशन किया और फिर धर्म के साथ उसके रास्ते पर आगे निकल पड़े
01:41आगे बढ़ते हैं उन्होंने विला डिवेटो सेमिनेरी में प्रीस्ट बनने की तैयारी शुरू की
01:4613 दिसंबर 1969 को उन्हें प्रीस्ट न्यूक्त किया गया इसके बाद 1992 में पोप जॉन पोल दुटिया ने उन्हें बिशप बनाया और फिर 2001 में कार्डिनल की उपादी जी गया
01:582013 में जब पोप बेनेडिक्ट 16 ने अपने पद से स्तीफा दिया तब कार्डिनल की वोटिंग के बाद जॉर्ज बुर्गेगलियो को नया पोप चुन लिया गया उन्होंने संद फ्रांसिस को समान देते हुए खुद को नया नाम पोप फ्रांसिस दिया और कहा कि अब नए
02:28या एक रूडिवादी व्यक्ति थे LGBTQ समुदाए को लेकर कि उन्होंने कहा था कि चर्च को समलेंगिक समुदाए से माफी मांगनी चाहिए
02:35साथ ही वो पूझिवादी नीतियों के खिलाब थे उनकी आलोचकर है लेकिन उन्होंने महिला प्रीस्ट या समलेंगिक विवाज ऐसे मुद्दों पर कोई बड़ा बदलाओ नहीं किया जिसके चलते लोग उन्हें रूडिवादी भी मानते है वो फ्रांसिस के कारेकाल में
03:05उठाए दोजार चॉबीस में उन्होंने कहा था कि बच्चों का यौन शोशन चर्च की विरासत पर एक दाग है जिसे मिटाना जरूरी है वो फ्रांसिस एक अलग तरह के पोप थे उन्होंने पारंपरिक पोप के महल में रहने से इंकार कर दिया और एक साधरन सा गेस्ट ह
03:35पोप फ्रांसिस का जाना सिर्फ एक धार्मिक नेता का जाना नहीं बल्कि ये उस विचार धारा का जाना है जिसने चर्च को आम आदमी के करीब लेकर कर आया था उनकी विरासत को तीन शब्दों में समझा जा सकता है पहला साधी तूसरा सेवा और तीसरा समवाद
03:56उन्होंने दिखाया कि पोप होना केवल एक पद नहीं एक जम्मेदारी है समाज के सबसे निचले तबके के लिए आवाज बनने की पोप फ्रांसिस अब हमारे वीच नहीं है लेकिन उनका प्रभाव आने वाले दश्कों तक बना रहेगा अब वेटिकन में अगला पोप च
04:26और आपको मिलेगी सबसे पहले सटीक अन्यवाद