Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 5/5/2020
प्रयागराज | गंगा यमुना सरस्वती का पावन संगम तट जहां हर दिन लाखों लोगों की भीड़ पतित पावनी की अविरल धारा के दर्शन स्नान पूजन के लिए यहां पंहुचती थी। वैदिक कर्मकांड के मंत्र यहां सुनाई देते थे। संगम के तट पर बैठे पुरोहितों से अपने पुरखों का धार्मिक विरासत भी जानने यहां हर दिन लोग आया करते थे। लेकिन दुनियां भर में मौत का खौफ बन चुका कोरोना वायरस जहां आम जनजीवन के लिए मुश्किल हालात खड़े कर दिए है। त्रिवेणी के तट पर रह कर जीवन यापन करने वाले लाखों परिवार इस मुश्किल घड़ी से निकलने की कामना कर रहा है।
हाँ ये सच है की इन सब के बीच मोक्षदायिनी माँ गंगा के लिए यह समय वरदान साबित हो रहा है। लॉकडाउन की वजह से इन दिनों कल कारखाने बंद हैं। गंगा के घाटों पर श्रद्धालुओं की आवाजाही भी ठप हो गई है। घाटों पर न गंदगी फैल रही है और न ही गंगा में टेनरियों का गंदा पानी गिर रहा है। इससे गंगाजल की शुद्धता पहले के मुकाबले बढ़ गई है। मटमैला सा दिखने वाला गंगाजल अब हल्का दूधिया सा नजर आने लगा है। संगम नगरी मे वैसे तो इन दिनों श्रधालुओं का आना कम हो जाता है लेकिन तीर्थयात्री यहाँ भर आते है। जिनके सहारे घाट पर रहने वाले के साथ आस -पास के मठ मंदिरों में भी वर्ष भर रौनक रहती है। लेकिन इन दिनों सब कुछ लॉकडाउन के चलते बंद है। वही लेकिन साधु संत और गंगा सेवक सालों बाद गंगा निर्मलता और अविरलता को देखकर उत्साहित हैं।

Category

🗞
News

Recommended