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  • 2 days ago
पूरा वीडियो: कभी इधर कभी उधर — मेरी ज़िंदगी जा किधर रही है? || आचार्य प्रशांत (2023)

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Transcript
00:00मुझे बड़ा ताज्यू होता है
00:01एक से एक नमूने
00:03जिन्दगी में जिने कुछ नहीं समझ में आता
00:05कुछ नहीं जानते
00:0614 साल के ओंगे, 16 साल के ओंगे
00:09तभी से एक लफज वो जान जाते हैं
00:11क्या? प्यार
00:12वो ऐसे कभी सामने पड़े, मैं कहूं
00:14कि तुझे कड़ित नहीं आते
00:16तुझे भूगोल नहीं आते
00:17तुझे यहां से के वहां तक सीधे चलना नहीं आता
00:20तुझे किसी आदमी से
00:22दो बात करना नहीं आता
00:23तुझे अपना गुस्सा समालना नहीं आता
00:26तुझे कहीं पर समय से पहुचना नहीं आता
00:28तुझे इंसान बनना नहीं आता
00:30तुझे प्रेम करना कहां से आ गया
00:32ये मुर्खता की बात है जो तुम्हें सिखा दी गई है
00:35तुमसे बोलती है जाए कि प्यार तो एक छोटे बच्चे से सीखो
00:38ये पागलपन की बात है
00:39छोटा बच्चा मोह जानता है
00:41छोटा बच्चा ममता जानता है
00:43छोटा बच्चा आसकती जानता है
00:45प्रेम नहीं जानता है
00:46प्रेम सीखना पड़ता है
00:47मनुष्य अकेला प्राणी है जो प्रेम जानता है
00:51तुम बेकार की बात कर रहे हो अगर तुम कह रहे हो कि
00:54प्रेम तो जानवर भी समझते हैं, जानवर प्रेम नहीं समझते हैं, जानवर सुर अच्छा समझते हैं

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