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रावतभाटा/ कोटा. वेदर सर्कुलेशन सिस्टम के चलते राणा प्रताप सागर बांध के कैचमेंट में शनिवार रात तेज बारिश के बाद चंबल की सहायक नदी गुंजाली में उफान आ गया। पानी की आवक को देखते हुए रविवार को राणा प्रताप सागर बांध का एक गेट खोलकर जलप्रवाह शुरू किया गया। इसके चलते जवाहर सागर के दो व कोटा बैराज के चार गेट खोले गए। पहली बार अक्टूबर में चम्बल के बांधों के गेट खोले गए हैं। इससे पहले सायरन बजाकर डाउन स्ट्रीम क्षेत्र में रह रहे लोगों को अलर्ट किया गया।

कोटा-रावतभाटा राणा प्रताप सागर बांध के अधीक्षण अभियंता एजाजुद्दीन अंसारी ने बताया कि हमेशा अगस्त व सितम्बर में ही चम्बल के बांधों के गेट खुलते आए हैं। तीन दशक बाद पहली बार अक्टूबर में बांधों के गेट खुले हैं। इससे पहले कब खुले थे, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
राणा प्रताप सागर बांध का रविवार दोपहर 12 बजकर 26 मिनट पर गेट नंबर 11 खोलकर 34 हजार 330 क्यूसेक और विद्युत उत्पादन कर 8 हजार 868 क्यूसेक पानी की प्रति सैकंड निकासी की गई। बांध में 43 हजार 198 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। जवाहर सागर बांध के दो गेट खोलकर 34 हजार 248 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। यहां 46 हजार 406 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। विद्युत उत्पादन कर 12258 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। कोटा बैराज के चार गेट खोलकर 46 हजार 164 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। गांधीसागर बांध का जलस्तर पूर्ण भराव क्षमता 1312 फीट के मुकाबले 1311.60 फीट दर्ज किया गया। 3919 क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई है। यहां विद्युत उत्पादन कर 2811 क्यूसेक पानी की निकासी जारी है।

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