द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने वक्फ बोर्ड पर बयान दिया है, उन्होंने वक्फ बोर्ड पर कहा कि हम चाहते थे कि वक्फ बोर्ड पूरी तरह से खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान सबके लिए समान रूप से लागू होना चाहिए। 1950 में जो संविधान लागू हुआ है उसमें कहीं भी वक्फ बोर्ड का कोई उल्लेख नहीं है यह हमारी संपत्ति हड़पने का षड्यंत्र है।
#waqfact #waqfamendmentact #waqfboard #waqfbill #waqf #waqfamendmentbill #ShankaracharyaSwamiSadanandSaraswati #hindu #nationalnews #national
For the full story:
To get the latest news, subscribe to our channel-
Log In Website- https://hindi.asianetnews.com/
Follow Us On Twitter-https://twitter.com/AsianetNewsHN
Follow Us On Instagram- https://www.instagram.com/asianetnews_hindi
Follow Us On Facebook- https://www.facebook.com/AsianetnewsHindi/
Follow Us On Telegram- https://t.me/AsianetnewsHindi
Follow Us On Kooapp-https://www.kooapp.com/profile/asianetnewshindi
#waqfact #waqfamendmentact #waqfboard #waqfbill #waqf #waqfamendmentbill #ShankaracharyaSwamiSadanandSaraswati #hindu #nationalnews #national
For the full story:
To get the latest news, subscribe to our channel-
Log In Website- https://hindi.asianetnews.com/
Follow Us On Twitter-https://twitter.com/AsianetNewsHN
Follow Us On Instagram- https://www.instagram.com/asianetnews_hindi
Follow Us On Facebook- https://www.facebook.com/AsianetnewsHindi/
Follow Us On Telegram- https://t.me/AsianetnewsHindi
Follow Us On Kooapp-https://www.kooapp.com/profile/asianetnewshindi
Category
🗞
NewsTranscript
00:00क्या है मतलब बक्वाने क्या होता है लोगों को समझना चाहिए पहले दान दी हुई शंपत्ति या देवोत्तर शंपत्ति जब विभाजन हुआ और जो लोग भारत से पाकिस्तान में गए पाकिस्तान में उनको भूमी मिली और वो भारत का ही भाग था
00:25यहां जो भूमी थी जब वो यहां हमारे देश को छोड़ करके पाकिस्तान में चले गए यहां की भूमी पर हिंदूों का अधिकार होना चाहिए था तो यह बहुत बड़ा सड़ियंत्र करके उन भूमीयों को बख्वब में दे दी हैंने दान कर दी मुस्लिम सा बाइज इसी
00:55जो शंबिधान 1943-1950 उस समय जो लागू हुआ निरमाड हुआ 26 जनवरी को उसमें कहां इसका बिधान है नहीं है तो यह सब हमारी शंपत्तियों को हड़पने का प्रियास है जब आप पाकिस्तान चले गए तो जिस जमीन को छोड़ करके आप गए वह जमीन भारत की होनी च
01:25हुझ यह तो अन्या है ना मारे साथ इसलिए उस समय भी राजनीती हुई आज भी राजनीती कर रहे हैं लोग तो राजनीती से स्वस्थता प्राप्त नहीं होगी देश का अगर उथान करना है ऐसे विधान की आवस्षक्ता है जो दलगत राजनीती से ऊपर उठकरके गो�
01:55बिदान बनाएंगे तो वो सभी के लिए होगा,
01:58अलग-अलग कैसे होगा, शरीयत से देश चलेगा, क्या,
02:01देश समिदान खे चल रहा है, पूरे देशवासी,
02:05लोग तंत्र आने के बाद समिदान को स्विकार कर रहे हैं,
02:08तो आपको भी वही सम्विदान स्विकार करना चाहिए। इसलिए तो समान सिबिल कोट की बात होती है।
02:16यह सफ़ाया में जो पॉप्ट इट लाए है उसको आप समद्ध़ सभते हैं और उसकर शक्रों सभ्टकर रखते हैं
02:21हम लोग तो समाप्त करना ही चाहते थे। लोगों का तो प्रयाश एता कि समाप्त होना चाहिए
02:27समात नहीं होता है
02:29तो हिंडूवां अभलंवियों का भी
02:31संस्थान होनाचाईए
02:34टरिश्ट होनाचाईए
02:35वर्ड होनाचाईए
02:36आप लोग उसको वर्ड कहते हो
02:38हमारे जितने भी
02:40मंदर हैं
02:41जिन मंदरों में संपत्ति है
02:43लग बग 4 लाग मंदर हैं
02:46वो सरकार के अधीनस्त हैं, सरकार उनका संचालन करती है, वारस सरकार उनका संचालन करती है, कौन सी मस्जद एशी है देश में, जिसका सासन सरकार करती है, जिसका संचालन सरकार करती है, कौन सा गरजागर एशा है, जिसका संचालन वारस सरकार के गवारा होता है,
03:07तो ये पक्षपात कूरबक नरण Sebastian ein क्यों लिया जाता है, हिंदो के वृद्यई हिनुस्तान है, तनातन धर्माबलंवियों का हिंदों का देश है, तो इसमए जब आपने पाकिस्तान बनवा लिया और हिंदोस्तान को हिंदोस्तान नहीं रहने दिया, तो ये तो नहीं चलेग
03:37झाल झाल