छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और भारत की जनवादी नौजवान सभा ने अखिल भारतीय मांग दिवस के अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित मांग पत्र और जिलाधिकारी को सम्बोधित मांग पत्र प्रशासनिक अधिकारी सुल्तानपुर को सौंपा ।
प्रदेश अध्यक्ष विवेक विक्रम सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिना संसद में पेश किये और शिक्षाविदों ,छात्र संगठनों के सुझावों को दरकिनार करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को कैबिनेट से मंजूरी दे दी ,जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है । ऐसे में छात्र और शिक्षक विरोधी शिक्षा नीति का हम विरोध करते हैं । जिसे रद्द करने किया जाय ।
भारत की जनवादी नौजवान सभा के जिला सचिव शिवपूजन पाण्डेय ने कहा कि पूरे देश मे लॉक डाउन के बाद से नौजवानों की स्थिति बदत्तर बनी हुई है उनका रोजगार छीन चुका है और ऐसी भयावह स्थिति में सरकार को नौजवानों के साथ खड़ा होना चाहिए जबकि हमारी सरकार रोजगार सृजन ना करके रोजगार छटनी करने में जुटी हुई है ।रोजगार के सवाल पर आत्मनिर्भर बननें का भद्दा मजाक कर रही है वह भी उस समय जब देश का नौजवान भयानक आर्थिक तंगी का सामना करते हुए अपने घरों पर बैठा है। हमारा संगठन महामहिम राष्ट्रपति से यह मांग करता है कि सरकार के द्वारा भर्तियों पर लगाई गई रोक को तत्काल समाप्त करें और नई भर्तियों का सृजन करके नौजवानों को काम दें ।
छात्र संगठन एसएफआई के जिला सचिव सौरभ मिश्रा ने कहा कि पिछले 5 महीनों से लगातार स्कूल-कॉलेज बंद पड़े हुए हैं लेकिन निजी स्कूलों की तरफ से लगातार अभिभावकों के पास फीस वसूली के संदेश भेजकर दबाव बनाया जा रहा है वह भी तब जब स्कूल पूरी तरह से बंद पड़े हैं, ऑनलाइन क्लासेस सिर्फ कोरम पूर्ति हैं ।जनपद के बहुतायत अभिभावक इस व्यवस्था में शामिल भी नहीं है फिर भी ये वसूली जारी है । हमारा संगठन जिलाधिकारी सुल्तानपुर से यह मांग करता है की जब तक स्कूल खोलें नहीं जाते हैं तब की पूरी फीस माफ किया जाए।
भारत की जनवादी नौजवान सभा के उपाध्यक्ष शशांक पांडे ने कहा कि मौजूदा केंद्र की सरकार ने इस वैश्विक आपदा के दौरान कहा था कि हम आपदा को अवसर में बदल देंगे, लेकिन हकीकत में वह अवसर जनता के गले में फांसी के फंदे के समान हो गई है । रेल, बीएसएनएल, आदि सार्वजनिक संपत्तियों को निजी हाथों में देने का काम शुरू हो गया है । उन्होंने कहा कि भारी संख्या में सरकारी पदों को खत्म किया गया है, रोजगार पर चौतरफा हमला हो रहा है । संसद जैसे लोकतांत्रिक स्थान पर प्रश्नकाल पर ही रोक लगा देना इस सरकार की हिटलर शाही का प्रमाण है। हम मांग करते है कि इस आपदा के दौरान बर्बाद हो चुके लोगों के लिए तत्काल रोजगार की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाय अथवा उन्हें बेरोजगारी भत्ता मुहैया कराया जाए।
प्रदेश अध्यक्ष विवेक विक्रम सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिना संसद में पेश किये और शिक्षाविदों ,छात्र संगठनों के सुझावों को दरकिनार करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को कैबिनेट से मंजूरी दे दी ,जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है । ऐसे में छात्र और शिक्षक विरोधी शिक्षा नीति का हम विरोध करते हैं । जिसे रद्द करने किया जाय ।
भारत की जनवादी नौजवान सभा के जिला सचिव शिवपूजन पाण्डेय ने कहा कि पूरे देश मे लॉक डाउन के बाद से नौजवानों की स्थिति बदत्तर बनी हुई है उनका रोजगार छीन चुका है और ऐसी भयावह स्थिति में सरकार को नौजवानों के साथ खड़ा होना चाहिए जबकि हमारी सरकार रोजगार सृजन ना करके रोजगार छटनी करने में जुटी हुई है ।रोजगार के सवाल पर आत्मनिर्भर बननें का भद्दा मजाक कर रही है वह भी उस समय जब देश का नौजवान भयानक आर्थिक तंगी का सामना करते हुए अपने घरों पर बैठा है। हमारा संगठन महामहिम राष्ट्रपति से यह मांग करता है कि सरकार के द्वारा भर्तियों पर लगाई गई रोक को तत्काल समाप्त करें और नई भर्तियों का सृजन करके नौजवानों को काम दें ।
छात्र संगठन एसएफआई के जिला सचिव सौरभ मिश्रा ने कहा कि पिछले 5 महीनों से लगातार स्कूल-कॉलेज बंद पड़े हुए हैं लेकिन निजी स्कूलों की तरफ से लगातार अभिभावकों के पास फीस वसूली के संदेश भेजकर दबाव बनाया जा रहा है वह भी तब जब स्कूल पूरी तरह से बंद पड़े हैं, ऑनलाइन क्लासेस सिर्फ कोरम पूर्ति हैं ।जनपद के बहुतायत अभिभावक इस व्यवस्था में शामिल भी नहीं है फिर भी ये वसूली जारी है । हमारा संगठन जिलाधिकारी सुल्तानपुर से यह मांग करता है की जब तक स्कूल खोलें नहीं जाते हैं तब की पूरी फीस माफ किया जाए।
भारत की जनवादी नौजवान सभा के उपाध्यक्ष शशांक पांडे ने कहा कि मौजूदा केंद्र की सरकार ने इस वैश्विक आपदा के दौरान कहा था कि हम आपदा को अवसर में बदल देंगे, लेकिन हकीकत में वह अवसर जनता के गले में फांसी के फंदे के समान हो गई है । रेल, बीएसएनएल, आदि सार्वजनिक संपत्तियों को निजी हाथों में देने का काम शुरू हो गया है । उन्होंने कहा कि भारी संख्या में सरकारी पदों को खत्म किया गया है, रोजगार पर चौतरफा हमला हो रहा है । संसद जैसे लोकतांत्रिक स्थान पर प्रश्नकाल पर ही रोक लगा देना इस सरकार की हिटलर शाही का प्रमाण है। हम मांग करते है कि इस आपदा के दौरान बर्बाद हो चुके लोगों के लिए तत्काल रोजगार की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाय अथवा उन्हें बेरोजगारी भत्ता मुहैया कराया जाए।
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