Mann Marzi Episode 94 [Eng Sub] Haroon Shahid - Fatima Effendi - Humayoun Ashraf - 12th April 2025
Mann Marzi is a story about the consequences of selfish desires and putting personal needs above all else, leading to distress and pain for both oneself and those around them.
Haider, a principled man, has two daughters who couldn’t be more different. His biological daughter, Mansha, is admired for her beauty but often lets her desires lead the way. In contrast, Zara, Haider’s adopted daughter and the child of his late friend, is practical and grounded.
Mansha’s obsession with wealth and appearances leads her to choices that don’t just reshape her own destiny but also leave an indelible mark on Zara’s life, forever changing the futures of both young women.
Will Mansha's decision bring unbearable consequences for Zara? Can Zara escape the fallout of Mansha's choices? Is there any way Zara can convince Mansha to let go of her obsession, or will it all lead to a tragic end?
7th Sky Entertainment Presentation
Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi
Director: Zahid Mehmood
Writer: Rabia Razzaque
Cast:
Fatima Effendi as Mansha
Haroon Shahid as Hamza
Humayoun Ashraf as Shuja
Nawal Saeed as Zara
Noor-ul-Hassan as Syed Hassan
Sabahat Adil as Hafsa
Raja Haider as Haider
Nida Mumtaz as Afroz
Bisma Babar as Seerat
Hammad Farooqui as Haadi
Faiza Gillani as Safeena
Rabia Noreen as Sajida
Asim Mehmood as Adil
Shazia Qaiser as Farzana
Shahzad Mallick as Farzana's husband
Salma Qadir as Sadia
Taqi Ahmed as Mohad
Ushba Tabeer as Kashee
#MannMarzi
#HaroonShahid
#FatimaEffendi
#HumayounAshraf
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Mann Marzi is a story about the consequences of selfish desires and putting personal needs above all else, leading to distress and pain for both oneself and those around them.
Haider, a principled man, has two daughters who couldn’t be more different. His biological daughter, Mansha, is admired for her beauty but often lets her desires lead the way. In contrast, Zara, Haider’s adopted daughter and the child of his late friend, is practical and grounded.
Mansha’s obsession with wealth and appearances leads her to choices that don’t just reshape her own destiny but also leave an indelible mark on Zara’s life, forever changing the futures of both young women.
Will Mansha's decision bring unbearable consequences for Zara? Can Zara escape the fallout of Mansha's choices? Is there any way Zara can convince Mansha to let go of her obsession, or will it all lead to a tragic end?
7th Sky Entertainment Presentation
Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi
Director: Zahid Mehmood
Writer: Rabia Razzaque
Cast:
Fatima Effendi as Mansha
Haroon Shahid as Hamza
Humayoun Ashraf as Shuja
Nawal Saeed as Zara
Noor-ul-Hassan as Syed Hassan
Sabahat Adil as Hafsa
Raja Haider as Haider
Nida Mumtaz as Afroz
Bisma Babar as Seerat
Hammad Farooqui as Haadi
Faiza Gillani as Safeena
Rabia Noreen as Sajida
Asim Mehmood as Adil
Shazia Qaiser as Farzana
Shahzad Mallick as Farzana's husband
Salma Qadir as Sadia
Taqi Ahmed as Mohad
Ushba Tabeer as Kashee
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TVTranscript
00:00मैं जीर उज़रा
00:11मैं जीर उज़रा
00:15जी ऐसे रिष्टे नहीं समाल ले
00:18जो कभी मेरे थे ही नहीं
00:21ऐसी बात नहीं है बेटा
00:23वो दिल की बात जबान पे नहीं लाता आसानी से
00:32और ये बात तुम मुझसे बेटर जानती हो
00:42और मुझे ये भी पता है कि मन्चा के सामने आने पर
00:47कैसे वो सब के सामने उसकी डाल बन जाते
00:49मुझे तो ये भी याद है
00:53कि पहले वो तुम्हारी परवाद नहीं करता था बेखुल
00:57लेकिन उस वक भी मैं तुम्हें कुछ कह देती थी
01:07ये तुम्हारी माँ की कोई बुराई कर देती थी
01:09तो वो सबसे पहले लड़ने के लिए खड़ा हो जाता था
01:13ये तु समझ में नहीं आता कि अगर वो तुम्हारे साथ रहना नहीं चाहता
01:26तो तुम्हें छोड के नहीं देता
01:29उस वक्त भी मेरा दिल ये कहता था कि वो तुम्हें से प्यार करता है
01:40अब ही ऐसे होते हैं प्यार करने वाले
01:42जो कभी भी हाथ उठा उठा कर सब के सामने आपकी तजलील कर देते हैं
01:54इस बात के लिए तो मैं भी उसे कभी माफ नहीं करूगी
02:00और मैं भी
02:03नहीं अपनी अम्मी के पास जा रही है
02:12और फिकर ना करें मैं आप लोगों से नरास देही है
02:23बस खुद से नरास हुए
02:32खुद से नरास होने का हक है मेरे पास
02:41तुम ऐसा लगता है कि इस दुनिया में सिर्फ जारा ही साच बोल सकती है
03:02लेकिन मैंने उस घर में जो वक्त काता है तुम यकीन करो अगर मैं उन जाल्मों के सामने थोड़ी सी भी कमजोर पड़ जाती तो आज सीरत की जगा मेरी कबर होती
03:11शुजा तो था ही जाल्म उसके तो पता ने कितनी लड़कियों के साथ चक्कर थे लेकिन हादी उसके दादा अबू उसकी माँ कोई भी कम नहीं था उस घर में
03:22पता नहीं मैंने उन जाहलों के साथ कैसे वक्त गुजारा ये मैं ही जानती हूँ
03:29कि एक क्या पलू ये बौँ लटेए बंस सब आगाइप ऑफिक काफी दो 50 देथी आज़े जैवभर वह हमारे घर अबू से मिलनेके बाहने जारा से मिलने आया करता था दोनों की काफी अशी हैंडिस्टानिया अगर जारा की साधिक तूमसे नहीं'll you किना तो बीहारी
03:54से ओच चपियों थी
03:55अभी मंच्छा मेरी बेहन है
04:10और हमसा मेरा भरूसा
04:13इस रिष्टे में आदबार सरूरी है
04:18अगर आदबार ना हुआ रिष्टे में
04:24तो क्या फाइदा इस रिष्टे का
04:25अब मैं हमेशा बैट कर ये सोचती रहूं
04:30कि वो लोग साथ को नहीं है
04:32इसमें से इसमें मैं खुद को अजियत नहीं दूँगी
04:36बलके अपने एट-गेट हर इंसान को अजियत दूँगी
04:39खुद अजियत की हालत तो देखे ले आप में
04:46इसी वो नुक्साम कर चुकी अपना लोगों का
04:52मेरा काम था तुमें समझाना कुछ भी उल्टा सीदह हो गया ना
05:02मुझ से शिकायत नहीं करना था
05:05मैं आप से कभी शिकायत नहीं करोगी
05:09और इस बात की शिकायत कभी हमसे से भी नहीं कर दूए
05:22तुम कहां जारी?
05:40अपने गार
05:45तो क्या, यह तुमारा घर नहीं है?
05:49मेरे इस घर की जरूरत मुझसे जाधा तुम्हे है
05:56और इतनी हैसियत है मेरी
06:00कैसी चोटी मोटी चीज़े मैं सद्का कर देती हूँ अपने सुखों के
06:04बहुत खुरूर नहीं आ गया तुम्हें अपनी नहीं-नहीं हैसियत पर
06:10खुरूर नहीं आत्मात
06:12जब आपके पास सचे रिष्टों का सहारा होता है ना
06:21तो यह जूटे रिष्टों का फरेब आपको परिशान नहीं करता है
06:24जो तुमने किया वो तुम्हारा जर्फ था और मुझे तुमसे कोई शिकायत भी नहीं है क्योंके फित्रत है तुम्हारी
06:42मुझे गिला तो हमसा से है जो आज फितुमारी बातों में आख है अपने रिष्टों को आग लगा सकता है
06:58तो क्या अपने दिल को आग लगा देता जहाँ वो मेरे बाद किसी और को बसा ही नहीं सका
07:03एसे दिल को आगी लगा देनी चाहिए
07:06जो बार-बार भटकता रहे
07:08रास्ते से भटका हुआ इंसान तुम्हें खुशी दे सकता है
07:17मुझे नहीं
07:18तुम ये घर खुछ छोड़ के जा रहे
07:20इसका मतलब तुम्हारे नजजी खमजा की कोई वैल्यू नहीं है
07:24अच्छा तुम अपने बारे में फिकर करो ना
07:27दूसरों की वाल्यू जजज करने से वैसे भी तुम्हें कभी कोई फाइदा नहीं हुआ
07:31और अगर इस घर के दर्वासे तुम पर बंद हो गए ना फिर कहा जाओगे
07:39फिलाल तो कुछ दिर बैठो और अपने बारे में सोचो तुम हराम से अपने बारे में सोचो जाओ
08:09बात सुनो ये देखो मैं तुम्हारे आगे हाथ चोड़ती हूं तुम कहो तो तुम्हारे पाऊं पर जाती हूं
08:35क्यों अल्ला का वास्ता है मेरे बच्चों की जिन्दगी में आग ना लगा उनकी जिन्दगियों से निकल जा
08:40क्यों उनका घर तबाकने पे तुली दियो
08:50मैं जानती हूं मेरे हमजा को तो कोई भी बेवकूम बना सकती
09:00तुम तो उसकी कजन हो लेकिन इस रिष्टे का जाइज इस्तमाल करके अपने आपको इतना ना गिराओ कि मुझे अपने आरत होने पे भी शन्मिंदगी होने लगा
09:18मैंने हमजा को नहीं भड़काया खुपो यह उसका अपना फैसला है वो मुझसे महबबत करता है वो दिल से ही फैसला कर रहे है अच्छा और उसे इस फैसले पे किसने लगाया है तुमने
09:30तुमने है, क्या चाथए हो तौ। न� necesita आपना घराबाद किया ना किसी और की गराबाद देखना चाहती हो
09:43कितना बे-मुराब दिल है तुमारा मच्छा ना खुद खुश रहता है किसी और को खुश रहने देता है
09:51क्यों उस घर में गई तो तुमने सीरत का घर में उसकी जिन्दगी तब आ कर दियु यहां आयो तब मेरे बचों के जिन्दगी में आग लगा दिया फुदा के लिए हमें माफ कर दो चली जाओ यहां से
10:15बस कर दे पूपोप, बस कर दे,
10:17सारे समाने की बराईया मेरे ही अंदर है,
10:19सारी बभगीसमतिया मेरे साथ जुड़ी है,
10:22मैंने कुछ नहीं किया,
10:23मैंने जारा कोनी का अपना अपना घर चोड़के जाए,
10:25वो खुछ़ चोड़के गई है,
10:26वो तो बहाना ढून रही थी, घर छोड़ने का, तलाक मांने का, उससे तो बहाना मिल गया, तो वो चली गए, आपने उसके तो हाथ पाउनी चोड़े, उसको तो नहीं रोका आपने, मैंने तो अपना रिष्टा शुजा के साथ एंड तक निभाने की कोशिश की थी, मैंने न
10:56करने वाली मैं तो कोई नहीं होती, अल्ला बेटर शानता है, लेकिन खुदा के लिए, खुदा के लिए मेरे हमजा को इस गुना और बेशर्मी की जिंदगी में मत गजीचो, फुपो वो दूसरी शादी करना चाहता है, ये कोई गुना नहीं है, उसका हक है, और बेशर्मी
11:26प्लीज मुझे शादी करने दे हमजा से, हमजा को इजाज़त दे दे ता कि मुझे खुशी-खुशी मुच से शादी कर सके, प्लीज, आप तो खुदी चाहती थी ना कि मैं सुकून से रहूं, सैटल हो जाओं लाइफ में, तो मेरी खुशी हमजा से है, मैं उसे से शादी क
11:56झाल झाल
12:26अब हमारे जिन्दगी में जब भी तक्रार हुई है वो मंच्छा की बेज़े से हुई है
12:36भावेशा मुझे कहते दी
12:45आपको सारी पूबियां सारी अचाहियां जारा महीं नजर आती है हमारी बेटी तो नहलाएं के अच्छा
12:54अच्छा बेटी की वज़ा से रोते रोते रोते दुनिया चुड़े चुड़े चुड़े चलिए यहाँ
13:02अच्छा उसको कहिएगा मेरे सामने मन राय करें
13:12अरे हो जाते हैं मेरे साम उसको नहीं करें
13:14अच्छा बेटी की बनी हुई हो तुम बन गई हो उसके सामने खून और तर्वियत दोनों ही शर्मिंता हो रहे हैं
13:34अर वैसे भी अकर तुम दूसरी शादी करना चाहते हो तो यह कोई गुना नहीं है
13:51तुम्हारा हक है और जरूरत भी है क्योंकि जारा के साथ तो तुम वैसे ही खुश नहीं हो तुम खुदी तो कहते हो यह शादी से पॉप्रमाइज है
13:58हम शादी करना करेकbay आए जय तो हमसी किया सुन रही है
14:11तो आप मंचिया से शादी करना चाहते हैं Carson मजा मुझ से शादी करना चाहता है
14:20में लेकिन तुम्हारी वाचे से कामोशे तुम्हारा दिल नहीं दूखाना चाहती है
14:25लेकिन तुमें तो मेरा पता है नहाँ में मुनाफ़कत में करती जो मेरे दिल में है वोई जबान पे लिया और इसमें गलत ही क्या है अगर मैं हम्जा से शादी करके सेटल डाउन हो जाती है तो मेरा भी तो थोड़ी से खुशियों पे हक है जो तुमारी में जासे कभी मेरी �
14:55झाल झाल
15:25क्या वाँपर, सब खेरियत, में जारे हूँ, जा नहीं रहा है, वापस पलटने की कोश्चिस कर रहा है, मेरे बाबा ने एक बात कही है,
15:55मेरे बड़े अच्छी लगी था, उन्हें कहा था कि जब कुएं का पानी कड़वा हो, तो घड़े की साथ क्या देखने है,
16:09यहाँ देखने है, आरण वो मिसाल यहाँ फिट होती है यह नहीं लेकिन ऐसे याद आगे, तुम अभी तक यह फैस्टा नहीं कर पा रहे हैं, कि तुम मन्चा को सबक सिखाना चाहते हो, यहाँ तुम्हारी मौबत के पुराने जख्ञ्ट
16:39मुझे मुझे एक बात समझ नहीं आती कि तुम्हारी अपनी कोई विल और विश नहीं है क्या किस तरह के इंसान हो तुम पपिट हो
17:00जिए शकंड़ना अपनी कोई मदा है मुझे ब्हु अनद्र एस्ट्मेटु मैं तुम्हेन अणदीटमेट मैं कर रहा है मैं तुम्हें प्रूफ करूंगा कि तुमकि मांग दिल विल से सोचतु और दिल से सोचने अले लोगता
17:06है रहा है Clap गर्西क और दिंद कर हो ऊक्रोंगा कि तुम किमांग से नहीं दिल से सोचनों स॑ awesome
17:16करगै के और दिल से सोचने में वहां योग हैं फैनले को बेवक conqu बनाना बहुत आसान हु mão
17:28इस दुनिया में सिर्फ दो यह उन जो तुमने कंड है कर सकते अ
17:36एक मैं और दूसरी जारा
17:39और दूसरी बात यह है कि
17:47जारा मेरी बेहनों जैसे है
17:50उसको सिर्फ मैंने बेहन कहा नहीं है माना भी है
17:57याद रखना उसे दुख होगा तो
18:04मैं किसी मामले में तुमसे रियायत नहीं बरतुँगा
18:08जी उसी भात है सबको उसकी बरबाद
18:12मेरी किसी को फिकर में
18:14मैं कबसे इस कश्मकश में होगा
18:21मामु जान के कई अहसानात है मुझ पर
18:23और अगर इस तरह मनशा की जिन्दगी बरबाद होते रही तो मैं मामु जान के सामने शर्मिंदा होता रहूँ गा
18:34शर्मिंदा तो तुम उसे अबात करने के बात भी होते रहु करे
18:39यह बात याद रखता हूँ
18:46अपना सद करते हो ना तो अबस्ता
18:50मेरे लिए वो कोई माइन ही नहीं रखे तो मोहबत और नफरत का सवाल ही बदा नहीं होता
19:02तुम उसके बारे में इस भी बात कर जो कि तुमें उससे मसला है जारक उससे मसला है
19:20और मैं सिर्फ इस लिए इस कश्मकश को सुन रहा हूँ कि मैं सीरत को खुश देखना चाहता हूँ
19:30और हो सकता है वो शुजा के साथ खुश भी रख लेकिन दर्मयान में आगई एमनशाह
19:48और सब पुलिट-पुलिट हो अब मैं चाहते हुए भी ना उससे कोई हमदर्दी नहीं कर सेको
20:04मना मैं यह चाहता हूँ कि तुम उससे हमदर्दी करो उससे जादा तुम हमदर्दी जारा नहीं किया उसके साथ
20:16मैं तो बहुत कोशिश की कि मैं उससे दूर रहा हूँ
20:24लेकिन यह तो मुझे जारा ने मजबूर किया कि मैं उससे हमदर्दी करो उसका ख्याल रखते हूँ
20:38और देखो बात यह है कि जारा मेरी बीवे ना तो उससे इस बात का एसास होना चाहिए
20:50आग में पड़ी चिंगारी को कुरे देंगे तो कहीं ना कहीं आग तो भड़केगी ना
21:01अब वो मेरे किर्दार का और अपने जब्द का इंतिहान ले रही और कुछ भी नहीं
21:10I guess कि तुम दोनों को कांस्विंग की बहुत जरूरत है
21:23आपस में बात करने की जरूरत है
21:27बलके खुलकर बात करने की जरूरत है
21:31चाहे वो मंच्छा का टॉपिक हो यहां महुबबत के इजहार के एक तरीक है
21:40वो डालो तुम मेरा मताप्राइब
21:42इदर मैं परिशान हूँ और तुम मेरी तफरील लेगे
21:48सब ठीक हो जाएगा
21:49रात करने स्क्त्राइब
22:16झाल झाल
22:46आपने से
23:16बता दिया
23:17देखो है मत
23:19तुम्हें मेरी ये बात माननी होगी
23:21गुड़ी की गुड़िया है यहाँ
23:26तो गुड़ी का है
23:28गुड़ी जन भी मिल जाएगी
23:30मैं अपने मामा बापा की कसम खाती हूँ
23:37मैं आपकी हर बात माननू भी
23:39तुम्हारी चच्ची तुमसे जो कुछ भी बोलेना
23:42वो खामोशी से सुन लेना
23:44और उनकी हर बात मान लेना
23:46आपके पास रुख सकते
24:16आप उट से यह तो नहीं पूछेंगे
24:24कि मैं अपने घर क्यों नहीं जा रही है
24:26नहीं मैं यह नहीं पूछूँगी
24:31कि तुम अपने घर क्यों नहीं जा रही
24:33लेकिन यह ज़रूर पूछूँगी
24:37कि क्या तुम्हारा अपना दिल नहीं करेगा
24:39वापिस घर जाने को
24:40तुम तो जब भी आती थी आदे घंटे बाद ही वापिस जाने की पड़ जाती थी
24:50मैं तुम्हे रोकती रहती थी
24:57और तुम मेरी एक भी नहीं सुनती
24:59बस मेरा दिल चांता है कि
25:07बहुत सारे दिन आपके पास रुप
25:09हम सारे दिनों की बाते करें जो हमने साथ में गुजारे
25:18और अगर साथ गुजारते तो किसे गुजारते
25:34अगर मा बेटी में राज और नियास की बाती हो भी है तो खाने की डेबल पर चले
25:51आज हादी ने अपनी पसंद का प्लॉव बनवा है
26:02क्यारा था कि सब के साथ मिलकर खाऊंगा चले प्याओ
26:16थैंक यू मामी
26:26मुझे बहुत पसलने बलाओ
26:32यादे भादे अपाचान भी कितने शौक से बुलाओ बनवाया करते थे
26:43हाँ अबबाजी के तो अभी भी वही शौक है
26:49लेकिन हमसे प्रॉमिस किया है कि खाने के बाद मैं वाक सुरूर करूंगा
27:04पर हेस तो करते नहीं है वो
27:06अच्छो
27:18अच्छो
27:20अच्छो
27:28अच्छो
27:32कर दो कर दो कर दो कर दो
28:02हां हम्जा कुड मॉनिंग अरे उट जो ना कि दिन बार सोते ही रोगे या फिर सो सो कर दिन जाया कर दोगे देखो ना कितना खुबसूरत दिन है बहुत प्यारी सुबारी उठो तुम्या क्या कर ले अरे मैं तुम्हारे ले कर आई हूँ बैटी यो नाश्ता बनाने जारी थ
28:32को जा यए मैं लो ना पक्रिव कर दार का एक तुम जिसे आवाजे दे रहे हो तुम्हें छोड़कर जा कि मैं तुम्हें चोड़कर जा चुकिया आम्मी के कमरे में होगी हुआ नाहीं है वह वहाँ पर उसने रात कोई तुम्हारा घर छोड दिया था
28:50मैंने उसे समझाया पूछा उससे बलके उसे रोका
28:58मैंने का इतनी छोटी सी बात पर कोई अपना घर चोड़ के जाता है
29:07कहने लगी हाँ मैंने ये फैसला बहुत सोच समझ कर किया और मुझे हमजा की जिन्दगी में नहीं रहना और
29:18और क्या अधियर के बहुत गुस्से में थी वो
29:24उसने काया कि हमजा मेरी जिन्दगी में रहे ना रहे मुझे कोई फर्थ नहीं परता
29:34ना मेरे पास ऑप्शन्स की कमिया और ना घरों की
29:43क्या है कि अजिद नहीं होगी वो हादी वाले गर में गही होगी शायदा
29:50अम्मी
30:04आप उर्षा कि आप इस चाहिए जैसे मैंने काया कि जारा पे हाद उखाओ
30:26इंसान को जजबाती पैसले भी होश्ट से करने चाहिए
30:34और ठीक है अगर बात फुल गई है तो अब पीछे मत अटना दो
30:37इसे कमाल करती हो तुम मैंचे
30:40नहीं तुम हर चीज में अपना फाइदा कैसे ठूण लेती है
30:47कैसे कर लेती हो यह साथ
30:51खुद सर हो खुद पसंद हो खुद घर्ज हो ता पादसा मज़दार हो
31:01कि जो वियोना तुम में गट सबाता है
31:06जब आपके पास सचे रिष्टो का सहारा होता है
31:18तो यह जूटे रिष्टो का फरेव आपको परिशान ने करता
31:22जो तुमने किया वो तुम्हारा जर्फ था
31:26और मुझे तुमसे कोई शिकायत भी नहीं है क्योंके फित्रत है तुम्हारी
31:31मुझे गिला तुम्हारी बातों में आख है
31:40अपने रिष्टो को आग लगा सकता है
31:42तो क्या अपने दिल को आग लगा देता चहां वो मेरे बात किसी और को बसा ही नहीं सका
31:48यह से दिल को आग ही लगा देनी चाहिए जो बार-बार भटतकता रहे
31:53रास्ते से भढ़का हुआ इंसान तुम्हें खुशी दे सकता है
31:58मुझे नहीं
31:59तुम ये घर खुछ छोड़ के जा जा जा
32:02इसका मतलब तुम्हाई नजीख हमजा की कोई वाली है
32:05अच्छा तुम अपने बारे में फिकर करो ना
32:08दूसरों की वाल्यू जजज करने से वैसे भी तुम्हें कभी कोई फाइदा नहीं हुआ है
32:12और अगर इस घर के दर्वाजे तुम पर बंद हो गए ना फिर कहां जाओगी
32:18फिलाल तो कुछ देर बैठो और अपने बारे में सोचो
32:22अम्मी
32:36हम अब इस यह क्या कर रही है आप
32:44सामान से में उट रही है नज़ा नहीं आ रहा तुम्हें
32:49कर दो कि कि अरकते कर रहे हैं आप और उससे देखें वह घर चोड़के चली गई है अब और नराज होगी इस ता की अरकते करेंगी
33:02यह उमीद नहीं थी मज़े उससे
33:14सारा मसला ही इन उमीदों का है बेटा जी
33:29उसे भी तो तुमारी जात से कुछ उमीदें थी ना
33:32क्या किया तुमने उसके सारा इतनी अच्छी बीवी की महबत को उसकी वफा को तुमने आजमाईश में डाल दिया सिर्फ उस
34:00मन्चा के कहने पर
34:02सोच तुम जिस बात का है हमजा के तुम्हें आज तक इंसानों की पहचान नहीं है
34:20हम भी लोगों की पहचान के बारे में आप मुझे कह रहे हैं लेकिन जारा को भी तो समझाया होता कि दुनिया में हर कोई वैसा नहीं है जैसे वो सोचती है
34:28अरे भई माप कर दो तुम लोग मुझे ना मुझे किसी को समझाने की हिम्मत है ना मेरा हक है कोई तुम दोनों
34:58बहुत बड़ी दुनिया है अल्ला की यहां तो नहीं रह सकती कम से कम तुम्हारे मन्चा के साथ
35:22कि कहां जाएंगी आप और और उससे क्यों जाने दिया उससे रुका तो हो था आपने
35:28तो पता नहीं वहां जाके क्या क्या कहीगी
35:40मेरा क्या इंप्रोस्टिंग ना देगे उनके सामने
35:42बड़ी फिकर हो गई तुम है उसके घरवालों की हादी की
35:48यह याद नहीं है कि क्या क्या इल्जाम लगाएं तुमने उस विचारी जारा पे
35:56सिर्फ और सुर्फ उस मन्चा के कहने पर
36:08मैं तो कहती हूं तुम ऐसा करो तुम तलाद दे दो जारा का
36:24मन्चा से शादी कर लो जारा की शादी मैं
36:38कराओंगी हादी से कम से कम वो अपनों के साथ महां खुश तो रहेगी उसके घर
36:42आपको वापको मेरी बात नहीं समझा तो मुझे ये बताओ कि तुम्हें जारा का तलाच
36:56कि वागना बुरा लग रहा है या अपना बेवफाई करना है अभी मैं कोई बेवफाई नहीं कर रहा हूं उसके साथ
37:12जो तो सिर्फ ये बात खाई जा रही है कि उससे मुझसे तलाच महां उसकी हिम्मत कैसे हुए ये बात करने की
37:20दो जा रहा है कि मैं उससे जाकर नगोली मार दो और अपने आपको भी मार दो
37:30और उससे जादा मुझे इस वात का घुस्सा है कि वो घर चोड़के चलीगी उसकी उम्मत कैसे हुई
37:36और तुमने जो उसकी इज़त नफस को इतना मजरूर किया है वो क्या
37:50में जीरो जारा
38:00में जीरो जारा
38:04वाक दो प्रूँच्व झानी करते के वो क्यों स्क्याद जादा यादा में