बारावरदा. सीतामाता अभयारण्य स्थित पंचायत पाल व मांडकला की ओर से चार दिवसीय मेले का समापन हो गया। वहीं मेला समापन के बाद भी कई इलाकों से लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने यहां पहुंचकर प्रकृति का लुत्फ उठाया। वहीं सीतामाता मंदिर में दर्शन किए। यहां लगी दुकानों पर खरीदारी भी की गई।
सीता माता का मेले का आयोजन 4 जून से 7 जून तक हुआ। मेले में लगातार चार दिनों में करीब 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने सीतामाता मंदिर में दर्शन किए। वहीं मेला समापन के बाद भी हजारों की संख्या में मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के लोग वाहनों से पहुंचे। वहीं शुक्रवा रात को बरसात होने से मौसम में बदलाव हुआ। जिसके कारण तापमान में कमी हो गई। जिसके कारण यात्रियों की संख्या और बढ़ गई। मौसम खुशनुमा हुआ और दुकानदारों ने अपना सामान समेट कर रवाना होने लगे। लेकिन लोगों की आवक अधिक होने से दुकानें लगाई।
मेला समापन पर कार्यक्रम
्रयहां मेला समापन की घोषणा के साथ ही शुक्रवार शाम को कार्यक्रम हुआ। जिसमें ग्राम पंचायत मांडकाला सरपंच संगीता मीणा ने मेले की समाप्ति की घोषणा की। सहायक वन संरक्षक सोमेश्वर त्रिवेदी ने दुकानदारों को समय से दुकान बंद करने को लेकर निर्देश दिए। साथ ही प्लास्टिक व कचरे को एकत्रित कर अपने साथ ले जाकर सेंचुरी से बाहर डालने की अीपल की। इस मौके पर ग्राम विकास अधिकारी दीपक कुमार परमार ने मेला समिति के बाद साफ सफाई का अभियान चलाकर मेले में गंदगी को सफाई की। इस मौके पर समापन के दौरान सरपंच संगीता मीणा, ग्राम सचिव बाबूलाल मीणा, सुरेश गायरी, राकेश मीणा व वार्ड पंच मौजूद रहे।
मेले में दिखा टेटू का क्रेज
यहां मेले में इस बार टेटू बनाने का क्रेज दिखा। युवाओं ने अपने हाथ, गर्दन और सीने पर भी टैटू बनवाए। वहीं महिलाओं ने श्रंगार सामग्री की खरीदारी की। मेले में शहरी लोग भी पहुंचे। जहां उदयपुर से आए लोगों ने प्रकृति का लुत्फ उठाया। यहां अर्जुन के पेड, चिरौली और 12 बीघा का बरगद भी देखने लोग पहुंचे।
सीता माता का मेले का आयोजन 4 जून से 7 जून तक हुआ। मेले में लगातार चार दिनों में करीब 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने सीतामाता मंदिर में दर्शन किए। वहीं मेला समापन के बाद भी हजारों की संख्या में मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के लोग वाहनों से पहुंचे। वहीं शुक्रवा रात को बरसात होने से मौसम में बदलाव हुआ। जिसके कारण तापमान में कमी हो गई। जिसके कारण यात्रियों की संख्या और बढ़ गई। मौसम खुशनुमा हुआ और दुकानदारों ने अपना सामान समेट कर रवाना होने लगे। लेकिन लोगों की आवक अधिक होने से दुकानें लगाई।
मेला समापन पर कार्यक्रम
्रयहां मेला समापन की घोषणा के साथ ही शुक्रवार शाम को कार्यक्रम हुआ। जिसमें ग्राम पंचायत मांडकाला सरपंच संगीता मीणा ने मेले की समाप्ति की घोषणा की। सहायक वन संरक्षक सोमेश्वर त्रिवेदी ने दुकानदारों को समय से दुकान बंद करने को लेकर निर्देश दिए। साथ ही प्लास्टिक व कचरे को एकत्रित कर अपने साथ ले जाकर सेंचुरी से बाहर डालने की अीपल की। इस मौके पर ग्राम विकास अधिकारी दीपक कुमार परमार ने मेला समिति के बाद साफ सफाई का अभियान चलाकर मेले में गंदगी को सफाई की। इस मौके पर समापन के दौरान सरपंच संगीता मीणा, ग्राम सचिव बाबूलाल मीणा, सुरेश गायरी, राकेश मीणा व वार्ड पंच मौजूद रहे।
मेले में दिखा टेटू का क्रेज
यहां मेले में इस बार टेटू बनाने का क्रेज दिखा। युवाओं ने अपने हाथ, गर्दन और सीने पर भी टैटू बनवाए। वहीं महिलाओं ने श्रंगार सामग्री की खरीदारी की। मेले में शहरी लोग भी पहुंचे। जहां उदयपुर से आए लोगों ने प्रकृति का लुत्फ उठाया। यहां अर्जुन के पेड, चिरौली और 12 बीघा का बरगद भी देखने लोग पहुंचे।
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