अमरकंटक से निकली मां नर्मदा क्यों अद्भुत है? उनकी परिक्रमा का क्या महत्व है, परिक्रमा के प्रकार और उसे करने को लेकर एक्सप्लेनर स्टोरी.
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00:00I amrkuatun ki joh dhara hai meikal suta in ko kaha gaya hai
00:05meikal ki pavet sireniyo se amar kancak se nikli hui hai
00:09amar kancak mei inka kund hai jahase pravahit hoti hai
00:13aap janta hai
00:15lekiin ye biseis nadi is liyaya hai
00:18ki ye bola gaya hai
00:19saastruna mei ye pramani thai ki
00:21ganga mei jis tờ ai isnan se
00:23aur sarasuti ka jis tờ ai ismaran se
00:26और यमुना का जिस तरह जल पीने से बैक्ति मुक्ति के धाम में जाता है उस तरह नर्वदा मा के सिर्फ दरसन मातर से ये हो जाता है
00:39इसलिए ये विसेश नदी हैं और जितने भी हमारे सनातन परंपरा में भारती ग्यान परंपरा में जितने ऐसे लोग हुए हैं
00:49जिनको हम आध्यात्मिक रूप से एक इस्तम्भ मानते हैं आध्यात्मिक का चाहे वो जगतगुर संकराचार हों
00:56चाहे यदि फकीरी में देखा जाये तो कवेरदास हों
01:01और चाहे हमारे पूर्व रिसी चावन हों
01:05जिन्होंने मतलब स्वास्त के लिए इतना सोध किया था
01:10तो ये सब नर्वदा तटपे ही हुए हैं
01:14और ये माना जाता है प्राकृतिक रूप से भी और सनातिनी परंपरा रूप से भी
01:19कि जो भी नर्वदा जी के किनारे रहके तप करता है न वो परंसिद्ध हो जाता है
01:25उल्टी दिसा में बहने का तो उनका एक प्राकृतिक कारण भी हो सकता है
01:30by adhyatmics karenge
01:58bei adhyatmics karenge
02:00and he who has the same thing,
02:05this is a person who does the same thing.
02:07So he still says that 21 years ago
02:10he who has dilated and aged aged
02:14he has already already worked
02:17and the person who does the same thing,
02:19he has written in the name of the priest
02:21in his work of medically.
02:23We have seen this in the past
02:25that he has taken care of
02:27and found the same thing who does the same thing.
02:29परिक्रमा का तो नर्वदा जी के इसलिए महत्यो है कि जब हम यह बोलते हैं सास्तों में कहा गया कि दर्शन मात्र से ही मुक्ति मिलती है जी नर्वदा जी के तो दर्शन करना मतलब पूर्ण दर्शन करना
02:42तो पहला महत्योत यह है कि परिक्रमा से हम नर्वदा मा का पूरा दर्शन करते हैं
02:47और उनकी दूसरा जो हमारा सामाजिक और संस्कृतिक वातावरन का जो परियावरन है
02:54उसकी एक-एक चीजों का बहुत अभिरल धंसे नर्वदा
03:00और मा नर्वदा जीवन दाइनी के साथ समाज को पालने पोस्टने का भी काम करती हैं
03:06आप नर्वदा तटो पर जाएए यहां से लिए कि गुजरात तक जहां वो भरूच में मिलती है जाके समुद्र से
03:12वहां तक पूरी संपन्नता आपको मिलेगी