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00:00जब जंगल में अग लगती है तो न वो वरगत बचते हैं जो हवा को आधी में तब्दील करते हैं
00:06और न वो बास बचते हैं जो आपसी रगल से चिंडारी पैदा करते हैं
00:10तुमत समझना डराने से डर जाएंगे
00:16अब के सारी हदों से बुझर यांगे
00:23मौत के नाम का खौफ देता है क्यों
00:30मौत जिस रोज आएगी मर जाएंगे
00:36मैं जड़ा नहीं मैं जुका नहीं कहीं छुप छुपा के खड़ा नहीं
00:39तीजे वाड़ा वालो हर सितम का जवाब आएगा
00:45देखना इंकलाब आएगा
00:50हम सब वो कोशिश कर रहें
00:52तो मेरी हिम्मत को सराहो मेरे हमराह चलो
00:56मैंने एक शम्मा जलाई है अंधेरों के खलाव
00:59मैं विजे वारा आज ना आता
01:01मेरे पास 50 बहाने थे मैं कह सकता था
01:03कि मैं यहां मसरूफ हूँ
01:05मैं मसरूफ था भी
01:07मुझे जूट नहीं बोलना था मुझे सच बताना था
01:10लेकिन जब विजे राओ जी आये तो मुझे लगा कि एक इनसान
01:13जिसकी उम्र इतनी है
01:14वो कितनी महबत के साथ चाहता है
01:17कि कमुनल हार्मोनी पे बात हो
01:19एक जुटता पे बात हो
01:21मैंने का विजे राओ जी आप चलिए
01:23आप करिये प्रोगाम कुछ नहीं
01:25मैं सीधे हाजिर होता हूँ
01:26मैं एरपोर्ट पे उतरा
01:27न तो चेंज करने गया
01:29न मौका भी नहीं था
01:31मैं सीधे आपके बीच में हाजिर हुआ
01:33मुझे लगा कि आप सारे लोग
01:34पसीने में बैठे होंगे परिशान हो करके
01:37तो साथियों
01:38फिर कह रहा हूँ कि
01:40बहुत लंबी चोड़ी तकरीर नहीं करना है
01:42हाला कि यह कहते कहते मैंने
01:43लंबी चोड़ी तकरीर तर दी है
01:45काम भर की
01:46तो आप से बस यह गुजारिश करता हूँ कि
01:50सिर्फ विजेवारा तक इसको मत रोकिए
01:52आंधर प्रदेश में तो
01:54खुसूसी तोर पे
01:55आपके जो मौजूदा सीम है
01:58इन्होंने जिस तरह से अपने चेहरे से
02:00नकाब हटाई है
02:01अपना रुख बदला है
02:03इसको बेनकाब करने के लिए
02:05तो पूरे आंधर प्रदेश के एक एक डिस्टिक्ट में
02:07लोगों को जा के बताईए
02:08कि ये वही है
02:10कि जो अफ्तार में आये थे
02:14तो कह रहे थे कि नहीं हम कोई आपके खिलाब काम नहीं होने देंगे
02:17और अगले दिन जब बिल पेश हुआ
02:19तो ऐसे खामोशी के साथ उन्होंने सरिंडर किया न
02:22कि कोई भी शर्मा जाए
02:24तो अगर आज दिल्ली में नफरतें उफान पर है
02:28तो उसमें सबसे बड़ा
02:31सबसे बड़ा
02:33मैंने का ना दो स्टेट
02:35किसी बड़े बुजर्ग ने कहा है
02:37कि जब जंगल में आग लगती है
02:39तो न वो बरगद बचते हैं
02:41बरगद एक बहुत बड़ा दरख्त होता है
02:43जब जंगल में आग लगती है
02:45तो न वो बरगद बचते हैं
02:47जो हवा को आधी में तबदील करते हैं
02:50और न वो बास बचते हैं
02:51जो आपसी रगल से चिंगारी पैदा करते हैं
02:54तो ये जो बरगद हैं
02:57इन बरगदों ने हवा को आधी में तब्दील किया है
03:00ये गुनेगार हैं
03:01आने वाली नसले इनसे जरूर सवाल पूछेंगे
03:04इसमें कोई दोर आए नहीं
03:05तो साथियों आप सबको एक बार फिर से
03:08बहुत मुबारत बात देता हूँ
03:11और United for Harmonies प्रोग्राम के लिए
03:13आप साथियों को एक बार फिर से
03:16विज़राओ जी और उनकी पूरी टीम को
03:22और प्रशान भूशन जी को सबको बढ़ाई
03:26विज़राओ जी जिस तरह से इस उम्र में भी
03:29जो मुहबत के लिए उनका जज़बा है
03:31बैठे हैं, निजामत कर रहे हैं
03:34लंबा सा सफर ते करके आएं
03:36मुझे लगता है विज़राओ जी के लिए
03:37और विज़राओ जी के लिए बहुत जोरदार ताली
03:39आपकी पचनी चाहिए
03:40इन दो बड़ों की कोशिशें
03:45यकीनन बहुत बड़ी है
03:47अच्छा ये भी करना पड़ेगा
03:50मुझे लग रहा था भाशन से काम चल जाएगा
03:53अच्छा
03:56अच्छा वो भी सुनाना पड़ेगा
04:02मुझे लग रहा है आज ही सारा हिसाब किताब आप लोग करनेंगे
04:04बहुत सारी
04:08बहुत सारी नजमों के लिए सातियों ने हुप्म दिया है
04:11अब मैं खुब फैसला नहीं कर पा रहा हूं कि मैं क्या सुनाओ
04:14कि मैं क्या सुना हूँ मैं बस एक छोटी सी नजम सुना करके आपसे विदाले लेता हूँ
04:19अच्छा चंदर बाबू पर मैं आज कर नितीश बाबू पर ज्यादा सुना रहा हूँ
04:29मत समझना डराने से डर जाएंगे आप ठक तो नहीं है
04:41मत समझना डराने से डर जाएंगे अब के सारी हदों से बुज़व जाएंगे
04:56परल्यामेंट में कहा था कि जिल्ले इलाही जम्हुरियत जो है वो ठसक और अकड से नहीं चलती है
05:05इसी ठसक के साथ देश की परल्यामेंट में सीय का कानून भी लाया गया था
05:09लाया गया था ना याद है आपको
05:12और हो मिनिस्टर साथ ने क्रोनलाजी समझाई थी
05:15लेकिन मैं मीडिया के साथियों को उस कानून का सच बताता हूं
05:19कि उस कानून के आने के बाद आज तक जब नारा यह लगाया था कि परोसी मुलकों से हिंदू भाईयों को ला करके भारत की सिटिजन्शिप दी जाएगी लेकिन आप यकीन जाने ये डेटा है पारल्यामेंट का कि आज तक जबसे वह कानून आया है
05:36दो हजार हिंदू भाई भी नागरिक्ता लेने के लिए इनके पास नहीं आये दो हजार भी लेकिन उसके उलट पिछले दस साल में इस देश के पंद्रह लाक से ज़्यादा लोगों ने हिंदूस्तान की सिटिजन्शिप छोड़ दी है और दूसरे देशों में जाकर के बस
06:06इनके बड़े फाइदे थे किसणों को किये ये जो फ screamis law है इनके बड़े फाइदे हैं जैसे आज वकफ के कानूनों के बड़े फाइदे किना रही है भाजपा मतल perception कि हम मुस्लिम बहनों के इनसाफ की बात कर रहे हैं मं ये गयाँ
06:23मैंने का बिलकीज़ बानों के बलागकारीयों की रहाई पर उन्हें माला पहनाने वाले मुसलिम बहनों के हक और इंसाफ की बाग कर रहे
06:53सारी से लेके पहलू खान से लेकर के अखलाक से लेकर के कई सारे लोगों को मौब लिंचिंग में मारने वाले लोगों की हमायत करने वाली पार्टी के लोग यह कह रहे हैं कि हम वकब बिल से मुसल्मानों की हमायत की बात करेंगे
07:08तो मेरे भाई इसलिए मैं आपसे यह कह रहा हूँ
07:13कि अलाल एलान यह कहिए
07:14के मत समझना डराने से डर जाएंगे
07:21अब के सारी हदों से गुजर जाएंगे
07:27मौत के नाम का खौफ देता है क्यूं
07:33मौत के नाम का खौफ देता है क्यूं
07:40मौत जिस रोज आएगी मर जाएंगे
07:46मत समझना
07:50के हमने जम्जम दिया आवे गंगा दिया
07:56विजरा जी के बुलाने पर इमरान यहां खड़ा है
08:00और हम सब मिलके महब्बत की बात कर रहे हैं
08:04शफी बाई के बुलाने पर प्रशान भूशन जी अगर बैठे हैं
08:07और वो महब्बत की बात कर रहे हैं मौई दसन साब के साथ
08:10तो यही तो वह हिंदुस्तान है जिससे डरती है भाजपा
08:13जिन तस्वीरों को देखना नहीं चाहते हैं नफरत वाले लोग
08:17के हमने जमजम दिया आबे गंगा दिया तुमने भारत को दंगा ही दंगा दिया
08:31अगली जो दो लाइन है ना उस पर तयार रहेगा आपका एक एक हाथ उठना चाहिए
08:36के हमने जमजम दिया आबे गंगा दिया तुमने भारत को दंगा ही दंगा दिया
08:48तुमने एक रंग के खौब देखे मगर
08:54हमने हिंदोस ता को तिरंगा दिया
09:07ये तिरंगा ये तिरंगा बदन पर लपेटे हुए
09:17एक दिन इस जमी में उतर जाएंगे
09:30मत समझना दराने से डर जाएंगे
09:36अब के सारी हदों से गुजर जाएंगे
09:42और जाते जाते बस आपको आखिर में दो मिनिट के एक और छोटी सी नजब सुना के बदा लूँगा
09:48पिर कभी किसी मशारे में आऊंगा तो आपको शायरी सुनाऊंगा आज मैं इस काम के लिए आया नहीं था आज दूसरे काम के लिए आया हुआ हूँ
09:55जी जी जी मैं सारे सुना देता अभी तो पीछे से मुझे दादा ने याग दिलाया मैं पिछले दिनों गुजराद गया जामनगर गया और मैं जामनगर तब गया जब देश की पारलियामेंड में एक दिन हो मिनिस्टर साफ रिफ्लाई करते करते डॉक्टर बाबा साब अम�
10:25साम लेते तो सुर्ग मिल जाता मैं सामने बैठा हुआ था मैं पहला आदमी हूँ जिसने सबसे पहले इस बात को पकड़ा और मैंने बाहर निकल करके मीडिया से कहा कि आज हो मिनिस्टर साहब ने डॉक्टर बाबा साब अमबेटकर का अपमान किया है और इसका खाम्याजा
10:55आप सोचिए डॉक्टर बाबा साब अमबेटकर की ताकत यह है तो उनके दिये गए सम्विधान की ताकत क्या है जिसे कुचलना चाहती है भाजपा जिसे बरबाद करना चाहती है भाजपा और उसके पांच-छे दिन बाद में गुजराद गया तो भही है न कि दराने की को
11:25जल्म से इश्क निभा देंगे ये एक नजब मेरे सोचल मीडिया के साथियों ने जो वीडियो बड़ा खुबसूरत सा था मुझे फूल बरस रहते हैं उन्होंने लगा के डाल दिया तो मुझे मीडिया के जरीए पता चला कि पांच दिन बाद आपके खलाब जाम नगर मे
11:55लडेंगे हम और मैं हाइब कोट गया पुशान जी आँ बैटे है हाइब कोट गया 56 मिनिट बहस हुई सब कुछ 56 में 56 में 66 मिनिट बहस हुई जच साब में कहा कि नहीं इन्होंने तो ठ्रों के खिलाप यानि कि सिंगासन के खिलाप कुछ बोला है इसनले इनके उपर मुक�
12:25जड़ेंगे इस बात को और मुझे लगता है पहली बार ऐसा हुआ होगा कि एक नजम को लेकर के फिर मैं सुप्रीम कोट आया और जब सुप्रीम कोट में जस्टिस अभय ओक साब और जस्टिस उज्वल भुयान साब के बेंच में वो कदमा गया तो पहले दिन पहले मिनिट म
12:55और दो हीरिंग के बाद उन्होंने जो हिस्टोरिकल जज्जमेंट दिया है वह फाई यार भी क्वैश किया और चोवन पेज का चपन से उन्होंने दो कम किया 54 पेज का एक ऐसा बेंच मार्क जज्जमेंट उन्होंने फीडमावी स्पीच पर दिया है तो मैं लड़के आ र
13:25हाम अगर मुस्कुरा के निखले है जखम पर जखम खाके निखले हैं हाम अगर मुस्कुरा के निखले हैं सर जुकाने का हुक्म जब आया
13:42सर जूकाने का हुक्म जब आया
13:49और भी सर उठा के निकले है
13:54नारे हक लगा के निकले है
13:58नारे हक लगा के निकले है
14:03और विजय वाड़ा वालो
14:04हर सितं का जवाब आएगा
14:09देखना इंकलाब आएगा
14:14जिन्हें लगता है कि 10 साल, 15 साल, 20 साल की हुकूमत में वो सब बदल देंगे
14:20अपनी मर्जी का हिस्ट्री, अपनी मर्जी की का इतिहास जो है वो देश के सामने रख देंगे
14:25चंद सडकों के शेहरों के नाम बदलने से वो सारा निजाम बदल देंगे
14:30दरसल उन्हें पता ही नहीं है
14:32कि आप 10, 20, 25 साल के तारीख और हिस्ट्री की जो बात कर रहे हैं
14:37यह हिस्ट्री बड़ी जालिम होती है
14:39तारीख बहुत जालिम है
14:41पचास साल और सौ साल दो सो साल हकूमत करने वाले
14:46लोग एक पन्ने में पलड जाते हैं
14:48और अगली हकूमत आ जाती है
14:50यह हिस्ट्री बहुत जालिम है
14:53उन्हें यह बात समझनी पड़ेगी
14:55और इसलिए मैं अलाल एलान यह कहता हूँ
14:57मेरा यकीन है यह
14:58के हर सितम का जवाब आएगा
15:02देखना इनकलाब आएगा
15:07अच्छे दिन का किये थे जो बाता
15:12उनका दिन भी खराब आएगा
15:16उनका दिन भी खराब आएगा
15:21छूटके हाकिमों के चहरे पर
15:26आईना हम दिखा के निकले है
15:31नारे हक लगा के निकले है
15:36और भी सर उठा के निकले है
15:43और जाते-जाते
15:44बस आप से आफिर में इतना कह रहा हूं सातियों
15:48कि एक बार जंगल में आग लगी थी
15:51जंगल के सारे जानवर परिंदे अपना घर छोड़के भाग रहते
15:56परिंदा होता ना देखा आपने बहुत चोटा सा गोरया बोलते हैं उसको हमारी तरफ आपकी तरफ कुछ और बोलते होंगे वह ननी सी गोरया अपने जलते हुए घोसले को देख रही थी और
16:11परोस में जो एक दूसरा दरख्त था उसमें बैट करके उसकी आंस में आशू थे एक एक उसकी अंदर हिम्मत आई उसको लगा कि यह देहकती हुई आँग मेरा अशियाना जला दे रहे पूरे जंगल को जला दे रहे तो परोस में एक और जंगल था जहां पर एक तालाब था
16:41फिर पलेट के गई, फिर चोच का दो बून पानी लेकर आई, फिर गई, फिर लेकर आई, ये करते करते जब वो बहुत ठक गई ना, तो वो सामने जो पेड़ था उस पे बैठ के थोड़ा सा सुकून की सांस लेने लगी, तो वहाँ बैठे वे अजगर ने उससे कहा, क्यों �
17:11गांदी जी का जवाब समझना, गौरईया ने अजगर से कहा, कि मुझे ये पता है कि मेरे दोबून पानी से शायद जंगल की इतनी बड़ी आग का कुछ न पिकड़े, लेकिन उससे भी बड़ी बात मुझे ये पता है, कि आने वाले दिनों में जब जंगल का इतिहास लि
17:41बहुत शुक्रिया आप सारे लोगों की महपतों का फिर आप से कभी मुलाकात होगी

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