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दिल्ली – बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने नेशनल हेराल्ड केस में ईडी द्वारा दाखिल चार्जशीट में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम आने पर कहा कि ये पूरी तरह से टेक्निकल मामला है। कांग्रेस द्वारा नेशनल हेराल्ड को लेकर किए जाने वाले दावे पर हमला बोलते हुए कहा कि नेशनल हेराल्ड केस की शुरूआत जनहित याचिका के द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में अक्टूबर 2013 में हुई थी यानि ये मामला दर्ज तब हुआ था जब मोदी जी की सरकार आई भी नहीं थी इसलिए कांग्रेस पार्टी का इस पर राजनीति करने का कोई आधार नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड भारत के इतिहास का एक विचित्र मामला है जिसमें एक ऐसी कंपनी 90 करोड़ की देनदारी में बिक गई जिसके पास हजारों करोड़ की संपत्ति थी। नेशनल हेराल्ड में 76% हिस्सेदारी सिर्फ राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास है। कांग्रेस का दावा है कि उसकी नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज अखबारों में उसकी आस्था है। कांग्रेस का इन अखबारों से नहीं बल्कि उसकी संपत्तियों से था इसलिए कांग्रेस के दावे बहुत खोखले, आधारहीन, दुर्भावना से प्रेरित और जांच की प्रकिया को प्रभावित करने वाले दिखाई देते हैं।

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00:00नेशनल हेलर्ड केस में आज प्रबरतन निदेशाल है यानि एडी के द्वारा युश्रीमती सोनिया गांदी जी और शिदाउग गांदी जी का नाम चार्शीट में आया है यह प्योरली एक टेक्निकल मामला है
00:09कॉंग्रेस पार्टी को ध्यान लखना चाहिए कि शुरुवाद 2012 में हुई थी और एक जनिहित याचिका के द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट ने अक्टूबर 2013 में इस केस की शुरुवाद की थी
00:22यानि यह मामला दर्ज तब हुआ था जब मोदी जी की सरकार आई भी नहीं थी
00:27अतहा कॉंग्रेस पार्टी का इस पर राजनीत करने का आधार नहीं बनता है
00:32टेक्निकली देखें तो यह भारत के इतिहास का एक विचित्र मामला है
00:36जिसमें कोई एक ऐसी कंपनी 90 करोड की देंदारी में बिग गई
00:41जिसके पास 1000 करोड की संपत्ति थी जो किसी के द्वारा समझ में आने वाली बात नहीं है
00:47तीसरी बात यह थी कि कॉंग्रेस पार्टी के द्वारा इसमें 76 प्रतिशत शेयर सिर्फ राहुल जी और सोनिया जी के पास थे
00:57मतब राजनेतिक दिर्फ से बहुत सार दिखाई पड़ता है कि दो तीहाई से अधिक सिर्फ आपके पास रहेगा और बाकी किसी के पास नहीं
01:03और मज़े की बात यह है कि बाद में ये ने तैय किया कि प्रकाशन बंद हो जाएगा और प्रॉपर्टी के बिजनस में काम करेंगे ये अपने आप में बड़ी बीचितर बात है
01:12कॉंग्रेस पार्टी से एक सवाल पूछना चाहता हूँ आप कहते हैं ये पंडित दहरू के द्वारा इस्थापित थी स्वतंता संग्राम सेनानियों के द्वारा एजेल एसोसियेटेड जनरल लिमिटेड इस्थापित की गई थी तमाम तो लोगों ने आपती दर्ज की थ
01:42पांच-छे दशक तक सत्ता में रहने के बावजूद कॉंग्रेस के अनुसार स्वतंतता संग्राम सेनानियों को समर्पित पंडित जवाला नहरूजी के द्वारा इस्थापित ये तीनों अकबार इस कदर घाटे में कैसे चले गए कि वो बंद हो गए कॉंग्रेस सरकारों
02:12आवाज खरीते रहते तो उनके बंद होने की नोबत नहीं आ सकती थे नव्वे करोड का घाटा तो दस साल के अंदर चुटकी बजाते हुए पूरा हो जाता तो कॉंग्रेस से भी पूछना चाहता हूं अंग्रेजी में नशनल हेरड हिंदी में नभ जीवन उर्दू में क�
02:42राम सेनानी और कॉंग्रेस का भावनात्मक लवगाओ था ये भावनात्मक लगाओ कितना यथार्थ था ये इसका प्रमाण दे रहा है या फिर
02:51लगाओ उसकी संपत्य से था ना कि उसकी भावना से
02:57इसलिए नैतिक और तकनीकी दोनों आधारों के उपर
03:03कॉंग्रेस के यह दावे बहुत खोकले, आधारिहीं और दुर भावना से प्रेरिद
03:11तथा जाज की प्रक्रिया को प्रभावित करने के विचार से प्रेरित दिखाई पड़ते हैं

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