Kathputli Episode 09 [Eng Sub] Minsa Malik - Farhan Ahmed Malhi - Fajjer Khan - 13th April 2025
Kathputli is a tale of how greed and deceit can lead to one’s downfall, while honesty and patience pave the way to success. At the heart of this narrative are Tabeen and Areeba, two sisters whose vastly different natures set them on contrasting paths. Tabeen embodies sincerity, intelligence, and patience, while Areeba thrives on manipulation, ambition, and greed.
Caught between them is Ayan, whose affection becomes a pivotal element in their lives.
Unaware of the hidden truths and concealed feelings around him, Ayan’s heart becomes a battleground for honesty and deceit. Will Tabeen find the strength to speak her heart, or will silence be her fate? Ultimately, will Areeba’s cunning ambitions secure her desires, or will honesty and virtue triumph in the end?
7th Sky Entertainment Presentation
Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi
Director: Sami Sani
Writer: Irfan Aslam
Cast:
Minsa Malik as Tabeen
Farhan Ahmed Malhi as Ayan
Fajjer Khan as Areeba
Hammad Farooqui as Shehryar
Mahmood Akhtar as Adnan Malik
Rashid Farooqi as Ashfaq
Shamyl Khan as Haseeb
Beena Chaudhry as Zubaida
Humaira Bano as Zulaikha
Diya Rahman as Farah
Misbah Mumtaz as Naureen
Sabiha Jafri as Ruqaiyya
Farah Nadeem as Shireen
Zain Afzal as Zaroon
Taqi Ahmed as Murad
#Kathputli
#MinsaMalik
#FarhanAhmedMalhi
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Kathputli is a tale of how greed and deceit can lead to one’s downfall, while honesty and patience pave the way to success. At the heart of this narrative are Tabeen and Areeba, two sisters whose vastly different natures set them on contrasting paths. Tabeen embodies sincerity, intelligence, and patience, while Areeba thrives on manipulation, ambition, and greed.
Caught between them is Ayan, whose affection becomes a pivotal element in their lives.
Unaware of the hidden truths and concealed feelings around him, Ayan’s heart becomes a battleground for honesty and deceit. Will Tabeen find the strength to speak her heart, or will silence be her fate? Ultimately, will Areeba’s cunning ambitions secure her desires, or will honesty and virtue triumph in the end?
7th Sky Entertainment Presentation
Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi
Director: Sami Sani
Writer: Irfan Aslam
Cast:
Minsa Malik as Tabeen
Farhan Ahmed Malhi as Ayan
Fajjer Khan as Areeba
Hammad Farooqui as Shehryar
Mahmood Akhtar as Adnan Malik
Rashid Farooqi as Ashfaq
Shamyl Khan as Haseeb
Beena Chaudhry as Zubaida
Humaira Bano as Zulaikha
Diya Rahman as Farah
Misbah Mumtaz as Naureen
Sabiha Jafri as Ruqaiyya
Farah Nadeem as Shireen
Zain Afzal as Zaroon
Taqi Ahmed as Murad
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TVTranscript
00:00आई इश्क तजे भी होया लाग
00:14तबीन ये आयान था
00:22ये यहां क्या करने आया था
00:27समझाने आया था
00:30खुद मुहबबत का सबख पढ़ने वाला
00:33दोस्तों को मुहबबत तर्क कर देने का मश्वरा दे रहा था
00:36ठिलो क्लास में चलता है
00:43चलता है
00:44शुकर है अम्मा का फोन हाथ लग गया
00:59सरा देखूं क्या हो रहे दुनिया में जब से मेरा फोन बंद हुआ है
01:04ऐसा लग रहे मैं तो किसी और से आरे पहुंच गहीं
01:06किसी सरा अपता ही नहीं हो रहा था
01:08जल्दी जल्दी देख लूँ फेस्बुक पे
01:10क्या हो रहा है अमने क्याने से पहले देख ली थी हूँ
01:12अरे बार
01:14ये मेरा फोन कुई लिया तुम्हें मना क्या था न फोन इस्तमाल करने से
01:17अम्मा
01:18मेरा फॉन तो बन कर वा दिया, अब कुद का फॉन तो शकून से यूज करने दे
01:22फॉन को ना गोली मारो, पहले मेरी बास हो
01:25च्या हुआ है?
01:26वो ना फजल आया था
01:27कौन फजल?
01:29अरे यह हसीप साप का मुलासे हैं, उन्हें ना हमें खाने पे बुलाया
01:32क्या?
01:34काने पे, और हमें
01:36हाँ, हमें
01:38मैंने तुम्हें कहा था ना
01:40मर्द को अपना बनाने के लिए उसके पीछे नहीं
01:43उसे अपने पीछे भगाया जाता है
01:44यह सब कुछ तुम्हारा फॉन बंद करने के वज़े से मुम्कीन हुआ है
01:48अब ना चल्दी से तयार हो जाओ
01:51और ढंका जोड़ा पहना और अच्छी से तयार होना
01:53मैं भी जारी हूं तयार होना
01:55खाने पे जलते हैं, मजा है जा
01:57अरे वा, अम्मा का फोन वला आइडिया तो ताम आ गया
02:01वा अम्मा, मान गई मैं आपको
02:05इसे ऐसे मामलों में अम्मा का दिमाग भी खुब काम करता है
02:08थैंक यू अम्मा, आपना ओती तो उन्हे जाने में कहा होती
02:13लेकिन अरेबा, अब आगे क्या करना है
02:20ये तुम तै करोगी
02:23हसीब
02:35मैं बहुत शिर्मिंदा हूँ इस दिन के लिए
02:39येकिन करो, मैंने जो कुछ पी किया वो जान भूज के नहीं किया
02:45बस एक गलफ फहमी होगी थी जिसके वज़ा से ये सब कुछ हो गया
02:52वो मैं सब कब का भुला चुका हूँ
02:56ये तो तुमारा बड़ा पाम है
03:01लेकिन मैं यहां पर तुम से बात करने आया हूँ तावीन के बारे में
03:06तावीन के बारे में?
03:11हाँ, तुमने उसके लिए अपना रिष्टा बज़वाया था हाँ
03:15हाँ बज़वाया था लेकिन वो इंकार कर चुकी
03:23मगर अब ऐसा नहीं होगा
03:27क्या मतलब?
03:31देखो, अब इन आम रुड़कों से बहुत नुचले था है
03:37बहुत अलाग है
03:38जानता हूँ इसलिए तो पहली नजर में महबबत कर बैठा था
03:46आम सॉरी वो कजन है तुमारी मगर ये सच है
03:54समझ सकता हूँ मैं
03:58तावीन की अम्मी की उसके बहुत ही बच्पन में डेथ हो गई थी
04:04मामू ने उसकी परविश के लिए दूसरी शादी की जो उनकी बीवी तो बन गई
04:09तेकिन तावीन की कभी मा नहीं बन सकी
04:12फिर मामू दबही चले गए और तावीन जबैठा ममानी की जयात्तियों के निशाना बनती रही
04:20तो तुम लोग ने कुछ किया क्यों नहीं
04:25बहुत बार कोशिश की अम्मी ने उन्हें समझाने की
04:31लगर ममानी की मकारियां, उनकी चलाकियां
04:36मामू को ऐसी लगता था जैसे ममानी ही ठीक है
04:38शेरियार यही वज़ा है
04:41जिसकी वज़ा से तावीन ऐसी हो गई है
04:44सित्ति, अडियल और अपनी मनमानी करने वाली
04:48तो तुम मुझसे अब क्या चाहते हो
04:55मैं चाहता हूँ कि तुम एक बार फिर से तावीन से बात करो
04:59कोशिश की थी मैंने मगर उसने एक बार फिर इंकार कर दिया
05:07लेकिन मैं पीछे नहीं हटूँगा
05:10मैं भी यही जाता हूँ
05:13तुम दुबारे से तावीन से बात करो
05:16उमीद है कि इस दा हो गई इंकार नहीं करेंगे
05:19चलता हूँ
05:29शुकरिये
05:40को दावीर मिले
05:43क्यों दिल में चाहत इतनी है
05:49इस दर्द मेरा हत कितनी है
05:55फिर आए समझे तुझे को यारा
06:01जाए इश्क तुझे भी
06:05ओ यारा
06:07जाए इश्क तुझे भी
06:11चलो भाई
06:14तुम्हारे आश्क तु आ गया
06:15मैं चलती हूँ तुम्ही निप्टो
06:17लगता है अभी तक आपका बखार सर से उत्रा ने है महबबत का
06:37जी नहीं बलके सर चड़कर बूल बल
06:43आखिर आप चाहते क्या है
06:46तुम्हें चाहता हूँ
06:51तिलो चांद से
06:56दिल की गहराईयों से ताप हूँ
07:00आयान ने मुझे तुम्हारे बारे में सब कुछ बता दी
07:06आयान ने क्या कहा आपको आयान ने
07:12सब कुछ
07:15तावीन तुम्हें किसी से ड़ने की जरूरत नहीं है
07:21मैं तुम्हारे साथ होने
07:24मैं तुम्हें इतनी महबबत दूँगा इतनी महबबत दूँगा कि तुम्हारे सारी महरूमिया सारे गम सब सब दूर हो जाएंगे
07:32कैसे गम कैसी महरूमिया मुझे किसी से कोई डर्णी और मुझे नहीं पता कि आयान ने आपसे मेरे बारे में क्या कहा है
07:38यार आयान
08:04कहा गायब था तू सुबह से
08:07यार वो
08:09एक उलजन में पसा हुआ हूँ आजकर
08:11बस सुसी को सुलजानी की कोशिश में
08:14तो वो उलजन सुलज गई तुम्हारी
08:18कोशिश तो कर रहा हूँ
08:21देखते हम
08:22मेरी दुआ है कि जल्दी सुलज जाए
08:25कोई ऐसा ना हो
08:27कि तुम्हे अपनी नौकरी से हाथ दोना पड़े
08:30क्योंकि तुम्हारा ये रोज रोज का लेट आना ना बस को खटकने लगाए
08:37सुबह से दो मर्दबा पूछ चुके हैं वो तुम्हारा
08:40अब कही ऐसा ना हो
08:41तुम्हे बचाते बचाते मेरी नौकरी खत्रे में पढ़ जाए
08:44फिकर मत करूँ मैं बहुत से बात करूँगा तुम्हारी नौकरी अपकुछ नहीं होगा
08:52देखिए शेरियर साब
09:12आप एक अच्छे इंसान
09:14बलके अच्छे और पड़े लिखे इंसान
09:18हैंडसम है
09:19यकीनन कोई भी लड़की आपसे शादी के खाब देखती होगी
09:23लेकिन मैं आपसे शादी के खाब नहीं देख सकते
09:26और नहीं मेरी ऐसी कोई खौईश है
09:28ताबीन
09:32मैं दिखाँगा तुम्हें अपने खाब
09:35मैं पैदा करूँगा तुम्हारे दिल में अपनी खाहिश
09:39बस एक मौका दू
09:44शेरियर सब आप समझने की कोशिश करो
09:49मुझे नहीं बता आयान ने आपको क्या बताया क्या ने
09:53लेकिन सच ये है कि
09:54मैं आयान से महबबत करती हूँ
10:05आद से नहीं हमेशन से
10:07जब से पैदा हूँ तब से उस ही को देखा है उस ही को चाहा है
10:15आयान मेरी इस महबबत से अंजान
10:18लेकिन एक नाएक दिन वो इस महबबत का इकराश जरूर करेगा
10:21क्योंकि वो भी किसी सिराब के साए में है
10:26जिस दिन उसका सिराब उसकी हकीकत बनके उसके सामने आ चाएगा
10:31भुद भाखुद मुझसे अपनी महबत का इकरार करेगा
10:36तब इन अगर यही सब मैं तमसे कहों तो
10:43मैं आपके ज़्जबात की कदर करती हूँ
10:50आपकी, आपकी महबत की इज़त करती हूँ
10:54मुझे पता है, इतना असान नहीं होता इस तरह से यो महबबत कर लेना किसी से, आपकी महबबत की उमर चंद दिन से ज्यादा नहीं, लेकिन मेरी महब सालों पर मुही थे, जिसमें ना जाने कितनी यादे हैं, कितने लंबे हैं, मेरे और आयान के किस्सें,
11:17चोटी-चोटी कहानी हैं, जिसे आपकी महबबत की आगे फरामोश नहीं किया जा सकती, अब फैसला आपके हाथ में हैं,
11:47ठीक कहा तुमने कि मेरी महबबत की उमर बहुत चोटी है, लेकिन इसकी शिद्दत, भारी महबबत की शिद्दत से कम नहीं है था भी,
12:01और ये वक्त साबित करें,
12:16कि मेरी ये चंद इनकी महबबत कभी हाथ मी माने की,
12:21ताबीन जिन्दगी के किसी भी मोड़ पर, जब तुम आवाज दोगी, जहां से भी दोगी तो, उच्छे अपने सामने पाऊगी,
12:40मुझे तो मेरी महबबत ना मिल सकी लेकिन,
12:54दुआ करूंगा कि मेरी महबबत को उसकी महबबत सरूर मिले,
13:00चंता हो, और हाँ एक और बात,
13:20महबबत सक्ची जूठी नहीं होते, महबबत सिर्फ महबबत होते होते हैं,
13:26क्योंकि जो जूठी हो वो महबबत हो ही नहीं सकते हैं,
13:36तुझसे बेदर्द मेरे थी आस मुझे,
13:44इतनी तुम रवबत की तुझसे,
13:50फिर तुने बरोजा तोड़ा हैं,
13:56क्यों हमने सबर ना चोड़ा हैं,
14:02फिर आए समझ तुझे को यारा,
14:08जाए इश्क तुझे भी हो यारा,
14:14जाए इश्क तुझे भी हो यारा,
14:20अगर मैं अरीबा को नया फोन दला दूँ,
14:24वाँ कितना खुश हो जाए ही,
14:26मगर फोन खरीदने के लिए तो अच्छे खासे पैसे चाहिए होंगे,
14:30और मुझे तो फिर पिछला उदार भी चुकाना है मुराद का,
14:36मुराद,
14:48मुझे कुछ पैसे उदार चाहिए है,
14:51यारा भी कुछी तो पहले तो तुमने ले थे उदार,
14:57वो तुमने लटाए नहीं है अभी तक और फिर से चाहिए,
15:01क्या हुआ खैरियत तो है पहले तो तुमने इस तान से कभी नहीं किया,
15:05सब खैरियत है,
15:07तुम प्लीज इस पार मुझे दे दो,
15:10पिछले भी तो लोटा दिये थे ना,
15:12इस पार भी लोटा दूँगा,
15:14यार लोटाने का मसला नहीं है,
15:16मैं तो तुम्हारी वज़ाए से पूछ रहा हूँ,
15:18चक्कर क्या है?
15:20अच्छा,
15:25तो अरीबा के लिए चाहिए होंगे ना,
15:27क्योंकि इससे पहले तुम्हे तो कभी ज़रूरत नहीं पड़ी उधाल लेने की,
15:31यार आयान, क्यों बिलावजे के खरचे पाल रहा है यार,
15:35मौबबत के छक्कर में खुद को कंगाल मत कर ले ना,
15:38अच्छा, इसा कुछ नहीं होगा, तुम देख ले ना, एक दिन यही महबबत मुझे फर्श से अर्श पे ले जाएगी,
15:52तु पहला बंदा होगा भाई, तो महबबत में फर्श से अर्श पे जाएगा,
16:01औरना हमने तो आज तक महबबत में लोगों को अर्श से फर्श पे आते हुए देख ले, देख लो, ट्रांसफर करती है,
16:08भाई, इस वख मैत नहीं कर सकता था,
16:16तैंक यू, तैंक यू मराद, इट मेंस अलॉट,
16:20इतना अच्छा मौका मिला था तुम्हें, खुद को प्रूफ करने के लिए,
16:37और अरीबा को नीचा दिखाने के लिए जो खुद को बहुत हुसिन परी समझती है,
16:40उसे भी पता चल जाता के हुसिन सब कुछ नहीं होता,
16:43नाला, अरीबा मेरी बहन है, हले, वो मुझे सोतेला ही समझ है,
16:52लेकिन मैं तो अरीबा को अपनी छोटी बहन समझती हूं,
16:56जरूरी नहीं कि मैं भी उसको इसी तरह नीचा दिखाऊ,
16:59ना समझ है मुझे उसे नीचा दिखाने की कोई ज़रूरत नहीं है,
17:03अच्छा अगर ऐसा है तो फिर आयान के मामले में तुम्हें अरीबा पर गुसा क्यों आता है
17:07क्योंकि वो आयान के साथ बिल्कुल भी सिंसे हैं दे
17:09आयान से महबत नहीं करती है
17:11बलकि मुझे तकलीफ देने के लिए मुझे दुख देने के लिए उसके आगे पीछे होती रहती है उसको धोका दे रही
17:17इसी वज़े से मुझे इस पर गुसा भी आता है और दुख भी होता है
17:21तुम कुछ भी कहो, लेकिन मुझे लगता है कि तुमने बहुत बड़ी गलती की है
17:24गलती की नहीं, गलती करने से खुद को मैंने रोका
17:31तावीन, किसी भी जीशा और इनसान से पूछ होगी ना तो वो इसे तुम्हारी जिन्दगी की सबसे बड़ी गलती कहेगा
17:37अच्छा तो क्या, आयान की मुहबबद को अपने दिल में लिए, शेरियार को अपना ले थी, क्या ये गलती नहीं थी
17:45वाला ये गलती नहीं, बलके गुना है
17:48तुम इसे गलती, गुना कुछ भी कहो, हमारे माश्रे में हर दूसरी तीसरी औरत ये कर रही है
17:54मुहबद किसी से और शादी किसी और से कर दी जाती है
17:57और उन में से नवे फीसद ओरतें अपने शोहरों के साथ हसी खुशी जिंदगी बसर कर रही होती है
18:02तो अपनी मुहबद को सच्चा साबद करने के लिए तुम उन औरतों को दगा बास कह रही हो
18:17मुझे कोई हक नहीं किसी पर तौहमत लगाने कर नायला यह तो सिर्फ मेरा मान रहे
18:22और ज़रूरी नहीं कि जो चीज मुझे अच्छी लगे बाकी सब भी उस चीज को एगरी करें
18:26तुमसे बहस में कोई नहीं जीद सकता
18:28शलो
18:30उसकी आज भी सारा दिन कोई कॉल कोई मेसेज नहीं आया
18:49क्या वज़ा हो सकती है
18:51उस दिन तो मुझसे बहे मुहबबत के दावे कर रही थी
18:54फिर अचानक से ऐसा क्या हो गया
18:58है, हैरत की बात है
19:00फोन बंद है
19:08ये कैसे हो सकता है
19:10अरीबा जैसी लड़की तो एक सेकिंड के लिए अपना फोन बंद नहीं करती
19:16I hope सब खरिया था
19:19पजल
19:21पजल
19:23जी सब आया सब
19:28जी सब
19:30तुमने वो
19:33जुबैदा बेगम को कह दिया था आज खाने का
19:36जी जी बेरकुल दावद दे दी थी
19:38और
19:41फैमिली का भी बोला था न
19:44फैमिली?
19:47जी सब
19:48फैमिली का ही बोला था
19:49ग्रेट
19:51अच्छा सुनो
19:53किसी किसम की कमी नहीं होनी चाहिए
19:55सब कुछ परफेक्ट हो जाए
19:57आप बेफिकर हो जाएं
20:00सारे काम बहतरी नहोंगे
20:02ठीक
20:04तुम जा अपने कम करें
20:06कब तक तुम्हारी उंगली पकड़कर शलेगी?
20:30मैं अच्छा वो सब कुछ कर सकती है लेकर
20:32जब तक वो यहां है मुझे अच्छा नहीं रखता के वो सारे काम अकेली करती ते
20:35शायद यह उसकी मजबूरी नहों लेकिन मेरे लिए ज़रूरी है करने उसको लुकाप्टर तर।
20:39मेरी रिपोर्ट्स अच्छी आए हैं
20:41मैं बिल्किल ठीक हो जाओंगी
20:43कैंसल मेरे अंदर पंज्य गारने की बज़ाए
20:45मेरा बहुत तेजी से पीछा छोड़ रहा है
20:47फिर हम किसी फेरी टेल की तरह आसी खुशी अपने
20:51जिन्दगी गुजारे हैं
20:53बड़े साब ने आपकी अलमारी का ताला तुडवा दिया है
20:55अगर तुमारी खाली गोत की जिम्मदार आइमा है
20:59तो पर ये गया है
21:01इससे कहें इस घर से इसको जो भी उठाना है उठा ले और दफा हो जाए यहां से
21:05मैं अब इसकी सुरत भी नहीं दिखना चाहता हूँ
21:07अमीर उस लड़की में जरूँ से ज़ादा इंटरस्ट ले रहा है
21:12कुछ तो है जो बीवी होने के नाते मैं महसूस कर सबती हूँ
21:17फंदे को बारस जजबात में आके कोई भी कदब मत उठाना
21:20पहले चीज़ों को अच्छी तरह परको उसके बाद मूँ खोड़ना
21:24प्रिश्टो में एक बार जब दराल पढ़ जाये बले वो जोड़े रहें बाद नमा जरूर हो जाते हैं
21:29अरी बाब
21:38अरी बाब
21:42तुम तयार नी हो या अब इदब
21:44जाना नहीं है क्या
21:46नहीं
21:48नहीं मतलब
21:49नहीं मतलब नहीं
21:53मुझे नहीं जाना
21:54क्यूं? होश में तो हो
21:56उन्होंने अभी खाने पर इन्वाइट किया है
21:58नहीं जाएंगे तुन्हें बुरा लगेगा
22:00लगेगा बुरा
22:01बलके बहुत बुरा लगेगा
22:04लेकिन यही तुमें शाती हो उम्मा
22:07तुम्हारे दिमाग तो नहीं खराब हो गया
22:09मैं तुम्हारे और उसके शादी के खाब सजा रही हूँ
22:13और तुम हो क्यूसे नाराज करना चाहती हो
22:15अच्छा तो एक बात बताएं
22:18आपने मुझसे फोन बंद क्यूं करवाया था
22:22क्योंकि वो तुम्हारा फॉन नहीं उठा रहा था
22:24और फॉन बंद करवाने के बाद हुआ क्या
22:28उसने हमेरे खाने पर इंवाइट कर लिया
22:30बस फिर आप समझ लें अम्वी
22:35कि खाने पर ना जाकर
22:38मैं हसीव के दिल में विचैनी और बढ़ाना चाहती
22:42अपनी वुकत का एसास और जादा पैदा करना चाहती है
22:47हाँ अरीबा बात तुम्हारी ठीक है
22:51लेकिन तहीं ऐसा ना हो के वो बिल्कुल तुमसे कता तालुक हो जाए
22:56और इतना अच्छा रिष्टा हाथ से निकल जाए
22:59हाई मेरी भूली अम्मा ऐसा कुछ नहीं होगा
23:04मैंने आपके भरोसे फोन बंद किया था ना
23:07तो अब आप मेरे भरोसे पुर्ष सुकून होकर खाने पर जाए
23:11और अगर उसने तुम्हारा पूछ लिया तो क्या बोलू
23:14यही के मेरा मूँ ठीक नहीं था
23:17या फिर मैं किसी काम में मुश्रूफ थी
23:20जादा नहीं हो जाएगा
23:23नहीं उसने मेरी कॉल पिक ना करके में इंसर्ट किये
23:27तो बस फिर आप भी यही बोलेंगी
23:30कहते तो तुम ठीकी हो
23:33अच्छा मैं चलते हो
23:36और हाँ
23:38ताबीन को मत साथ दे जाएगा
23:42इतनी अकल है मुझ में
23:44साथ उन्ये साथ
23:48तुझे संग ये जोक लगाया
24:12या दिल का रोग लगाया
24:15तु क्या जाने तेरे सद्की में
24:18क्यू सब कुछ बार लुटाया
24:21एक रोज कभी तो ऐसा हो
24:27तेरा हाल भी मेरे चैसा हो
24:33सब सारे आरेंद्मेंट्स हो गाए डिए अच्छा ऐसा करो के कटले भी चेंग्ज करता हूँ
24:45मुझे मैं तर्की से गोल प्लेटेड लाया था ना तो लगा दो अभी लगा देता हूँ
24:49आज रहता हूं जी
24:51आज थेंक हो गये है तम इने द्रोइंग भूमें बठाओ ब में आता हूँ
24:55आए आए आए दुलागदीती आए
24:59काफिशन रख्या
25:01अजिए रख्या
25:03आए आए आए
25:07आयला
25:09इस कमरे की तो बहुत असीन सजावट है
25:13तुम जहाँ? उस दिन तो मैंने देखा ही नहीं था जी जी उस दिन तो आप लाउंच से वापश चली गही थी ना?
25:20जी
25:23मैं अभी आया है
25:26आय अलावे मर गई
25:27मेरी बेटी को तो नसी भी खुल गया माशा आला चे
25:33तुम जहाँ?
25:37तुम जहाँ?
25:39खर और घर की सजावट देखकर ये बंदे की पसंद और उसकी आउकात का पता चल जाता है
25:48अब देखो ना
25:50तुम्हारे और मेरे घर की सजावट में जमीन आसमान का फर्द है
25:55पर जाहर है तुम और तुम्हारी बेटी खुद पर पैसा खरच करती है
26:00जबके मैं घर को तरजी देती हम और मेरी बेटी के आदत भी ऐसी है
26:08क्यों फजल ठीक का ना मैंने तुमने तो मेरा खर देखा ही एक एक चीज मुह से बोलती है
26:15आप लोग तरचीर रखें और गप्शप करें मैं साब को बेजता होगी
26:20हम मुझे नहीं बता था कि तुम्हें भी असीर सापने दावत दे रखी है
26:27क्यों हमें क्यों ना बिलाते हम सायों का हक तो पहला होता है ना
26:33जी बिलकुल इन्होंने बड़ा साथ दिया हमारा घर की सफाई सुत्राई और सेटिंग में असलाम लेकुम कैसे आप
26:42अलेकुम असलाम आप कैसी है मैं बिलकुल ठीक आप अकेली आई हैं आपकी बेटीनी नजर आ रही अरीबा का है
26:51जी जी मैं अकेली आई है
26:54मैंने तो फूरी फैमिली को दावत दी थी
26:59अरीबा ठीक कह रही थे
27:02अरीबा के नाने पर कैसे रंग उड़ गया है इसका
27:06लेकिन ये तापिंदा यहां क्या कर रही है
27:09सब खेरियत हैं उनका फोन भी बन जा रहा है
27:15जी उसका फोन खराब हो गया बनने के लिए दिया हुआ है
27:19तो आप मुझे बताती मैं फॉरन नया फोन भीजवा देता
27:23पता होता तो बताई देती अगर क्या करूं ये भी तो मजबूरी थी
27:27अरे आप क्यों जहमत करते बनने के लिए दिया है ना एक दो दिन में आ जाएका
27:34एक दो रोज कुछ ज्यादा नहीं तो रोज तो गुजर चुके अच्छा चले खाना खाते हैं
27:44आपका घर माशलास एक बहुत खुबसूरत है जी घर इंसान के जौप को जाहर करता है
27:51एक्जाटली और मेरी ताविंदा को तो घर करस्ती का बहुत शौक है बलके हमारा सारा घर ताविंदा नहीं सजाए
28:00इसने तो इंटेरियर के कुछ कोर्सेस भी किये हैं आप आये ने कभी हमारे घर ताविंदा आपको अपने डिजाइन की हुए चीज़े दिखाएगी
28:10चीज़े दिखाएगी खमाल करती हो फरकंदा हसीब साब इतने मसरूफ तरीन इंसान है इनके पास इतना टाइम कहां कि वो तुमारे गर आए
28:22मसरूफियत तो होती है लेकिन अपलों के लिए तो वक्त निकालना पड़ता है यैसे आप सबने हमारी छोटी सी दावत के लिए वक्त निकाला चीज़े सर खाना सर्फ कर दिया है चलिए आईए खाना काते है प्लीज बहुत त्यारा खरेमाश आया आपका कर दिया है
28:52आया नहीं अब वो अरीबा खाएं अपने रोम में होगी खेरियत वो में अरीबा ये हाथ में क्या है
29:07आप समझ की तुम शायद बताना नहीं चाहते है मझे ऐसा ही है ना अरे नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है
29:20कोई खास नहीं बस वो अरीबा के लिए मुबाइल लेकर आया था
29:27कमरे में होगी जाओ जाकर देरो और ममानी घर पर नहीं
29:50हसीब साब आपने तो कुछ ज्यादा ही तकल्फ कर लिया अरे तकल्फ कैसा जी महमान नवाजी है
30:01आपकी महमान नवाजी और फराग दिली तो पूरे महले में मश्यूर है
30:06फ़र नहीं इसे कौन महलेदारों में एक गिफ्ट बांटता है
30:10क्यों सबैदा?
30:13हाँ हाँ
30:14बिल्कुल ऐसे ही है
30:16ये तो जी बस दूसरों को करीब लाने का बहाना है
30:20और वैसे भी हुकम है कि एक दूसरे को तोफे दिया करो इससे प्यार और महबत बढ़ता है
30:26और मुझसे ज्यादा प्यार और महबत का ज़रुरत बंद कौन होगा?
30:30हाँ
30:31अकेला रहता हूँ, अपना अकेलापन दूर करने के लिए ये सब कुछ करता रहता हूँ
30:37मगे अब आपको ये अकेलापन महसूस नहीं होना चाहिए
30:42हाँ हाँ, बिल्कुल
30:44मेरी अरीवा में आपकी बहुत फिकर करती है
30:49बहुत शुक्रिया जरह नमाजी है उनकी
30:52हाल में माड़की, यह चमर तो सोने का है
31:00जुबैदा, अब हम कोई राजा और महराजाओं के दौर में थोड़ी रहते हैं, जो सोने और चांदी के बर्तनों में खाना खाएंगी
31:11नहीं, अमी, सोने चांदी के बर्तन अब भी बनते हैं, जो बहुत मक्सूस लोग और जिने बहुत मक्सूस लोग खरीदते हैं, जो अफोर्ड कर सकते हैं
31:29बिल्कुल दरुसका आपने, यह दरसल में गोल्ड प्लेटेड होते हैं, टर्की से लाया था मैं
31:36अच्छा, छोड़िए इन बातों को, खाना शूर करें
31:41अयान तुम, इस वक्त मेरे कमरे में, कोई देख लेगा, अम्मा
32:08अम्मी, घर पे नहीं है, इसलिए तु इतने सकून से ख़ड़ा हो या, मनना तो मैं यहां ख़ड़े होने का सोच भी नहीं सकता
32:17हां मगर, तुम्हें किसमें बताया कि अम्मा घर पे नहीं है?
32:21वो, ताबीन नहीं
32:25ताबीन, अच्छा, फिर कोई काम था?
32:33काम नहीं था, फिर?
32:38बस तुम्हारे चेरे पे खुशी बेखना चाहता था इसलिए तुम्हारे लिए यह ले आया
32:45अच्छा है लेकिन वैसा नहीं है जैसा मुझे चाहिए था
33:01लेकिन कैर तुम ला भी तु यही सकते हो
33:06मचे तो लगा था तुम इसे देख के बहुत खुश हो चाहोगी तुम्हें कुश देख के मुझे खुशी होगी
33:18फिलाल तो मेरी इतनी हैसिया था लेकिन एक दिन तुमारी वह खाईश में बुरी खत्व हां
33:28कब हां आयान जब मैं बुरी हो जाओंगी और तब कर भी दोगे तो क्या फाइदा हां
33:36चलता हूं रुको अब आयो तो चाह पी कर जाना चाह लाती हूं नहीं फिर कभी
33:48है बिचारा पैसे जोड़ जोड़ के जोड़ जोड़ के मेरे लिए फोन लेकर आया लेकिन वो भी ये खटा रहा
34:18मैं आयान से मुहबबत करती है आज से नहीं हमेशा से जब से पैदा हैं तब से उस ही को देखा है उस ही को चाहा है
34:32आयान मेरी इस मुहबबत से अंचान है लेकिन एक ना एक दिन वो इस मुहबबत का इकरार जरूर करें
34:38क्या बात है इतनी अमर्जनसी में बुलाया है सब खेरियत तो है
34:47क्या हो गया बड़े उधास लगर हो
34:51मैं वापिस जा रहा हूँ
34:54मगर उस दिन तो तुम रुकने का कह रहे थे अब क्या हो गया
34:58उस दिन तक कुछ उमीद बाकी थे
35:02जो अब खतम हो गया
35:06अच्छा तो उसने इंकार कर दिया
35:09हाँ
35:15इंकार तो उसने पहले ही कर दिया था
35:20मैं बस वज़ा जानना चाहता था
35:25तो क्या है उसके इंकार की वज़ा
35:27कैसी अजीब बात है
35:31मेरी महब्बत से इंकार की वज़ा भी
35:36महब्बत निकलिया
35:40मतलब
35:42श्यार वो अपने कजन से महब्बत करती है
35:47बच्पन से
35:51और बच्पन की महब्बत के आगे ये
35:58ये चार दिन की महब्बत कहां टिक पाती है
36:03सो मेरी महब्बत ने आज हद त्यार डाल दी
36:12अफसोस इस बात का है के
36:17सिंदगी में पहली बार इस दिलने किसी को चाहा
36:26और उसे इन्कार करती
36:31यार दिल बुरा क्यूं कर रहे हो
36:33वो कुई लड़की आखिरी लड़की ठोड़ी है
36:36और लोगों को तो महब्बत बार-बार होती है
36:40कुछ लोगों को तो रोज एक नहीं महब्बत हुती है
36:47मेरे नस्दीग सिंदगी की पहली महब्बत या आखरी महब्बत होती
36:56मगर ये दुख हमेशा मेरे साथ रहे को
37:03सिंदगी की पहली महब्बत और
37:10वो भी ना काम ना काम रहे को