चेन्नई. तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम (टीएनएसटीसी) कार्तिगै दीपम महोत्सव पर राज्यभर के विभिन्न शहरों से तिरुवण्णामलै तक 10,109 बसें चलाएगा।
ये विशेष बसें 12 से 15 दिसंबर तक चलेंगी। इनमें से 1,982 बसें चेन्नई से चलेंगी और 8127 बसें सेलम, वेलूर, कांचीपुरम, पुदुचेरी, कुंभकोणम, कोयबत्तूर, मदुरै और तिरुनेलवेली सहित अन्य क्षेत्रों से चलेंगी। लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्री टीएनएसटीसी वेबसाइट या आधिकारिक यात्री टीएनएसटीसी ऐप के माध्यम से राउंड-ट्रिप टिकट बुक कर सकते हैं। तिरुवण्णामलै में अन्नामलैयार मंदिर के इर्द-गिर्द केंद्रित 10 दिवसीय कार्तिगै दीपम उत्सव 4 दिसबर को शुरू हुआ।
अंधकार पर प्रकाश की विजय
तमिलनाडु का एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आकर्षण यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। यह हर साल हजारों भक्तों को आकर्षित करता है। महोत्सव का मुय कार्यक्रम 2,668 फुट ऊंची अन्नामलै पहाड़ी के ऊपर महादीपम जलाना है, जो सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्वयुक्त एक सदियों पुरानी परंपरा है। इस अनुष्ठान के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कड़ाही को 20 मछुआरों की एक टीम द्वारा मंदिर के पीछे सात किलोमीटर के रास्ते पर ले जाया जाता है, जो स्थानीय विरासत से गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।
दीप जलाने की रस्म जारी रहेगी
अधिकारियों ने घोषणा की है कि 13 दिसंबर को महादीपम महोत्सव में भक्तों को अरुणाचलेश्वर मंदिर के पास अरुणाचल पहाड़ियों पर चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय 1 दिसंबर को हुए भूस्खलन के मद्देनजर लिया गया है, जिसमें बच्चों सहित 7 लोगों की जान चली गई थी। अधिकारियों ने गीले इलाके को सुरक्षा चिंता का विषय बताया। पहाड़ियों के ऊपर दीप जलाने की रस्म जारी रहेगी। समारोह के लिए पारंपरिक रूप से जिमेदार मछुआरों को ही चढ़ने की अनुमति होगी।
ये विशेष बसें 12 से 15 दिसंबर तक चलेंगी। इनमें से 1,982 बसें चेन्नई से चलेंगी और 8127 बसें सेलम, वेलूर, कांचीपुरम, पुदुचेरी, कुंभकोणम, कोयबत्तूर, मदुरै और तिरुनेलवेली सहित अन्य क्षेत्रों से चलेंगी। लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्री टीएनएसटीसी वेबसाइट या आधिकारिक यात्री टीएनएसटीसी ऐप के माध्यम से राउंड-ट्रिप टिकट बुक कर सकते हैं। तिरुवण्णामलै में अन्नामलैयार मंदिर के इर्द-गिर्द केंद्रित 10 दिवसीय कार्तिगै दीपम उत्सव 4 दिसबर को शुरू हुआ।
अंधकार पर प्रकाश की विजय
तमिलनाडु का एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आकर्षण यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। यह हर साल हजारों भक्तों को आकर्षित करता है। महोत्सव का मुय कार्यक्रम 2,668 फुट ऊंची अन्नामलै पहाड़ी के ऊपर महादीपम जलाना है, जो सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्वयुक्त एक सदियों पुरानी परंपरा है। इस अनुष्ठान के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कड़ाही को 20 मछुआरों की एक टीम द्वारा मंदिर के पीछे सात किलोमीटर के रास्ते पर ले जाया जाता है, जो स्थानीय विरासत से गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।
दीप जलाने की रस्म जारी रहेगी
अधिकारियों ने घोषणा की है कि 13 दिसंबर को महादीपम महोत्सव में भक्तों को अरुणाचलेश्वर मंदिर के पास अरुणाचल पहाड़ियों पर चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय 1 दिसंबर को हुए भूस्खलन के मद्देनजर लिया गया है, जिसमें बच्चों सहित 7 लोगों की जान चली गई थी। अधिकारियों ने गीले इलाके को सुरक्षा चिंता का विषय बताया। पहाड़ियों के ऊपर दीप जलाने की रस्म जारी रहेगी। समारोह के लिए पारंपरिक रूप से जिमेदार मछुआरों को ही चढ़ने की अनुमति होगी।
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01:00I
01:30don't know what to do, I don't know what to do, I don't know what to do.