' जहां जन-जन जुड़ता है, वहां जलाशय जीवन पाते हैं। यही दृश्य रविवार को फलसूण्ड गांव के सैणी तालाब पर नजर आया, जहां राजस्थान पत्रिका के अमृतम् जलम् अभियान के तहत श्रमदान कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भागीदारी कर तालाब को नया रूप दे दिया। सुबह की पहली किरण के साथ ही गांव के पुरुष, महिलाएं और युवा तालाब पर जुटे। फावड़े, गेतियों और तगारियों के साथ तालाब के तल में जमा कचरा, सूखी झाड़ियां और बबूल के झुरमुटों को हटाया गया। तालाब का हर कोना साफ करने का संकल्प लिए ग्रामीणों ने करीब दो घंटे तक लगातार मेहनत की। कुछ स्थानों पर झाड़ियों को नियंत्रित रूप से जलाकर साफ किया गया। थोड़ी ही देर में तालाब का चेहरा बदल गया – जहां पहले गंदगी और झाड़ियां थीं, वहां अब स्वच्छता और सजगता थी।
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