भाजपा सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने कहा, "...देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जिम्मेदार है। सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है...इसके अलावा सांसद निशिकांत ने बहुत कहा अब उनके इस बयान पर Supreme Court के पूर्व जज Ashok Kumar Ganguly ने कहा कि धर्म के ऊपर जितना विरोध आता है इसको ठीक से डिसीजन देना सुप्रीम कोर्ट का काम है...सुप्रीम कोर्ट एक इंस्टीट्यूशन है...पूर्व जज अशोक कुमार ने और क्या कुछ कहा देखें वीडियो...
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00:00इस देश में धार्मिक युद्ध भडकाने के लिए केवल और केवल सुप्रिम कोद जिम्मबार है
00:06कि बहारत का संभिधान जिस कानुन को बनाया
00:24उस कानुन की उसको व्याख्या करने है
00:26सुप्रीम कोट एक इंस्टिटीूशन है प्रतिश्ठान है जो देखता है सब जगा आहीं ठीक से पालन होता है कै�� नहीं है
00:35अपने ट्वीट करते हुए लिखा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट ही अगर कोर्ट से ही सारे कानून बनेंगे तो कहीं न कहीं पार्लियमेंट के दरवाज़े बंद कर देने हैं
00:44बंद हो जाने चाहिए न मैं आपको बताओं कि एक आर्टिकल 377 था जिसमें होमो सेक्ष्विलिटी जो है एक बड़ा अपराध था
00:55अभी ट्रम्प एडिमिस्टेशन आया है उसने क्या कहा है उसने कहा है कि इस दुनिया में दो ही सेक्स है या तो मेल है या तो फीमेल है
01:07ट्रांस जेंडर की उसने बात नहीं के, होमो सेक्स्विलिटी की बात नहीं के, पूरी क्रिश्चन कम्यूनिटी हो, पूरी हिंदी कम्यूनिटी हो, पूरी मुस्लिम कम्यूनिटी हो, पूरी बुद्ध हो, जैन हो, सिख हो, सभी ये मानते हैं कि होमो सेक्स्विलिटी एक अप
01:37पौरनाते हैं, बच्चे हैं, बच्चे के पौरनाते हैं, उनकी सेक्स्विलिटी के बारे में जो है हंगामा होता है, एक दिन सुप्रिम कोट खड़ा होता है, वो कहता है, 66 से खतम कर दिया, आईटी एक्ट खतम कर दिया, अभी आप समझेए, मैंने आर्टिकल 141 का बहुत ब
02:07आर्टिकल 368 क्या कहता है, आर्टिकल 368 कहता है कि इस देश के सम्विधान को, पार्लिमेंट को सभी कानून बनाने का अधिकार है, कानून की वियाख्या करने का अधिकार सुप्रिम फोट है, वो कह रहा है कि तीन मैने में जो है, राष्टपती बता दे की क्या करना है, ती
02:37सकते पीठ का है, सनातन की परंपरा है, लाखों साल की परंपरा है, आप जब राम मंदिर
02:45का विसे होता है, तो आप राम मंदिर में कहते हो कि कागज दिखाओ, क्रिश्चन मुमी
02:50का मामला आएगा मतुरा में तो कागज दिखाओ आप जब की बात हो ग्यानबापी मस्जित की बात आएगी कागज दिखाओ
02:58और आज केवला मुगलों के आने के बाद जो मस्जित वने हैरme के लिए क्याप कागज कहां से दिखाओ
03:09इस देश में धार्मिक युद्ध भढ़काने के लिए केवल और केवल सुप्रीम कोट जिम्मने बार है सुप्रीम कोट का एकमात रुद्देश है सो मिद फेस, विल सो युद लाव।
03:35और सब कुछ के लिए Supreme Court जाना है तो इस संसत का कोई मतलब निये विधान सभा का कोई मतलब निये उसको बंद कर देना है।
03:41कि ये देश धर्म निरपेक्ष देश है। हम लोग के जो शंगविधान है ओ भी मानता है ये धर्म निरपेक्षता ये शंगविधान का एक बईशिष्ट है।
03:57सुप्रेम कुछ ने बताया आज नहीं बहुत दिन पहले।
04:01सुप्रेम को ये जतना कानून होता है धर्म का उपर जतना बिरोद आता है इचको चिक से
04:19डिसिशन देना सुप्रेम कोट का काम है। उसलिए सुप्रेम कोट रिसंटली अधुना यो जो वाकव बील हुआ है।
04:31उसमें सरकारप्रक्ष को कुछ प्रस्न डाला, एंस सरकारपक्ष सुप्रेम कोट का उप सामने थोड़ा बेक फुट में चला गया, बोल�라 हम یہ आइन अभी चालू नहीं करेगा, लागू नहीं करेगा।
04:47यह आईन का कुछ धारा अभी आम लागू नहीं करेगा।
04:51हम तो आपको बोला है, बोल चुके है क्या सुप्रिम कॉंस्टिटूशन का 53 धारा का मताबिक राश्ट्रपती का काम
05:03कॉंस्टिटूशन एकॉर्डेंस से दिकॉंस्टिटूशन करना है।
05:08तो इन अकॉर्डिन से कॉंस्टिटूशन नहीं होने से सुप्रिम कॉट उसको पास डिरेक्शन दे सकते है।
05:15सुप्रिम कॉट बोला है जो कोई बील रस्ट्रपती के पास जाएगा, उसको तीन माईना का अंदर उसको निपाटना होगा।
05:22इसमें तो यह खराब ही कुछ नहीं है। यह तो गनतंत्र का जो भीत है, उसको मजबूत करता है।
05:28धनकर जी को सोचना है चाहिए, हम लोग का अंदर आवर कॉंस्टिटूशन नुबडी रभाब दे लौ।
05:36आइन का उपर कोई नहीं है। राष्ट्रपती हो, उपराष्ट्रपती हो, सुप्रिम कोड एक इंस्टिटूशन है, प्रतिष्ठान है, जो देखता है सब जगा आइन ठीक से पालन होता है कै नहीं है।
05:52यह सुप्रिम कोड का काम है।
06:06यह सुप्रिम कोड का का इंस्टिटूशन है, जो देखता है।