Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 7/30/2024
सेलम. तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को 11 जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है, क्योंकि मेटूर बांध का जलस्तर 1 या 2 दिनों के भीतर 120 फीट तक पहुंचने की संभावना है और कावेरी नदी के माध्यम से बांध से किसी भी समय बाढ़ का अतिरिक्त पानी छोड़ा जा सकता है। अधिकारियों के अनुसार सोमवार दोपहर 12 बजे मेटूर बांध का जलस्तर: 117.380 फीट (कुल क्षमता 120 फीट) था, वर्तमान भंडारण 89353 एमसीएफटी है, पानी का प्रवाह 121934 सी/एस और बहिर्वाह 20000 सी/एस है। 18 जुलाई को बांध का जलस्तर 50 फीट था जो एक सप्ताह में 50 फीट और बढ़ कर शनिवार को 100 फीट तक पहुंच गया। सोमवार सुबह जलस्तर 116 फीट तक बढ़ गया। वहीं बांध से पानी की रिहाई को बढ़ाकर 16,000 क्यूबिक फीट कर दिया गया है। इस हालात में मेट्टूर बांध कुछ ही घंटे में अपनी पूरी क्षमता 120 फीट तक पहुंच जाएगा। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि बांध से पूरा अधिशेष पानी कावेरी डेल्टा में छोड़ा जा सकता है।

जल स्तर सोमवार सुबह 8 बजे 116,360 फीट तक पहुंचा

जल संसाधन विभाग ने कहा है कि मेटूर बांध का जल स्तर सोमवार सुबह 8 बजे 116,360 फीट तक पहुंच गया। दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण अगले कुछ दिनों में इसके 120 फीट तक पहुंचने की उम्मीद है और बांध से अतिरिक्त पानी कभी भी कावेरी नदी में छोड़ा जा सकता है। बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। इसलिए कावेरी के किनारे रहने वाले और निचले इलाकों में रहने वाले सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए और अपने जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए सभी एहतियाती उपाय करने चाहिए। यह परिपत्र 11 जिला कलक्टरों को भेजा गया है, जिनमें सेलम, ईरोड, नामक्कल, करुर, तिरुचि, अरियलूर, तंजावुर, तिरुवारुर, नागपट्टिनम, मईलाडुतुरै और कडलूर शामिल हैं।

पिछले साल कर्नाटक ने तमिलनाडु को पानी नहीं छोड़ा था
सेलम जिला स्थित मेटूर बांध कावेरी डेल्टा सहित 12 जिलों की कृषि सिंचाई जरूरतों को पूरा करता है और कई जिलों को पीने का पानी भी उपलब्ध कराता है। कर्नाटक से आने वाला और भारी बारिश का पानी मेटूर बांध में संग्रहित कर उपयोग किया जाता है। भारी बारिश के कारण कर्नाटक को तमिलनाडु को पानी छोडऩा पड़ा। पिछले साल कर्नाटक ने तमिलनाडु को पानी नहीं छोड़ा था, इसलिए मेटूर बांध का जलस्तर 30 फीट तक गिर गया जिससे बांध से पानी सिंचाई के लिए नहीं छोड़ा गया। इस साल भी 10 जुलाई तक कर्नाटक ने तमिलनाडु को पानी नहीं छोड़ा, जबकि कावेरी प्रबंधन समिति ने राज्य को 12 से 31 जुलाई तक प्रतिदिन 1 टीएमसी पानी छोडऩे का आदेश दिया था, लेकिन राज्य में भारी बारिश के कारण कर्नाटक को तमिलनाडु को पानी छोडऩा पड़ा। कावेरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण, कर्नाटक में केआरएस और काबिनी सहित बांध क्षमता से अधिक भर गए। कावेरी नदी में तमिलनाडु को पूरा अधिशेष पानी छोड़ दिया गया। इससे पिछले दो हफ्तों में बांध में पानी का प्रवाह बढ़ गया है।

Category

🗞
News
Transcript
00:00you
00:30you

Recommended