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  • 2 days ago
बाबा साहेब अंबेडकर और हिन्दू धर्म || आचार्य प्रशांत (2024)

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Transcript
00:00आज भी हिंदू लोग अपने धर्म में न जाने कौन-कौन सी बाते पकड़कर बैठे हुए
00:04नतीजा यही होगा, जिन भी लोगों को गरिमा का जीवन जीना है
00:08फिर हिंदू धर्म छोड़ेंगे ना, बाबा साहब में छोड़ा न जाने कितने और छोड़ेंगे
00:12और आपने दोश नहीं दे सकते, क्योंकि मनुष्य की गरिमा और स्वतंत्रता, बहुत बड़ी बात
00:16कैसे रह लें वो ऐसे लोगों के साथ, जो उन्हें बरावर का ही नहीं मानते
00:20जो उन्हें हीन और नीच मानते, उनके साथ कैसे रहा जा सकता है
00:23और यहीं नहीं कि जाति के आधार पर लोग छोड़ेंगे, बुध्ध के आधार पर भी लोग छोड़ेंगे
00:28जिस किसी की बुध्ध, मेधा, विचारणा, प्रग्या, थोड़ी सशक्थ होने लगेगी
00:32वो कहेगा मैं ऐसे धर्म में नहीं रह सकता, जिसमें इतने अंधविश्वास, इतनी कुरीतियां है
00:37कुरीतियों मैं सबसे बड़ी कुरीति जाते वाद, वो कहेगा मैं छोड़ दूँगा
00:40सनातन धर्म को अगर बचाना है तो उसके केंद्र में विदान्त को फिर से स्थापित करना पड़ेगा
00:45और कोई तरीका नहीं है, जाते हमारी आत्म, गोठ्र हमारा ब्रहम, सत्य हमारा बाप है, मुक्ते हमारा धर्म, यह है विदान्त

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